क्या विनेश फोगाट के हक के लिए लड़ेगी भारत सरकार?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या विनेश फोगाट के हक के लिए भारत सरकार लड़ेगी या नहीं! ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के 50 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतियोगिता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बयान दिया। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि आखिर विनेश के साथ क्या हुआ था। मांडविया ने बताया कि विनेश का वजन 50 किलो 100 ग्राम पाया गया। भारत ने इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध जताया है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पी टी उषा से बात करके इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए कहा है। केंद्रीय खेल मंत्री ने लोकसभा में बताया कि विनेश मंगलवार 6 अगस्त को 3 मुकाबले जीतकर 50 Kg रेसलिंग ओलिंपिक में फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी।

उन्हें बुधवार 7 अगस्त की रात करीब 10 बजे गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था। जहां तक उनकी तैयारी हेतु सहायता का प्रश्न है, भारत सरकार ने विनेश फोगाट की उनकी आवश्यकता के अनुसार हर संभव सहायता प्रदान की है। उनके लिए पर्सनल स्टाफ भी नियुक्त किए गए हैं जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। उनके साथ हंगरी के विख्यात कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल हमेशा रहते हैं। इनको ओलम्पिक के लिए इनके अतिरिक्त व्यक्तिगत सहायक स्टाफ जैसे विभिन्न स्पारिंग पार्टनर्स, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई!

खेल मंत्री ने आगे बताया कि पेरिस ओलंपिक के लिए कुल 70.45 लाख रुपये दिए गए। इनमें टॉप्स के तहत 53.35 लाख रुपये और ACTC के तहत 17.10 लाख रुपये दिए गए। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के लिए 1.66 करोड़ रुपये दिए गए थे। वहीं बुल्गारिया में 23 दिनों की ट्रेनिंग के लिए 5.44 लाख रुपये दिए गए, बुडापेस्ट में 16 दिनों की ट्रेनिंग 10.54 लाख रुपये दिए गए।

गौरतलब है कि विनेश को 50 किलो से ज्यादा भार के कारण इस प्रतियोगिता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इस बार विनेश का मेडल पक्का हो चुका था बस उसका रंग बदलना बाकी थी। लेकिन वजन के कारण विनेश समेत पूरे 140 करोड़ देशवासियों का सपना टूट गया। इस घटना के बाद विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने कहा कि अब इसमें कुछ नहीं हो सकता है और कोई मेडल नहीं आने वाला है। विनेश के प्रतियोगिता से बाहर होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें असली चैंपियन बताया था। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर उन्हें चैंपियन बताया है। बता दें कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के तय नियमों के तहत पहलवानों का वजन मुकाबले के पहले दिन लिया जाता है। मुकाबले से पहले हर दिन वजन लिया जाता है। जो लोग किसी भी दिन अपनी तय कैटेगरी में वजन कायम रख पाने में फेल हो जाते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और पूरी प्रतियोगिता में अपनी रैंक खो देते हैं। फोगाट ने प्रतियोगिता के पहले दिन अपना वजन बढ़ा लिया था, दूसरे दिन फाइनल मुकाबले से पहले उनका वजन अधिक पाया गया, जिस वजह से पहले दिन अपने सभी विरोधियों को सफलतापूर्वक हराकर फाइनल में पहुंचने के बावजूद उन्होंने अपनी रैंक गंवा दी।

इस बीच, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि इस मामले में विनेश की कोई गलती नहीं है। बता दें कि इस वजह से फाइनल में पहुंचने के लिए जीते गए मुकाबले के बावजूद वह सिल्वर मेडल के लिए योग्य नहीं रह गई थीं।UWW के अंतरराष्ट्रीय कुश्ती नियमों के चैप्टर 3 की धारा 11 में कहा गया है कि सभी प्रतियोगिताओं के लिए हर सुबह संबंधित भार वर्ग में वजन मापा जाता है। वेट इन और मेडिकल प्रॉसेल करीब 30 मिनट तक चलता है। दूसरे दिन सुबह संबंधित भार वर्ग में केवल रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों को ही वजन के लिए आना होता है। फोगाट ने अपने एडवोकेट के माध्यम से यह तर्क दिया है कि क्वॉर्टर फाइनल और सेमी फाइनल मुकाबले जब उन्होंने जीत लिए थे तो दूसरे दिन के फाइनल मुकाबले के आधार पर उन्हें सिल्वर मेडल से क्यों वंचित किया जा रहा है? दूसरा, फोगाट यह भी दावा कर सकती हैं कि अधिक वजन होने के कारण उन्हें प्रतियोगिता के दूसरे दिन ही अयोग्य ठहराया जा सकता है और इसका प्रतियोगिता के पहले दिन के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि इसके लिए कोच और न्यूट्रिनिस्ट जिम्मेदार हैं।