क्या उत्तर प्रदेश में अब अपनी पैठ बैठाने जा रही है कांग्रेस?

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कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में अपनी पैठ बैठाने जा रही है! लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार उम्मीद से बढ़कर रहा है। पार्टी को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य यूपी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन का पूरा फायदा मिला है। कई दशक बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने सुरक्षित दलित वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने में सफल रही है। पार्टी इस सफलता के बाद, 2027 के विधानसभा चुनाव में दलित समुदाय को अपने पाले में बनाए रखने को लेकर खास रणनीति पर काम कर रही है। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से सदन में उनके महत्व को उजागर किया है। इसके बाद, कांग्रेस के भीतर कई लोगों का मानना है कि प्रसाद को प्रमुखता देने से दलितों के बीच यह संदेश जाएगा कि इंडिया ब्लॉक समुदाय के सदस्यों को नेतृत्व की भूमिका देने के लिए तैयार है। प्रसाद एक पासी दलित हैं, एक ऐसा समुदाय जो कई सीटों पर निर्णायक संख्या में है, खासकर यूपी के अवध क्षेत्र में। कांग्रेस ने राज्य में दलित समुदाय के लिए एक व्यापक आउटरीच कैंपेन की तैयारी शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत दलितों के बीच विशेष सदस्यता अभियान, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रभावशाली दलित हस्तियों की पहचान करना, साथ ही उनके मुद्दों पर बात करने के लिए संभाग स्तरीय ‘सम्मेलन’ और जिला स्तरीय ‘दलित चौपाल’ आयोजित करना शामिल होगा। हाल ही में लखनऊ में राज्य कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य भर के प्रमुख दलित नेताओं के सुझावों को सुनने के बाद 15 दिनों का रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि हालांकि कार्यक्रम की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है,हाल के चुनावों में उन्होंने संविधान के नाम पर या राहुल जी की वजह से हमारा समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर दलित हमारा समर्थन करने के लिए एक कदम बढ़ाते हैं, तो अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनसे संपर्क करने के लिए एक और कदम बढ़ाएं। उन्होंने हमारा समर्थन किया। अब उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान खोजने की बारी हमारी है। लेकिन पहले चार सम्मेलन गोरखपुर पूर्वी यूपी, सीएम योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र, लखनऊ , वाराणसी पूर्वी यूपी, पीएम नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र और मेरठ पश्चिमी यूपी में आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है।

रिपोर्ट में पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह कदम कांग्रेस आलाकमान के निर्देश के बाद उठाया गया है। पार्टी जमीनी स्तर पर अपनी अनुसूचित इकाई को मजबूत करने के लिए संगठन में प्रमुख दलित चेहरों को नई जिम्मेदारियां देने पर भी विचार कर रही है।विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया गया।

यूपी कांग्रेस के अनुसूचित जाति (एससी) विभाग के प्रमुख और यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष आलोक प्रसाद के अनुसार दलित परंपरागत रूप से हमारे समर्थक रहे हैं, लेकिन बीच में कुछ गलतफहमियों के कारण वे समय के साथ हमसे दूर हो गए। हालांकि, हाल के चुनावों में उन्होंने संविधान के नाम पर या राहुल जी की वजह से हमारा समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर दलित हमारा समर्थन करने के लिए एक कदम बढ़ाते हैं, तो अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनसे संपर्क करने के लिए एक और कदम बढ़ाएं। उन्होंने हमारा समर्थन किया। अब उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान खोजने की बारी हमारी है।

कई लोग समाजवादी पार्टी (सपा) के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद को लोकसभा उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित कराने के विपक्ष के प्रयास को सत्तारूढ़ बीजेपी को रक्षात्मक स्थिति में लाने का एक और प्रयास मानते हैं। खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से सदन में उनके महत्व को उजागर किया है। इसके बाद, कांग्रेस के भीतर कई लोगों का मानना है कि प्रसाद को प्रमुखता देने से दलितों के बीच यह संदेश जाएगा कि इंडिया ब्लॉक समुदाय के सदस्यों को नेतृत्व की भूमिका देने के लिए तैयार है। कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य भर के प्रमुख दलित नेताओं के सुझावों को सुनने के बाद 15 दिनों का रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि हालांकि कार्यक्रम की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पहले चार सम्मेलन गोरखपुर पूर्वी यूपी, सीएम योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र, लखनऊ , वाराणसी पूर्वी यूपी, पीएम नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र और मेरठ पश्चिमी यूपी में आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है।प्रसाद एक पासी दलित हैं, एक ऐसा समुदाय जो कई सीटों पर निर्णायक संख्या में है, खासकर यूपी के अवध क्षेत्र में।