हाल ही में राजा भईया ने तिरुपति लड्डू प्रसाद विवाद पर एक बयान दिया है! आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। इस पूरे घटनाक्रम पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाने की पुरजोर मांग की है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ,श्री तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी एक घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, श्री तिरूपति बालाजी के प्रसाद में बीफ चर्बी और मछली का तेल मिलाया जाना असंख्य हिन्दू श्रद्धालुओं की आस्था के साथ जधन्य अपराध है, जो जानबूझकर किया गया है। उन्होंने इस घटना को हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ बताया और इसका एकमात्र स्थाई समाधान मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने को बताया।
अपने पोस्ट में राजा भैया ने स्पष्ट रूप से कहा कि हिंदू मंदिरों की शुचिता बनाए रखने के लिए उन्हें तुरंत सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का नियंत्रण मंदिरों की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उनकी इस मांग ने एक बार फिर इस मुद्दे को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ला दिया है कि क्या हिंदू मंदिरों का सरकारी नियंत्रण धार्मिक स्वतंत्रता और मंदिरों की शुचिता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी और नायूड ने एनडीए की सरकार बनाई। 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd. भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई। इसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ (CALF) ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं। CALF (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) में विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है।
हालांकि, 22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक की और फिर 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब भेजे गए। इसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई। सीएम नायडू ने सीधे तत्कालीन जगन सरकार को कठघरे में खड़ा किया। नायडू सरकार ने कहा, पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है और लोगों की आस्था से भी बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ। मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है, जो अभी रिपोर्ट सामने आई है, वो जुलाई की है।
जांच में पता चला है कि इन लड्डुओं में जिस घी का इस्तेमाल हो रहा था, वो मिलावटी था। इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की मात्रा पाई गई है. एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है।इसमें लार्ड भी मिला हुआ था. लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी से होता है. इसी घी में फिश ऑयल की मात्रा भी पाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टेलो गौमांस की चर्बी, लार्ड शामिल है। बता दें कि राजा भैया से तलाक का केस लड़ रहीं भानवी सिंह और राजा के भाई की तरह खास माने जाने वाले एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपाल के बीच एक्स पर पोस्ट वार छिड़ गया। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से गोपाल भैया सहित राजा के करीबी नेताओं से मुलाकात की तस्वीर जारी होने के बाद राजा भैया की पत्नी ने जमकर निशाना साधा।
भानवी सिंह ने सीएम से मुलाकात नहीं हो पाने की बात रखते हुए साजिश वाली बातों का भी जिक्र किया। उन्होंने अपने साथ साजिश और सुरक्षा का हवाला देते हुए यह भी कहा कि योगीजी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद कुंवर अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह को जवाब देते हुए एक एक्स पर पोस्ट करते हुए मां की पिटाई करने और पर्दे के पीछे से छुपकर राजनीति करने का आरोप लगाया।