हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिका में जाकर विश्व शांति के लिए एक बयान दे दिया है! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क में यूएन के ‘समिट ऑफ फ्यूचर’ में कहा कि हमारी सामूहिक ताकत में ही सफलता छिपी है ना कि युद्ध के मैदान में। वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थानों में रिफॉर्म्स जरुरी हैं। रिफॉर्म ही रिलिवेंस की चाभी है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली में हुई जी-20 समिट में स्थाई सदस्यता इसी दिशा में एक अहम कदम था। मोदी ने कहा कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक तरफ वैश्विक आतंकवाद जैसा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर, मेरीटाइम, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के नए मैदान बन रहे हैं। इन सभी विषयों पर ग्लोबल एक्शन को ग्लोबल एंबिशन के हिसाब से होना चाहिए। टेक्नॉलजी के सेफ और संतुलित इस्तेमाल के लिए रेगुलेशन की आवश्यता है। मोदी ने कहा कि हमें ऐसी ग्लोबल डिजिटल गर्वनेंस चाहिए जिससे राष्ट्रीय प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे।
ग्लोबल गुड के लिए भारत अपना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से साझा करने के लिए तैयार है। भारत के लिए वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर एक कमिटमेंट है। पूरी मानवता के हितों की रक्षा और वैश्विक समृद्धि के लिए भारत मन वचन कर्म से काम करता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि जून में अभी-अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिनों के अमेरिका दौरे पर दूसरे दिन रविवार को आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के CEO के साथ ‘सार्थक’ गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान भारत में विकास की संभावनाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।बैठक में AI, क्वॉन्टम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी बेहद आधुनिक टेक्नॉलजी पर काम करने वाली अमेरिका की 15 प्रमुख कंपनियों के CEO ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कंपनियों को सहयोग और इनोवेशन के मामले में भारत की विकास गाथा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पीएम मोदी के साथ CEO की गोलमेज बैठक में गूगल के सुंदर पिचाई ने कहा कि हम भारत में एआई में मजबूती से निवेश कर रहे हैं। पिचाई ने 120 मिलियन डॉलर के ‘ग्लोबल एआई ऑपर्च्युनिटी फंड’ की घोषणा की। ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा से एआई, भारत के लिए इसकी क्षमता और अवसरों के बारे में जानने के इच्छुक रहे हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति के लिए रिफॉर्म की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि जून में अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनावों में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और आज मैं इसी मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने यहां आया हूं। जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, ‘सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। हमने भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।’
यूएन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। वैश्विक शांति और विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार महत्वपूर्ण हैं। सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है… एक तरफ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, वहीं दूसरी तरफ साइबर, मैरिटाइम, स्पेस जैसे संघर्ष के नए मैदान बन रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए।’
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हमें ऐसे वैश्विक डिजिटल शासन की आवश्यकता है जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्य रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा।’ उन्होंने आगे कहा कि भारत के लिए ‘वन अर्थ’, ‘वन फैमिली’ और ‘वन फ्यूचर’ एक प्रतिबद्धता है। यही प्रतिबद्धता हमारे ‘वन अर्थ’, ‘वन हेल्थ’ और ‘वन सन’, ‘वन वर्ल्ड’, ‘वन ग्रिड’ जैसे पहल में भी देखाई देता है!