यह सवाल उठना लाजिमी है कि गाजा में शांति कैसे आएगी! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की और गाजा में युद्ध की मौजूदा स्थिति में सुधार और जारी संघर्ष के शीघ्र व शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्धविराम तथा मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया। नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री को फोन किया था और इस दौरान भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं दीं। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ”हमने पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। स्थिति में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्धविराम और मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया।’ गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध में अब तक 40 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। बाद में यहां प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ”उन्होंने (मोदी) बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले भी नेतन्याहू से हुई अपनी बातचीत के दौरान इस संघर्ष का समाधान बातचीत व कूटनीति के जरिए निकालने पर जोर देते रहे हैं। पीएमओ के अनुसार दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं और भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने संपर्क में रहने पर भी सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब गाजा में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति वार्ता का एक नया दौर बृहस्पतिवार को शुरू हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों ने इजराइल-हमास युद्ध को रोकने और बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वार्ता का एक नया दौर शुरू किया। गाजा में युद्ध विराम से संभवतः पूरे क्षेत्र में तनाव खत्म होने की उम्मीद है। युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर को तब हुई जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए जिनमें से अधिकतर नागरिक थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा लाया गया।
बता दे हमास नेता याह्या सिनवार गाजा के नीचे मौजूद सुरंगों में छिपा हुआ है। इजरायली सेना उसकी खोज में जमीन-आसमान एक किए हुए है। इसके बावजूद वह हमास के लड़ाकों और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों में मौजूद अपने नेताओं के साथ लगातार बातचीत कर रहा है। सिनवार के लिए हमास के नेताओं और लड़ाकों से बातचीत करते रहना जरूरी भी है, ताकि नए नेता के तौर पर उसकी स्वीकार्यता बनी रहे। अरबी मीडिया में सिनवार को लेकर लगातार रिपोर्ट्स प्रकाशित हो रहे हैं, जिनमें बताया गया है कि वह अब इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन पर भरोसा नहीं करता है। उसे डर है कि इससे इजरायली सेना उसकी लोकेशन जान जाएगी और उसे मार डालेगी।
सिनवार को खान यूनिस का कसाई भी कहा जाता है। वह इजरायली जेल में रह चुका है और वहां की सेना के ऑपरेशनल टेक्निक को अच्छे से जानता है। इस कारण याह्वा सिनवार किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के जरिए अपने साथियों से कम्युनिकेशन करने को लेकर सावधान है। हालांकि, वह पहला ऐसा आतंकवादी नेता या कार्टेल लीडर नहीं है, जो खुद को बचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन जैसे मोबाइल और इंटरनेट से दूर है। 1970 और 1980 के दशक में अमेरिका में भी माफिया लीडर फोन का इस्तेमाल करने को लेकर सावधान थे।
सिनवार के नेतृत्व में हमास को पहले की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है। इसे रूस, तुर्की, चीन, ईरान और अन्य देशों से समर्थन प्राप्त है। स्पष्ट रूप से, बिना नेता वाला संगठन ऐसा नहीं कर सकता। इसलिए सिनवार न केवल अपने बाकी के ब्रिगेड कमांडरों के साथ बातचीत करता है, बल्कि किसी तरह विदेश में हमास के साथ भी संवाद करता है। सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्धविराम और मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया।’ गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध में अब तक 40 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं।अरबी मीडिया के अनुसार, “हमास स्पेशल कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल पर निर्भर करता है जिसका उपयोग वे मुख्य रूप से विदेश में पार्टियों के साथ संवाद करने के लिए करते हैं।”