वर्तमान में हिंदुओं पर हो रहे हमले के लिए क्या बोले उपराष्ट्रपति जगदीश सिंह धनखड़?

0
98

हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ के द्वारा वर्तमान में हिंदुओं पर हो रहे हमले के लिए एक बयान दे दिया गया है! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को भारत के पड़ोस में हिंदुओं पर हमलों का जिक्र किया। धनखड़ ने हिंदुओं पर हमले को लेकर तथाकथित नैतिक उपदेशकों की चुप्पी पर सवाल उठाया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे ऐसी चीज के भाड़े के सैनिक हैं जो पूरी तरह से मानवाधिकारों के विपरीत है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम बहुत सहिष्णु हैं और इस तरह के उल्लंघन के प्रति बहुत सहिष्णु होना उचित नहीं है। सोचें कि क्या आप उनमें से एक होते। बांग्लादेश का नाम लिए बिना उपराष्ट्रपति ने कहा कि लड़कों, लड़कियों और महिलाओं के साथ किस तरह की बर्बरता, यातना और मानसिक आघात का अनुभव किया जाता है, इसे देखिए। उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति की टिप्पणी प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटाए जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर व्यापक हमलों की खबरों के संदर्भ में थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान ‘अप्रिय घटनाओं’ के बाद कम से कम 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि कुछ हानिकारक ताकतें भारत की ‘खराब छवि’ पेश करने की कोशिश कर रही हैं और उन्होंने ऐसे प्रयासों को बेअसर करने के लिए ‘प्रतिघात’ करने का आह्वान किया। धनखड़ ने साथ ही कहा कि भारत को दूसरों से मानवाधिकारों पर उपदेश या व्याख्यान सुनना पसंद नहीं है। उन्होंने यहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए विभाजन, आपातकाल लागू किए जाने और 1984 के सिख विरोधी दंगों को ऐसी दर्दनाक घटनाएं बताया, जो ”याद दिलाती हैं कि आजादी कितनी नाजुक होती है। धनखड़ ने कहा कि कुछ ऐसी हानिकारक ताकतें हैं जो एक सुनियोजित रूप से हमें अनुचित तरीके से कलंकित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इन ताकतों का अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल कर ‘हमारे मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने’ का ‘दुष्ट इरादा’ है।

उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों को बेअसर करने की जरूरत है और भारतीय संदर्भ में वे इसके लिए ‘प्रतिघात’ शब्द का इस्तेमाल करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन ताकतों ने सूचकांक तैयार किए हैं और ये दुनिया में हर किसी को ‘रैंक’ दे रही हैं ताकि ”हमारे देश की खराब छवि” पेश की जा सके। उन्होंने भुखमरी सूचकांक पर भी निशाना साधा, जिसकी सूची में भारत की रैंकिंग खराब है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकार ने जाति और पंथ की परवाह किए बिना 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया। यही नहीं आपको बता दें कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं। पाकिस्तान में एससीओ की मीटिंग से ज्यादा डॉ. जयशंकर के पहुंचने की चर्चा है। इस दौरान मंगलवार को वह पाकिस्तान में बने भारत के किले यानी भारतीय उच्चायोग में सैर करने के लिए निकल गए। डॉ. जयशंकर ने तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह भारतीय उच्चायोग के परिसर में कई अन्य लोगों के साथ सुबह की सैर पर निकले हैं। इस तस्वीर को लेकर एक शख्स ने लिखा, ‘इसे कहते हैं छाती पर मूंग दलना।’

जयशंकर 15 और 16 अक्तूबर को एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान में हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारत का उच्चायोग है। परिसर में घूमने के साथ-साथ डॉ. जयशंकर ने उच्चायोग के परिसर में पौधे भी लगाए। मंगलवार को डॉ. जयशंकर इस्लामाबाद में पहुंचे थे। वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों ने नूर खान एयरबेस पर उनका स्वागत किया था। इसके अलावा पाकिस्तान के बच्चों ने पारंपरिक परिधान में फूल देकर उनका स्वागत किया। पाकिस्तान में डॉ. जयशंकर के अंदाज की सबसे ज्यादा चर्चा है। दरअसल वह भारतीय एयरफोर्स के विमान से पाकिस्तान पहुंचे। प्लेन से उतरने के बाद जब वह गाड़ी की ओर बढ़ने लगे तो उन्होंने एक काला चश्मा लगा लिया। सूट-बूट में उनके चश्मा लगाने और गाड़ी तक जाने का वीडियो अब सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है, जिसे लोग असली हीरो और बॉस का स्टाइल बता रहे हैं।

डॉ. जयशंकर की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि पिछले 9 वर्षों में यह पहली बार है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर गया है। आखिरी बार साल 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन के लिए तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा दोनों देशों के बीच तनाव का असली कारण है। डॉ. जयशंकर मंगलवार को एक डिनर से पहले पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से मिले थे।