यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अब भी भारतीय बच्चों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है या नहीं! अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए बड़ा सपना ग्रीन कार्ड हासिल करना है। दरअसल, जिन लोगों की चाहत अमेरिकी नागरिकता पाने की है, उनके लिए ग्रीन कार्ड एक तरह से दरवाजा है। हालांकि, इसमें अभी एक बड़ा पेंच यह है कि प्रवासियों के जो बच्चे अमेरिका को अपना देश मानते आए हैं, उनके सामने मुश्किल खड़ी होने वाली है। दरअसल, अमेरिका में अपने माता-पिता के वीजा पर आश्रित 2.5 लाख से ज्यादा बच्चों पर आत्मनिर्वासन का खतरा मंडरा रहा है। इस समस्या को देखते हुए कुछ समय पहले ही अमेरिका के 43 सांसदों ने जो बाइडन प्रशासन को पत्र लिखकर यह मांग की है कि इन ‘डाक्यूमेंटेड ड्रीमर्स’ की समस्या पर तुरंत कार्रवाई की जाए, जिनमें अधिकतर भारतीय हैं। नवंबर में अमेरिकी अपने लिए नया राष्ट्रपति चुनेंगे। माना जा रहा है कि इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी आगे हैं। उन्होंने जून में यह वादा भी किया है कि जो बच्चे अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ रहे हैं, उनकों वहीं से ग्रीन कार्ड दे दिया जाएगा। इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। आइए-समझते हैं कि क्या है ग्रीन कार्ड और डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स को क्यों चिंता करनी चाहिए? क्या ट्रंप के आने से हालात बदलेंगे? डाक्यूमेंटेड ड्रीमर्स उन्हें कहा जाता है जो अपने माता पिता के अस्थायी, गैर आव्रजक वीजा पर आश्रित के रूप में अमेरिका में रह रहे हैं। इसे आमतौर पर कामगार वीजा के रूप में जाना जाता है। लेकिन अगर ये आश्रित 21 वर्ष की उम्र तक नई स्थित नहीं प्राप्त कर लेते तो उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ता है। अमेरिका में बड़ी संख्या में प्रवासी दशकों से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।
ग्रीन कार्ड अमेरिकी सरकार की ओर से जारी किया जाने वाला एक दस्तावेज है, जिसे आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड या फॉर्म I-551 कहा जाता है। यह कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो अमेरिकी नागरिक नहीं है। हालांकि, यह कार्ड किसी भी विदेशी को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है। ग्रीन कार्ड होल्डर्स को अमेरिकी नागरिक के समान लगभग सभी अधिकार मिलते हैं।
ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका में प्रवेश करने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है। ग्रीन कार्ड धारक को देश के अंदर-बाहर स्वतंत्र रूप से यात्रा करने और सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड जैसे ज्यादातर सरकारी लाभों का लाभ उठाने की अनुमति होती है। ग्रीन कार्ड धारक को एक तय समय (आम तौर पर 3-5 साल) के बाद अमेरिकी नागरिकता पाने का रास्ता भी मिलता है।
ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आपको अपनी व्यक्तिगत स्थिति के हिसाब से अलग-अलग कदम उठाने होंगे। 11 मई, 2010 से नए ग्रीन कार्ड में RFID चिप होती है, जिसे दूर से इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक्सेस किया जा सकता है। इसे कार्ड को रिमोट एक्सेस से बचाने के लिए एक सुरक्षात्मक आवरण के साथ भेजा जाता है। अमेरिकी कानून के अनुसार, रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड जारी किए जाने की सालाना लिमिट 1,40,000 है। इसके अलावा, हर देश के लिए 7 फीसदी ही कोटा है। इसका खामियाजा भारत-चीन जैसे ज्यादा आबादी वाले देशों के हाई स्किल्ड युवाओं को भुगतना पड़ता है, क्योंकि यहां के लोग अमेरिका जाकर अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
मौजूदा वक्त में लाखों लोग अमेरिका में प्रवास कर रहे हैं। इसके लिए सबसे पॉपुलर तरीकों में से एक H1B वीजा है, जो ज्यादा कुशल प्रोफेशनल्स को दिया जाता है। 2023 में 4.41 लाख से अधिक H1B वीजा को मंजूरी दी गई। इनमें से 3.2 लाख भारतीय थे। हालांकि, राजनीतिक गतिरोध के कारण जिन लोगों को H1B वीजा दिया गया था, उनके युवाओं के अमेरिका से बाहर जाने या अपने मूल वतन लौटने का जोखिम बढ़ गया है।
दरअसल, एच1बी वीजा धारकों के बच्चों को बिना वीजा के 21 साल की उम्र तक ही अमेरिका में रहने का अधिकार है, जो उस समय तक ग्रीन कार्ड होल्डर्स के आश्रित के रूप में हैं। अब अमेरिका में कानूनन आप्रवासियों के 2.5 लाख बच्चों के आत्म निर्वासन का खतरा बढ़ गया है। इनमें से करीब मार्च, 2023 तक 1.34 लाख बच्चे भारतीय थे, जो 21 साल की उम्र पूरी करने वाले हैं। ऐसे लोगों की संख्या अब 1.5 लाख तक हो चुकी होगी। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के एक अध्ययन में पाया गया कि आश्रितों सहित 12 लाख से अधिक भारतीय ईबी-1, ईबी-2 और ईबी-3 वीजा श्रेणियों में ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।
इसी साल जून में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के 43 सांसदों के एक समूह जो बाइडन प्रशासन से कानूनी अप्रवासियों के 2.5 लाख से अधिक बच्चों को ‘डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स’ करार देते हुए उन्हें आत्म निर्वासन से बचाने की अपील की थी। इस अभियान का नेतृत्व आप्रवासन, नागरिकता और सीमा सुरक्षा पर सीनेट न्यायपालिका उप-समिति के अध्यक्ष सीनेटर एलेक्स पाडेला और डेबोरा रॉस ने किया था।
ग्रीन कार्ड के लिए प्रोसेसिंग का समय कुछ महीनों से लेकर कई सालों तक का हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं और आप कहां से आवेदन कर रहे हैं। अमेरिका में आवेदन करने वाले अमेरिकी नागरिकों के जीवनसाथी और करीबी रिश्तेदारों (माता-पिता और नाबालिग बच्चों) के लिए प्रतीक्षा अवधि वर्तमान में 10-23 महीने है। ग्रीन कार्ड लेने के लिए आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए। अगर आप अमेरिका में 5 साल से ज्यादा रह चुके हैं तो ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप अमेरिका में स्थायी रूप से रहने वाले किसी नागरिक के रिश्तेदार हैं, तो आप ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस कैटेगरी में सगे-संबंधी, मंगेतर आते हैं। आपने किसी अमेरिकी नागरिक से शादी की है तो भी आप तीन साल में ही ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अमेरिका में नौकरी करते हैं तो भी ग्रीन कार्ड के पात्र हैं। ऐसे में ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए ये नियम जरूर जान लेना चाहिए।