Thursday, November 21, 2024
HomeHealth & Fitnessक्या खाली पेट के फूलने से भी बढ़ सकता है वजन?

क्या खाली पेट के फूलने से भी बढ़ सकता है वजन?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या खाली पेट के फूलने से भी वजन बढ़ सकता है या नहीं! रेसलर विनेश फोगाट को 100 ग्राम ज्यादा वजन पाए जाने के बाद पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित कर दिया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मैच खेलने के बाद मंगलवार शाम को उनका वजन उनकी 50 किलोग्राम कैटेगरी में लिमिट से दो किलोग्राम अधिक था। बताया जा रहा है कि इस बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए विनेश और उनके साथ की पूरी टीम ने जी-जान लगा दी, मगर बुधवार तक उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा निकला। इसके बाद ओलंपिक नियमों के अनुसार, विनेश को फाइनल मुकाबला खेलने पर रोक लगा दी गई। इस फैसले से निराश आखिरकार विनेश ने भी संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। सोशल मीडिया और विपक्ष का एक वर्ग ऐसा है जो विनेश की अयोग्यता को लेकर कॉन्सिपिरेशी थ्योरी पेश कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- बहादुर विनेश ने सत्ता से लड़ाई लड़ी, उसे न्याय मिलना चाहिए। कुछ गड़बड़ है। बहुत गड़बड़ है। सच्चाई सामने आनी चाहिए। इस स्टोरी में हेल्थ एक्सपर्ट और कुश्ती कोच से जानते हैं कि विनेश के वजन बढ़ने में कितनी साजिश हे और क्या है हकीकत, इसे समझते हैं। विनेश के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक धड़ा बार-बार यह सवाल उठा रहा है कि 12 घंटे में खासकर पहला मैच जीतने के बाद उनका वजन तय सीमा से 2 किलो ज्यादा कैसे बढ़ गया। यानी शाम तक विनेश का वजन 52 किलो से ज्यादाचुका था। ओलंपिक में विनेश ने छह अगस्त की रात को महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम के भार वर्ग मुकाबले में क्यूबा की पहलवान को शिकस्त दी थी। इसके बाद विनेश की तरफ से गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीद बंध गई थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वालीं शिवानी पंवार और अर्जुन अवॉर्डी दिव्या काकरान जैसी एथलीट्स के इंटरनेशनल कोच रहे विक्रम सोनकर के अनुसार, 2018 में भी जकार्ता में हुए एशियाई खेलों के वक्त भी विनेश फोगाट का वजन 3-3.5 किलो बढ़ गया था। उस वक्त भी विनेश 50 किलोग्राम की फ्री स्टाइल रेसलिंग में हिस्सा ले रही थीं। उस वक्त भी उनके कोच ने उन्हें कंबल ओढ़ाकर रेसलिंग हॉल के भीतर खूब दौड़ाया था, जिससे जमकर पसीना निकला था। हालांकि, उस वक्त उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था।

विक्रम सोनकर पुरानी दिल्ली स्थित गुरु प्रेमनाथ अखाड़े में लड़के-लड़कियों दोनों को ही कुश्ती के दांव-पेंच सिखाते हैं। इस अखाड़े को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने अडॉप्ट भी किया हे। उनके अनुसार, विनेश के साथ साजिश की बात कहना बेकार की बात है। ओलंपिक के नियम सबको पहले से पता होते हैं। वजन बढ़ने से लेकर हर चीज का ख्याल रखा जाता है। विनेश का ध्यान रखने वाली टीम को भी यह चीज अच्छे से पता होती हे कि उनका एक भी गलत कदम उन्हें प्रतिस्पर्धा से बाहर कर सकता है।

सोनकर कहते हें कि विनेश क्या किसी भी खिलाड़ी का वजन कभी भी बढ़ सकता है। इसके पीछे खान-पान से लेकर कई कारण हो सकते हैं। विनेश तो 53 किलो के वर्ग में खेलती थीं। पेरिस ओलंपिक के लिए वह अपना वजन 50 किलो से नीचे लाने में कामयाब रही थीं। इसीलिए उन्होंने इसी कैटेगरी में खेलने का फैसला किया था। वह अपना वजन 56-57 किलो से घटाकर 50 किलो से नीचे लेकर आई थीं। ऐसे में जरा सी भी चूक से वजन रातोंरात बढ़ सकता है। यह एक सामान्य सी प्रक्रिया है। जरा सा भी कुछ खाया-पिया या पानी भी पिया तो 2-3 किलो वजन बढ़ सकता है।

वहीं, रांची में इंटरनेशनल मेडिसिन के डॉक्टर रविकांत चतुर्वेदी कहते हैं कि किसी एथलीट का रात भर में या 12 घंटे में वजन बढ़ सकता है। वजह ये है कि उस एथलीट का मौजूदा वजन उसका सामान्य औसत वजन नहीं है। उसे वह कड़ी मेहनत के बाद हासिल करता है। ऐसा वजन किसी भी वजह से बढ़ सकता है। यहां तक कि अगर एथलीट ने पानी भी पी लिया तो भी उसका वजन बढ़ सकता है। यहां तक कि वो कुछ भी न खाए या भूखे रहे तो भी पेट में गैस बनने या पेट फूलने से भी वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इससे भी पेट में प्रेशर बढ़ जाता है।

मुकाबले से पहले महिला रेसलर का वजन होता है। दिन के मुकाबले के लिए सुबह वजन किया जाता है। यह वजन तकनीकी टीम और कोच की देखरेख में होता है। खिलाड़ी को एक तय समयसीमा में ही वजन देता होता है। अगर पहलवान वजन देने में देरी करता है, तो भी वजन लेने से मना किया जा सकता है। अगर मैच जीत कर कोई खिलाड़ी सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचता है, तो सुबह के वक्त उसका वजन किया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि खिलाड़ी के प्रयास करने के बाद भी वजन कम नहीं होता। पहले से ही वजन दो-तीन किलो बढ़ा है, तो उसे कम करने में बेहद मुश्किल आती है। ऐसे में प्रैक्टिस या खून देने या बाल कटाने जैसी कोशिशों से भी वजन घट नहीं पाता है।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments