Wednesday, March 12, 2025
HomeIndian Newsआखिर प्रवर्तन निदेशालय ने अपने अधिकारियों को क्या दिए नए निर्देश?

आखिर प्रवर्तन निदेशालय ने अपने अधिकारियों को क्या दिए नए निर्देश?

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने अपने अधिकारियों को नए निर्देश दे दिए हैं! ईडी ने अपने अधिकारियों या जांच अधिकारियों (आईओ) को निर्देश दिया है कि वे समन पर बुलाए गए लोगों से ‘बेवक्त’ पूछताछ न करें और उन्हें कार्यालय में घंटों इंतजार न कराएं। इसको लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया है। ईडी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के एक निर्देश के संबंध में 11 अक्टूबर को यह सर्कुलर जारी किया है। दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए संघीय एजेंसी को इस तरह का आदेश जारी करने के संबंध में निर्देश दिया था क्योंकि व्यक्ति ने अदालत को बताया था कि ईडी ने उसे तलब किया था ‘रात भर हिरासत में रखा और पूछताछ की थी।’ हाई कोर्ट ने पाया कि 64 वर्षीय याचिकाकर्ता को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में बुलाया गया था और उन्हें आधी रात के बाद भी इंतजार कराया गया। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेवक्त व्यक्ति का बयान दर्ज करने पर ‘निश्चित रूप से उसकी नींद प्रभावित हुई, जो उसका बुनियादी मानवाधिकार है। अदालत ने कहा कि वह एजेंसी की इस तरह की कार्यप्रणाली को अस्वीकार करती है।

साथ ही एजेंसी को निर्देश दिया कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत समन जारी करने के बाद लोगों के बयान दर्ज करने और समय के संबंध में अपने जांच अधिकारियों को एक परिपत्र या निर्देश जारी करे। ईडी ने इसके बाद अदालत को बताया कि उसने इस संदर्भ में 11 अक्टूबर को एक नया टेक्निकल लेटर जारी किया है।लेटर में कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकृत अधिकारी या जांच अधिकारी को ‘तय की गई तारीख और समय पर बुलाए गए व्यक्ति से पूछताछ के लिए प्रश्नावली के साथ-साथ दस्तावेजों की प्रतियों के साथ तैयार रहना होगा।’ इसमें कहा गया कि जांच अधिकारी को समन के अनुपालन की तारीख और समय तय करने के दौरान यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस व्यक्ति को समन भेजा गया है, उसे घंटों इंतजार कराए बिना तय समय और तारीख पर पूछताछ के लिए बुलाया जाए।

लेटर में कहा गया कि जांच अधिकारी धनशोधन से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए समन किए गए व्यक्ति से जल्द से जल्द या उसी दिन या फिर अगले दिन पूछताछ समाप्त करने की कोशिश करेंगे क्योंकि ऐसे मामलों में आरोपी ऑनलाइन उपकरणों का उपयोग करके या मोबाइल फोन या अन्य डिजिटल माध्यम का उपयोग कर के अवैध रूप से प्राप्त की गई राशि को स्थानांतरित कर सकता है या छिपा सकता है। साथ ही वह कम समय में डिजिटल साक्ष्य को भी नष्ट कर सकता है। बता दें कि ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा इसके पदाधिकारियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के बाद सितंबर, 2022 में केंद्र ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। ईडी ने आरोप लगाया कि 2006 में केरल में गठित लेकिन दिल्ली में मुख्यालय वाले पीएफआई के वास्तविक उद्देश्य इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से ”अलग” हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया, ”पीएफआई का वास्तविक उद्देश्य जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी आंदोलन चलाने के लिए एक संगठन का गठन करना है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है।”

इसने कहा कि पीएफआई ने विरोध के अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने का दावा किया है लेकिन साक्ष्यों से पता चलता है कि उसके द्वारा अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं।’ एजेंसी ने संगठन द्वारा समाज में अशांति और संघर्ष पैदा करके ”गृहयुद्ध” की तैयारी के लिए इस्तेमाल किए गए विरोध के कुछ तरीकों का वर्णन किया है। इसने आरोप लगाया गया है कि पीएफआई ने क्रूरता और दमन के कुछ तरीकों का इस्तेमाल किया। पीएफआई पर फरवरी, 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और उपद्रव फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि पीएफआई और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, पीएफआई की छात्र शाखा) के सदस्यों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने, सांप्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने के इरादे से कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस का दौरा किया था।

संगठन पर 12 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति पैदा करने के इरादे से एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले साहित्य छापने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप लगाया गया है कि पीएफआई ने देशभर में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने और वित्तपोषण करने के लिए बैंकिंग चैनलों, हवाला, दान आदि के माध्यम से देश और विदेश से धन जुटाने की साजिश रची। ईडी ने कहा कि पीएफआई के सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं जिनमें कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं।’ एजेंसी ने कहा कि उसने अपनी जांच के तहत कुल 61.72 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है, 26 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है और नौ आरोपपत्र दायर किए हैं।

 

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments