एक समय ऐसा था जब सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थी आज हम आपको उस कार्यक्रम के बारे में बताने वाले हैं! भारत ने शुक्रवार को घोषणा की कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्टूबर के मध्य में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। यह घोषणा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने की। पाकिस्तान इस बार एससीओ बैठक की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले पाकिस्तान का दौरा करने वाली पिछली भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं। साल 2015 में सुषमा स्वराज ने वार्षिक हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लिया था। यह सम्मेलन 7-8 दिसंबर को पाकिस्तान में हुआ था। उस समय वहां 14 देशों के प्रतिनिधियों मौजूद थे। सुषमा की यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच बैंकॉक में शांति वार्ता के कुछ दिनों बाद हुई थी। इससे पहले भारत ने कश्मीर को लेकर महीनों तक तनाव के बाद उन्होंने अगस्त में एक उच्च स्तरीय बैठक रद्द कर दी थी। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में एशियाई और अन्य देश अफगानिस्तान और उसके पड़ोसियों के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एकजुट होते हैं। उस समय अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा सहयोग को तालिबान और क्षेत्र में अन्य आतंकवादियों से बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में सुषमा स्वराज ने कहा था कि अब समय आ गया है कि हम एक-दूसरे के साथ व्यापार करने तथा क्षेत्रीय व्यापार और सहयोग को मजबूत करने के लिए परिपक्वता और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा था कि भारत अपने सहयोग को उस गति से आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, जिस पर पाकिस्तान को सहजता हो। लेकिन आज हमें अच्छे पड़ोसी की सर्वोत्तम परंपराओं के अनुरूप कम से कम अफगानिस्तान की मदद करने का संकल्प लेना चाहिए।
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ क्षेत्रीय सम्मेलन के अवसर पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। स्वराज ने नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से भी बातचीत की थी। सुषमा की उस यात्रा के दौरान सुषमा के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर भी उनके साथ थे। हालांकि, नवाज शरीफ के साथ मीटिंग में भारत का झंडा नहीं होने को लेकर विवाद भी हुआ था।
सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा से पहले बैंकॉक में भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों अजित डोभाल और नसी जंजुआ की मीटिंग हुई थी। दोनों की बीच यह बैठक करीब चार घंटे तक चली थी। खास बात है कि उस मीटिंग में मौजूदा विदेश मंत्री और तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर मौजूद थे। बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर और कई प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके साथ ही ‘रचनात्मक संबंधों’ को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई थी।
बता दे कि भारत और पाकिस्तान के बीच काफी लंबे समय से रिश्ते खत्म हैं और तनातनी का सिलसिला जारी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाएंगे। यहां वह SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में शामिल होंगे। 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में बैठक होगी। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 9 साल बाद पाकिस्तान जाएंगे। SCO के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में जयशंकर हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक का न्योता दिया था। पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था, ‘बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।’
इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, ‘पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। भारत अपने सहयोग को उस गति से आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, जिस पर पाकिस्तान को सहजता हो। लेकिन आज हमें अच्छे पड़ोसी की सर्वोत्तम परंपराओं के अनुरूप कम से कम अफगानिस्तान की मदद करने का संकल्प लेना चाहिए।हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है।’ जयशंकर ने आगे कहा था, ‘जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।’