क्या अमेरिका करने वाला है चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई?

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अमेरिका अब चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने वाला है! हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब देने के लिए अमेरिका ने बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत अमेरिका सेना जापान में अपने सैन्य बलों को अपग्रेड करने के लिए 10 अरब डॉलर खर्च करने जा रही है। रक्षा विभाग ने बुधवार को बताया है कि अमेरिका दर्जनों नवीनतम लड़ाकू विमान को जापान भेजेगा। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन ने बताया है कि इनका इस्तेमाल ‘अमेरिका-जापान गठबंधन को बढ़ाने, क्षेत्रीय प्रतिरोध को मजबूत करने और हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।’ पेंटागन ने अपनी विज्ञप्ति में बताया है कि आधुनिकीकरण की योजना के तहत उत्तरी जापान के मिसावा एयरबेस पर 36 F-16 फाइटर जेट की जगह पांचवी पीढ़ी के F-35A लड़ाकू विमान लेंगे। इसके सात ही दक्षिणी द्वीप ओकिनावा के कडेना एयर बेस पर 36 नए F-35EX जेट तैनात किए जाएंगे, जो पिछले साल 48 पुराने F-15C/D जेट की जगह लेंगे। जापान का उत्तर में रूस और पूर्वी सागर में द्वीपों को लेकर चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद चल रहा है। इस बीच उत्तर कोरिया ने अपने बढ़ते मिसाइल कार्यक्रम चिंता का विषय बन गया है, जिसके तहत प्योंगयांग ने जापानी क्षेत्र में मिसाइलें भेजी हैं। पेंटागन ने यह भी कहा है कि हिरोशिमा के दक्षिण में होन्शू के मुख्य द्वीप पर स्थित मरीन कॉर्प्स एयर स्टेशन इकाकुनी में तैनात F-35B विमानों की संख्या में बदलाव किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में कोई संख्या नहीं बताई। पेंटागन की विज्ञप्ति में कहा है कि जापान में संयुक्त बल के सबसे एडवांस युद्धक विमान को तैनात करने की योजना जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता और दोनों देशों के स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है।

जापान में अमेरिकी सेना अपनी क्षमता को ऐसे समय में मजबूत कर रही है, जब टोक्यो के लिए चीन, रूस और उत्तर कोरिया का खतरा बढ़ रहा है।योजना जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता और दोनों देशों के स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। F-15EX अमेरिकी वायुसेना का सबसे नया लड़ाकू विमान है। हालांकि, यह F-35 जैसा स्टील्थ लड़ाकू विमान नहीं है, जिसे मिसावा एय़र पर तैनात किया जाना है। जापान का उत्तर में रूस और पूर्वी सागर में द्वीपों को लेकर चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद चल रहा है। इस बीच उत्तर कोरिया ने अपने बढ़ते मिसाइल कार्यक्रम चिंता का विषय बन गया है, जिसके तहत प्योंगयांग ने जापानी क्षेत्र में मिसाइलें भेजी हैं! 

जापान का कडेना एयर बेस अमेरिकी वायु सेना के 18वीं विंग का घर है। इसका महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि अमेरिकी वायु सेना इसे अपने प्रशांत क्षेत्र का आधार कहती है। चार दशकों से भी अधिक समय से वहां मौजूद F-15s इस क्षेत्र में अमेरिकी प्रतिरोध का केंद्रीय प्रतीक रहे हैं। लेकिन 2022 में डबल इंजन लड़ाकू विमानों की सेवा अवधि समाप्त होने के बाद अमेरिकी वायु सेना ने इन विमानों को कडेना से वापस बुलाना शुरू कर दिया था। ऐसे में F-14EX की स्थायी उपस्थिति एयर बेस पर अमेरिकी बलों की संरचना में स्थिरता लाएगी।बता दें कि एयर स्टेशन इकाकुनी में तैनात F-35B विमानों की संख्या में बदलाव किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में कोई संख्या नहीं बताई। पेंटागन की विज्ञप्ति में कहा है कि जापान में संयुक्त बल के सबसे एडवांस युद्धक विमान को तैनात करने की योजना जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता और दोनों देशों के स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है।  यही नहीं बता सकता चीन समुद्री रास्‍ते से मलक्‍का स्‍ट्रेट के जरिए दुनियाभर को अपना सामान भेजता है। इन देशों को उम्‍मीद है कि इस रेललाइन से आर्थिक विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साल 2018 में मलेशिया के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपत‍ि महात‍िर मोहम्‍मद ने कहा था कि इस प्रॉजेक्‍ट में बहुत ज्‍यादा खर्च आएगा और इसी वजह से वह इसे ठंडे बस्‍ते में डाल रहे हैं। उन्‍होंने कहा था, ‘मेरा मानना है कि चीन खुद भी चाहता है कि मलेशिया एक दिवालिया देश नहीं बने।’ F-15EX अमेरिकी वायुसेना का सबसे नया लड़ाकू विमान है। हालांकि, यह F-35 जैसा स्टील्थ लड़ाकू विमान नहीं है, जिसे मिसावा एय़र पर तैनात किया जाना है। अमेरिकी वायु सेना ने F-35 को लंबे समय से F-16 की जगह लेने वाले लड़ाकू विमान के रूप में देख रही है।