नई दिल्ली। गुलकंद न सिर्फ स्वाद में बल्कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। और हो भी क्यों न यह गुलाब की पंखुड़ियों से जो तैयार किया जाता है। गुलाब के फूल की तरह गुलकंद की खुशबू भी दिल खुश कर देती है। इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। इसे पान के अलावा चाय में भी इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग इसे पानी या फिर दूध में मिलाकर भी पीते हैं।
आप गुलकंद को बाज़ार से खरीद सकते हैं या फिर इसे घर पर भी तैयार कर सकते हैं। गुलकंद असल में गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से मिलकर बनता है।
गुलकंद को कैसे बनाएं?- वैसे तो गुलकंद बनाने के लिए एक विशिष्ट प्रकार के गुलाब का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसे फूल की अन्य किस्मों से भी बनाया जा सकता है। आपको गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को इकट्ठा करके साफ करना है। चीनी या फिर मिश्री की बराबर मात्रा लें। इन सभी चीज़ों को एक जार में डाल दें। इन चीज़ों की परत बनाकर डालें। जैसे एक परत गुलाब की पंखुड़ियों की तौ दूसरी चीनी की। आप इसमें स्वाद के लिए इलाइची भी डाल सकते हैं। ध्यान रहे कि यह जार कांच का हो, ताकि सूरज की किरणें इस तक पहुंच सकें और यह अच्छी तरह सूख जाए। जार को धूप में 12 से 15 दिनों के लिए रखें।
गर्मी का मौसम और गुलकंद- गुलकंद गर्मी में होने वाली समस्याओं जैसे कि कमज़ोरी, दर्द, मांसपेशियों में दर्द और पेट की गर्मी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। अगर आप गर्मी के मौसम में पैर के तलवों और हथेलियों में जलन महसूस करते हैं, तो गुलकंद का सेवन करें।
गुलकंद के दूसरे फायदे – यह मुंह में होने वाले छालों को दूर करता है, जो आमतौर पर उन लोगों को होते हैं, जिनके शरीर में ज़्यादा गर्मी होती है।
– यह आयरन से भरपूर होता है। यही वजह है कि पीरियड्स के समय महिलाओं को इसके सेवन से भारी रक्तस्राव, सफेद स्राव और यहां तक कि मासिक धर्म में ऐंठन में भी आराम मिलता है।
– यह पाचन में मददगार साबित होता है और कब्ज़ से छुटकारा दिलाता है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल पान में किया जाता है और खाने के बाद इसे खाया जाता है।
– यह सीने में जलन और एसीडिटी का भी इलाज करता है। क्योंकि यह सही पाचन में मदद करता है, जिससे व्यक्ति की सभी पाचन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
– यह बवासीर या रक्तस्रावी बवासीर के इलाज के लिए उपयोगी हो सकता है, जो आमतौर पर पुराने कब्ज़ के कारण होता है।
– यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
– यह नाक से खून बहने से रोकता है, जो आमतौर पर गर्मी के मौसम में होता है।
– शरीर की बदबू को कम करता है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि गुलकंद की ठंडी तासीर का असर शरीर से निकलने वाले पसीने पर भी पड़ता है।