वर्तमान में अमेरिकी ग्रीन कार्ड कई भारतीयों की जरूरत बन चुका है! भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हर साल बड़ी संख्या में लोग अमेरिका की यात्रा करते हैं। बहुत से लोग बेहतर भविष्य की उम्मीद में अमेरिका में रहकर काम भी करते हैं। अगर आप भी अमेरिका की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो ग्रीन कार्ड और वीजा का खयाल भी आ रहा होगा। हालांकि, इंटरनेट के जमाने में आज हर चीज की जानकारी उपलब्ध है लेकिन यहां हम आपको आसान भाषा में ग्रीन कार्ड और वीजा के बारे में बता रहे हैं, साथ ही यह भी बता रहे हैं कि भारतीयों को ग्रीन कार्ड या वीजा कब चाहिए होता है और आखिर इन दोनों में क्या अंतर है। ग्रीन कार्ड और वीजा में कुछ हद तक समानताएं हैं। ग्रीन कार्ड धारक आम तौर पर वीजा का इस्तेमाल करके अमेरिका में प्रवेश करते हैं, लेकिन सभी वीजा धारकों के पास ग्रीन कार्ड नहीं होता है या उन्हें ग्रीन कार्ड नहीं मिलता है।
अमेरिका में प्रवेश करने या वहां प्रवास करने के लिए दूसरे देशों (भारत के भी) के व्यक्तियों को वीजा की आवश्यकता पड़ती है। अमेरिका में प्रवेश करने की इच्छा रखने वाले लोगों यात्रा से पहले अपने देश स्थित अमेरिकी दूतावास या अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के माध्यम से वीजा के लिए आवेदन करना होता है। वीजा दो प्रकार के होते हैं। ये वीजा धारक को विशेष उद्देश्यों जैसे कि काम, शिक्षा, चिकित्सा कारणों या व्यावसायिक यात्राओं के लिए और एक स्पष्ट डिपार्चर डेट के साथ एक निश्चित समय के लिए अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति देते हैं। ये अस्थायी दस्तावेज हैं जो धारक को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने की अनुमति नहीं देते हैं।
यह वीजा प्राप्त करना ज्यादा कठिन माना जाता है। आप्रवासी वीजा स्थायी रूप से रहने के लिए अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति देता है और यह ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। यह वीजा अमेरिका की यात्रा से पहले प्राप्त किए जाने की आवश्यकता होती है और इस प्रकार के वीजा को प्राप्त करने की प्रक्रिया ज्यादा व्यापक है। आम तौर पर धारक को परिवार के किसी सदस्य की ओर से स्पॉन्सर किया जाता है। केवल आप्रवासी वीजा अमेरिकी नागरिकता का रास्ता नहीं है। ग्रीन कार्ड फिजिकल कार्ड (प्लास्टिक या मेटल से बना कार्ड) होते हैं। यह कार्ड दर्शाता हैं कि धारक अमेरिका का स्थायी निवासी है और वह यूएस में कहीं भी वैध रूप से काम कर सकता है और यात्रा कर सकता है। आधिकारिक तौर पर इस कार्ड को ‘परमानेंट रेजिडेंट कार्ड’ यानी स्थायी निवासी कार्ड कहा जाता है।
ग्रीन कार्ड तकनीकी रूप से एक प्रकार का वीजा है जो स्थायी निवास की अनुमति देता है। ग्रीन कार्ड अमेरिका में आने के बाद जारी किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड के लिए योग्य होने के लिए आवेदक के पास पहले से ही आप्रवासी वीजा (इमिग्रेंट वीजा) होना चाहिए। ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन अमेरिकी सरकार की नागरिकता और आव्रजन प्रणाली के प्रबंधन से संबंधित एजेंसी USCIS (अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं) में किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड होल्डर तीन से पांच साल बाद अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का प्रयास शुरू कर सकते हैं यानी वे इसके लिए आवेदन करने के योग्य हो जाते हैं। ग्रीन कार्ड कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार है! परिवार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए वर्तमान अमेरिकी नागरिकों और अन्य ग्रीन कार्ड धारकों के करीबी संबंधी आवेदन कर सकते हैं। इनमें माता-पिता, भाई-बहन और बच्चों जैसे परिवार के सगे-संबंधी शामिल हैं। इस कैटेगरी में अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक की विधवाएं और विधुर भी शामिल होते हैं।
रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड कुछ प्रकार के कर्मचारियों और कुछ मामलों में उनके सगे संबंधियों को उनकी जॉब से जुड़े ग्रीन कार्ड दिए जा सकते हैं। इस कैटेगरी में शरणार्थी, शरण चाहने वाले और मानव तस्करी, अपराध या उत्पीड़न के शिकार लोग ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के पात्र हैं।
हर साल अमेरिकी सरकार अफ्रीका, एशिया और ओशिनिया जैसे छह भौगोलिक क्षेत्रों से प्राप्त एंट्री के पूल में 50 हजार से ज्यादा लोगों तक का रेंडम सिलेक्शन करती है। इसे ग्रीन कार्ड लॉटरी या डायवर्सिटी वीजा के रूप में जाना जाता है। इस प्रक्रिया में प्राथमिकता उन देशों से आने वाले लोगों को दी जाती है, जहां से हाल के वर्षों में अमेरिका में बहुत कम आप्रवासी आए हैं। ध्यान देने वाली बात है कि ग्रीन कार्ड से धारक को अमेरिका में स्थायी निवास की अनुमति मिलती है, लेकिन उसे हर 10 वर्ष में इसे रीन्यू करना होता है। अपराध जैसी परिस्थिति में स्थायी निवास रद्द किए जाने का भी प्रावधान है।