आज हम आपको महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा बनाया गया नया प्लान के बारे में जानकारी देने वाले हैं ! चुनावी गारंटी’ पूरा ना करने के मुद्दे पर अपनी फजीहत करा बैठी कांग्रेस अब इसी मुद्दे को अपनी ताकत बना रही है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता जनता को विश्वास दिलाने में जुट गए हैं कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में चुनावी वादों को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है। साथ ही पार्टी बीजेपी के उस आरोप का भी खंडन कर रही है कि जिसमें कहा गया था कि उनके राज्यों में चुनावी वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस शासित तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को बीजेपी के उस आरोप का कड़ा विरोध किया, जिसमें कहा गया था कि उनके राज्यों में चुनावी वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
शिवकुमार ने कहा, ‘महायुति के नेताओं को मेरे राज्य का दौरा करना चाहिए और देखना चाहिए कि कांग्रेस की कल्याणकारी गारंटी (योजनाओं) से लोगों को किस तरह लाभ मिल रहा है। कांग्रेस जब भी सत्ता में आती है तो समाज के हर वर्ग के लिए कोई न कोई योजना लागू करती है।’ शिवकुमार ने कहा, ‘(पूर्व प्रधानमंत्री) जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह के दिनों से चली आ रही किसी भी योजना को वापस नहीं लिया गया है। हम वोट नहीं बल्कि राज्य का विकास चाहते हैं।’ तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी ने प्रधानमंत्री पर उनके राज्य से संबंधित योजना के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हम गारंटियों को व्यवस्थित ढंग से लागू कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कृषि ऋण माफ कर दिया। रेड्डी ने कहा, ‘22,22,067 किसानों का कृषि ऋण माफ किया गया, जिससे सरकार पर 17,869 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा।’
रेड्डी ने कहा कि 10 महीनों में उनकी सरकार ने युवाओं को 50,000 सरकारी नौकरियां दी हैं, जबकि 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से 50 लाख परिवारों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास महाराष्ट्र में गर्व करने लायक कोई सफलता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी-बड़ी निवेश परियोजनाएं महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित की जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने के फैसले से लोगों को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले जो व्यक्ति नई पेंशन योजना के तहत 5,000 रुपये प्रतिमाह पा रहा था, उसे पुरानी पेंशन योजना के तहत 50,000 रुपये मिल रहे हैं। उन्होंने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों को यह तय करना होगा कि पैसे के बल पर सरकार को गिराना लोकतंत्र है या नहीं।’ सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने भाजपा के ‘ऑपरेशन कमल’ का सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
इस हफ्ते की शुरुआत में महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने चुनावी वादों की घोषणा की, जिसमें कृषि ऋण माफी, मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के तहत 1,500 रुपये मासिक राशि को दोगुना करके 3,000 रुपये करना शामिल था। जब यह पूछा गया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) कैसे राजकीय अनुशासन सुनिश्चित करेगी, क्योंकि उसने दावा किया था कि इन रियायतों से राजकोष पर बोझ बढ़ेगा, तो रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी को अच्छी तरह से पता है कि जनता के पैसे का उनके कल्याण के लिए कैसे उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा, ‘हमने 70 वर्षों तक सरकार चलाई है। हमें इसका व्यापक अनुभव है। हम जानते हैं कि अतिरिक्त व्यय को कहां रोकना है।’
कांग्रेस की कर्नाटक सरकार इस वक्त आर्थिक तंगी से जूझ रही है। हाल ही में इस मुद्दे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ही पार्टी नेताओं और सरकार को सख्त लहजे में खरा-खरा सुना डाला था। खरगे ने साफ कहा कि उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें। वरना सरकार दिवालियापन की तरफ चली जाएगी। इसके बाद से ही कांग्रेस पर बीजेपी ने गारंटी पूरा ना करने को लेकर हमले शुरू कर दिए थे।
कर्नाटक में ‘शक्ति’ गारंटी की समीक्षा किए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की खिंचाई की थी। दरअसल, शिवकुमार ने हाल ही में कहा था कि सरकार ‘शक्ति’ योजना पर फिर से विचार करेगी क्योंकि कुछ महिलाओं ने सरकारी बसों में यात्रा के लिए भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की इस गारंटी के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है। खरगे ने शिवकुमार के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा था, ‘आपने कुछ गारंटी दी हैं। उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में 5 गारंटी हैं। अब आपने (शिवकुमार) कहा कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे।’