Friday, March 14, 2025
HomeIndian Newsआखिर कौन लेगा हाथरस में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी?

आखिर कौन लेगा हाथरस में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि हाथरस में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा! उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ में मंगलवार सैकड़ों लोगों के लिए अमंगल रहा। दरअसल सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था जिसमें लाखों लोग आए थे। भरी गर्मी में सत्संग सुनने पहुंचे लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी उनमें से कुछ लोगों के लिए ये आखिरी सत्संग बन जाएगा। यूपी के हाथरस में हुए इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग जिंदगी मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं लेकिन अभी भी सत्संग सुनाने वाले बाबा फरार है। पुलिस अभी भी भोले बाबा की तलाश कर रही है लेकिन बाबा का कोई सुराग नहीं मिल रहा। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से हुए हादसे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार इस सत्संग में करीब 80,000 लोगों के आने की अनुमति दी गई थी लेकिन उस दिन सत्संग में करीब दो लाख से अधिक लोग शामिल थे। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से हुए हादसे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार इस सत्संग में करीब 80,000 लोगों के आने की अनुमति दी गई थी लेकिन उस दिन सत्संग में करीब दो लाख से अधिक लोग शामिल थे।ऐसे में जब परमिशन ही 80 हजार लोगों की थी तो इस सत्संग में 2 लाख लोग कैसे पहुंच गए। अगर पहुंच गए तो पुलिस प्रशासन ने बिना सुरक्षा के इंतजामों के धार्मिक कार्यक्रम को शुरू करने की अनुमति ही कैसे दे दी? क्या प्रशासन की तरफ से सत्संग वाली जगह की व्यवस्था चेक की गई थी कि वो दो लाख लोगों के लिए ठीक है या नहीं ?

भोले बाबा के इस सत्संग में दो लाख लोग पहुंच गए थे लेकिन बाबा का सत्संग आयोजन करवाने वालों की तरफ से वहां पर 80 हजार लोगों के लिए भी कोई सुविधाएं नहीं थी। जहां पर बाबा का सत्संग हो रहा था वहां पर एंट्री, एग्जिट के कोई पॉइंट ही नहीं बने थे। लोग कहीं से भी आ जा रहे थे। अगर वहां पर एंट्री एग्जिट प्वाइंट बनाया गया होता तो शायद इस भगदड़ वाले हादसे को रोका जा सकता था। इसके साथ ही हर जगह पर एक इमरजेंसी रास्ता होता है वो भी इस सत्संग वाली जगह पर नहीं था। अगर वो बना होता तो शायद लोगों को जान नहीं जाती।

भोले बाबा का ये सत्संग कम से कम 10 एकड़ की जमीन पर हुआ था। इतनी बड़ी जगह होने के बावजूद यहां पर लोगों के आने जाने के लिए एक रास्ता बनाया गया था वो भी कच्चा था। जबकि गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई बड़ा कार्यक्रम होता है जिसमें हजारों में लोग शामिल होते हैं उसमें आने-जाने के लिए कई रास्ते बनाए जाते हैं। हालांकि यहां पर भी लापरवाही दिखाई गई। वहीं जिस मैदान में ये सत्संग हो रहा था उसमे कई जगह पर गड्ढे थे जिन्हें भी नहीं भरा गया था। कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भगदड़ के दौरान कई लोगों के पैर इन्हीं गड्ढों में पैर फंस गए। जिसकी वजह से वो लोग गिर गए और पीछे वाले लोग उन्हें रौंदते हुए आगे बढ़ गए।

हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि सत्संग में भीड़ के अनुसार कोई भी व्यवस्था नहीं थी। पंखे, कूलर भी बहुत ही कम संख्या में थे। इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से तैनात किए गए पुलिसकर्मियों की संख्या भी कम थी। वहीं बाबा के आने-जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग भी नहीं था। जब सत्संग के बाद वहां पर भगदड़ मची तो कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आयोजक वहां से गायब हो गए। मुसीबत की घड़ी में लोगों को उनकी कोई मदद नहीं मिली। जिसकी वजह से ये हादसा इतना बड़ा हो गया।

हाथरस में ये हादसा आयोजकों के साथ ही प्रशासन की चूक की वजह से हुआ। अगर प्रशासन वक्त रहते सत्संग में लोगों की संख्या बढ़ने पर वहां के सुरक्षा के इंतजामों के चेक कर लेता तो शायद वो 121 लोग अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से रह रहे होते। वहीं इस कार्यक्रम का आयोजन करने वालों को भी एक बार सोचना चाहिए था कि जो लोग उनके सत्संग में आ रहे हैं वो भोले बाबा के ही भक्त यानी कि उनके अपने हैं। ऐसे में उन्हें अपना मानते हुए अगर सभी सुरक्षा के इंतजाम जैसे सत्संग वाली जगह को समतल कर दिया होता , आने जाने के लिए कई रास्ते बनाए होते और मेडिकल सुविधा की व्यवस्था की होती तो ये हादसा न होता।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments