आज हम आपको तीसरी आंख वाले निर्मल बाबा की कहानी सुनाने जा रहे हैं! बातें करीब 12 साल पहले की हैं। बाबा अपने भक्तों को किसी देवता या लक्ष्मी जी के कारण कृपा रुकी होने का हवाला देकर काल भैरव को शराब चढ़ाने से लेकर छोले भठूरे, समोसे और गोलगप्पे को पानी विशेष के साथ खाने की सलाह दे रहे थे। आस्था में डूबे भक्त बाबा के सभी आदेशों का पालन कर रहे थे। बाबा के फोटो की डिमांड बढ़ गई थी। लोग नए-नए पर्स और बेल्ट ले रहे थे। कोई भी भक्त यह सोचने को तैयार नहीं था कि फोटो नई बेल्ट, नए पर्स से लेकर समोसे को हरे चटनी खाने से कोई धनवान बन सकता है या उसके रुके हुए काम बन सकते हैं। यूपी के हाथरस में खुद को भगवान बताने वाले स्वयंभू भोले बाबा के कार्यक्रम में मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद से एक बार फिर बाबा और उनमें भक्तों की आस्था को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आस्था के नाम पर खिलवाड़ करने वाले बाबाओं की फेहरिस्त में एक नाम निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा का भी है। साल 2012 में निर्मल बाबा सुर्खियों में आए थे। निर्मल बाबा के क्रेज को इस बात से समझा जा सकता है कि निर्मल दरबार में शामिल होने के लिए 3 हजार तो टीवी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 5 हजार रुपये फीस देनी होती थी। वो पूरी तरह से सेलिब्रिटी बन गए थे। ये रजिस्ट्रेशन वेबसाइट के जरिये होते थे। वर्ष 1976 में उनकी शादी डाल्टनगंज के ही रहने वाले दलीप सिंह बग्गा की बेटी सुषमा नरूला से हुई।भव्य ऑडिटोरियम में निर्मल दरबार लगता था। करीब 36 टीवी चैनल से लेकर न्यूज चैनल पर निर्मल बाबा का तीसरी आंख कार्यक्रम का प्रसारण होता था।
जुलाई 2012 के बाद निर्मल दरबार की गतिविधियां एक्साइज विभाग की जांच के दायरे में आईं। उस समय ‘सेवा’ के तहत अधिक क्षेत्रों को शामिल करने के लिए एक नेगेटिव सूची बनाई गई। जुलाई 2012 से दसवंद के संग्रह पर निर्मल बाबा के खिलाफ लगभग 3.58 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स लगाया गया। निर्मल बाबा पर देश के अलग-अलग हिस्सों लखनऊ, भोपाल, रायपुर और फतेहपुर में धोखधड़ी से लेकर वित्तीय अनियमितताओं के केस दर्ज हुए। वित्तीय अनियमितताओं के आरोप पर निर्मल बाबा ने इंटरव्यू में कहा था कि मेरे यहां किसी तरह की गड़बड़ नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से मेरे दावों की जांच करवाई जाए। निर्मल बाबा के अनुसार उनका टर्नओवर 235-238 करोड़ का था।
निर्मलजीत सिंह नरुला का जन्म 1952 में पंजाब के पटियाला में हुआ था। निर्मल बाबा की स्कूली शिक्षा समाना, दिल्ली और लुधियाना से हुई। उन्होंने लुधियाना के सरकारी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। स्नातक करने के बाद उन्होंने अंग्रेजी में एम.ए. की पढ़ाई की, लेकिन दो महीने बाद ही टाइफाइड हो जाने के कारण वे आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने बिजनेस में हाथ आजमाने का फैसला किया। 22 साल की उम्र में जब उन्होंने व्यवसाय करने का फैसला किया, तो उन्हें अपनी मां से 90,000 रुपये मिले। वर्ष 1974 में वे ईंट भट्टा व्यवसाय करने के लिए डाल्टनगंज चले गए। वर्ष 1976 में उनकी शादी डाल्टनगंज के ही रहने वाले दलीप सिंह बग्गा की बेटी सुषमा नरूला से हुई।
इसके बाद उन्होंने कपड़ों का कारोबार किया। बाद में रांची जाकर उन्होंने चूना पत्थर और कोयले का बिजनेस शुरू किया। बाद में एक दुर्घटना के बाद उन्हें एक साल से अधिक समय तक बेड पर ही रहना पड़ा। ऐसे में रांची में उनका बिजनेस ठप हो गया। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी के साथ 1983 में अपने दो बच्चों के साथ दिल्ली आकर नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया। दिल्ली में उन्होंने समागम करना शुरू कर दिया।निर्मल दरबार में शामिल होने के लिए 3 हजार तो टीवी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 5 हजार रुपये फीस देनी होती थी। वो पूरी तरह से सेलिब्रिटी बन गए थे। ये रजिस्ट्रेशन वेबसाइट के जरिये होते थे। भव्य ऑडिटोरियम में निर्मल दरबार लगता था। करीब 36 टीवी चैनल से लेकर न्यूज चैनल पर निर्मल बाबा का तीसरी आंख कार्यक्रम का प्रसारण होता था। इसके बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। उनके भक्त निर्मलजीत सिंह नरूला को निर्मल बाबा के नाम से पुकारने लगे थे। वर्ष 2006 में उन्होंने टेलीविजन चैनलों पर आना शुरू किया। विभिन्न चैनलों पर आने के बाद बहुत ही कम समय में उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी थी।