अब यूपी की तरह उत्तराखंड में भी नेम प्लेट लगाई जा सकती है! यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के आगे मालिक का नाम लिखना जरूरी होगा। हरिद्वार एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की है। अब दुकान मालिक और स्टाफ का नाम लिखना जरूरी होगा। इसी आधार पर दुकानदारों का वेरिफिकेशन किया जाएगा। हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुस्तैद हो गई है। यही नहीं बिहार के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ के इस फैसले के बाद आरजेडी की तरफ से हमला काफी तेज हो गया है। राज्य में अभी चार विधान सभा पर चुनाव होने हैं और यदि वर्ष 2025 के पहले चुनाव हुए तो एनडीए के कई मित्र दलों में परेशानी बढ़ जाएगी।उत्तर प्रदेश के बाद अब हरिद्वार में भी होटल और ढाबा संचालकों के साथ बोर्ड में नाम लिखने को लेकर सख्ती की जा रही है। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने होटल और ढाबों पर संचालकों/प्रोपराइटरों का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है।
संचालकों और प्रोपराइटरों का नाम अंकित न करने वालों पर पुलिस शिकंजा कस रही है। पुलिस इस मामले में चेकिंग अभियान भी चला रही है। सावन के कावड़ मेल की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है। जिसके लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर पुलिस मुस्तैदी से जुटी हुई है। वहीं होटल और ढाबा कारोबारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इसी सिलसिले में पुलिस ने होटल और ढाबों पर संचालकों व प्रोपराइटरों के नाम न लिखने वालों के चालान करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने होटल और ढाबा संचालकों को साफ तौर पर हिदायत दी है कि साइन बोर्ड पर अपना नाम लिखें। रेट लिस्ट और सीसीटीवी कैमरा लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाने की चेतावनी भी पुलिस ने दी है। हालांकि इसके बावजूद हरिद्वार क्षेत्र में कई होटल संचालकों ने पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं किया।
पुलिस ने होटल ढाबा संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कावड़ मेले के दौरान होटल ढाबे में मांस, अंडा, लहसुन, प्याज का उपयोग नहीं किया जाएगा। मदिरा और मादक पदार्थों का सेवन भी नहीं करायेंगे। होटल और ढाबे में खाने की लिस्ट मुख्य स्थान पर चस्पा की जाएगी। भुगतान के लिए होटल ढाबे पर संचालक के नाम का क्यूआर कोड रखा जाएगा। वहीं कांवड़ मेला 2024 को सकुशल संपन्न करने के लिए सभी थाना प्रभारी ने अपने-अपने क्षेत्र में सीएलजी सदस्यों, ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य और ग्राम प्रधानों के साथ गोष्ठी भी की है। जिसमें इन सभी को कांवड़ मेला पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील की गई है।
कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से चल रही है। खबर है कि उत्तराखंड के रुड़की में भी हाइवे पर बने ढाबों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया गया है। यहां मौजूद दुकानदारों, ढाबेवालों और फलवालों से कहा गया है कि वे अपना नाम लिखें। रुड़की भी कांवड़ रूट पर आता है। यूपी में पहले मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली के लिए ऐसे निर्देश दिए गए थे। शुक्रवार को योगी सरकार ने पूरे यूपी में कांवड़ पथ पर इसे लागू करने का आदेश जारी कर दिया। इसे ले कर विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। यही नहीं बिहार के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ के इस फैसले के बाद आरजेडी की तरफ से हमला काफी तेज हो गया है। राज्य में अभी चार विधान सभा पर चुनाव होने हैं और यदि वर्ष 2025 के पहले चुनाव हुए तो एनडीए के कई मित्र दलों में परेशानी बढ़ जाएगी। सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांवड़ ले जाने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए यह कदम उठाया गया है। कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है, क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है और धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी फैसले पर एक बार फिर से समीक्षा करने की मांग की है।सीएम योगी ने यह भी कहा है कि प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन वाले सामान बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।