Thursday, November 21, 2024
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वक्फ बिल पर फैलाए जा रहे झूठ के लिए क्या बोले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू?

हाल ही में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल पर फैलाए जा रहे झूठ के बारे में एक बयान दिया है! वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर चल रहे झूठ पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चिंता जताई है। ऐसा लग रहा है जैसे कई मुस्लिम संस्थाएं वक्फ बिल के पीछे पड़ गई हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं कि सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक के जरिए मुसलमानों की जमीन छीन लेगी। उन्होंने इस ‘नैरेटिव’ को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समुदाय के कई लोगों ने विधेयक का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री के बयान से लग रहा है वक्फ को लेकर जिस तरह की बातें फैलाई जा रही हैं उससे वो हैरान हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के बारे में कुछ भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं कि मुसलमानों की संपत्ति सरकार ले लेगी। कोई भी हिंदू, बौद्ध, ईसाई या सिख किसी की जमीन नहीं छीनने जा रहा है। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए रिजिजू ने कहा कि कई मुस्लिम संगठनों ने विधेयक का समर्थन किया है क्योंकि उनका मानना है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग समुदाय से संबंधित कार्यों के लिए किया जाना चाहिए।

रिजिजू ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को करोड़ों की संख्या में सिफारिशें मिली हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विधेयक के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। सूत्रों ने रविवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समिति को ईमेल के जरिये 1.2 करोड़ प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। बीजेपी के नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी को दस्तावेजों के साथ 75,000 प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इसमें अपने-अपने दृष्टिकोण का समर्थन किया गया है। वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी 26 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच पांच राज्यों में अनौपचारिक चर्चा करेगी। इस दौरान वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों को सरल करने के प्रयास में विभिन्न हितधारकों को शामिल किया जाएगा।

यह अधिनियम पूरे देश में पंजीकृत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है। पहली बैठक 26 सितंबर को मुंबई में होगी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

यह प्रारंभिक बैठक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके आगामी परामर्शों का मार्ग प्रशस्त करेगी। अगले दिन, 27 सितंबर को, संयुक्त संसदीय समिति अहमदाबाद, गुजरात में विचार-विमर्श करेगी। इसमें गुजरात सरकार, गुजरात वक्फ बोर्ड और अन्य संबंधित पक्षों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यही नहीं कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से लाए गए नए वक्‍फ विधेयक की तारीफ की है। उन्‍होंने कहा कि वक्‍फ बोर्ड के पास इतनी ज्‍यादा ताकत होना देश के लिए घातक हो सकता है। वक्‍फ बिल लाने के लिए वह पीएम मोदी को धन्‍यवाद देते हैं। राजा भैया इन दिनों गुजरात के राजकोट में हैं। वहां महाराजा मांधाता सिंह की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में उन्‍होंने वक्‍फ बोर्ड की ताकत को राष्‍ट्रीय चिंता का विषय बताया। राजा भैया ने कहा कि भारत को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में वक्‍फ बोर्ड जैसी कोई संस्‍था नहीं है। पता नहीं क्‍यों भारत में इस मुद्दे पर इतनी बहस क्‍यों होती है।

राजा भैया ने वक्‍फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए। उन्‍होंने कहा कि वक्‍फ बोर्ड बिना किसी न्‍यायिक हस्‍तक्षेप के संपत्तियों को अपने अधीन कर सकता है। उन्‍होंने 2013 के वक्‍फ एक्‍ट का जिक्र करते हुए बताया कि इसके तहत वक्‍फ बोर्ड को जो अधिकार मिले हैं, वे सामान्‍य नागरिक अधिकारों के विपरीत हैं। यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह राष्‍ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन का मामला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए राजा भैया ने कहा कि उन्‍होंने वक्‍फ बोर्ड पर नियंत्रण लाने के लिए जो कदम उठाए हैं वे तारीफ के लायक हैं। यह कठिन फैसला है और इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा। हमें अपने नेता के फैसले का समर्थन करना चाहिए। हमें उन पर भरोसा है। कुंडा विधायक ने अपने भाषण में 2013 में तत्‍कालीन यूपीए सरकार द्वारा वक्‍फ बोर्ड की शक्तियों में किए गए विस्‍तार का भी जिक्र किया। उन्‍होंने इसे एकतरफा बताया। उन्‍होंने कहा कि वक्‍फ बोर्ड का इतना ताकतवर होना देश के लिए घातक हो सकता है। वक्‍फ बोर्ड का मौजूदा स्‍वरूप और उसकी शक्तियां भारतीय समाज और संविधान के लिए बड़ी चुनौती है।

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