नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शनिवार को एक अलग ही अंदाज में दिखे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को बीमारी से उबारने के अभियान में लगे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद ही गाड़ी चलाकर दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल पहुंच गए। यहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य जगहों पर घूमकर मरीजों के इलाज की सुविधाओं का जायजा लिया। लखनऊ, बाराबंकी तथा सीतापुर के बाद अब वाराणसी की बारी है।यहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर इमरजेंसी वार्ड सहित अन्य जगहों पर घूमकर मरीजों के इलाज की सुविधाओं की हकीकत का जायजा लिया. स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल परिसर में घूमते रहे लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। जैसे ही लोगों ने पहचाना तो हड़कंप मच गया. अस्पताल परिसर में वार्ड से लेकर अन्य जगहों पर गंदगी देखने के बाद ब्रजेश पाठक ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई
इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट और मरीजों के जांच, इलाज की व्यवस्थाओं के बारे में पूरी जानकारी ली। अस्पताल परिसर स्थित ट्रॉमा सेंटर में डिजिटल एक्सरे को देखने के लिए डिप्टी सीएम ने जब एक्सरे कक्ष को देखने की इच्छा जताई तो पता चला कि ताला बंद है. करीब 10 मिनट तक वह चाबी आने का इंतजार करते रहे. जब चाबी नहीं मिली तो नाराज होकर वापस लौट गए ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के शौचालय में गंदगी देखकर काफी नाराज हुए. इसके अलावा ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एक्सरे, ओपीडी, फिजियोथैरेपी समेत तमाम विभागों की जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान बाहर की दवा लिखने की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हिदायत दी कि व्यवस्था सुधार लें अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहे. जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाओं को नहीं लिखने पर अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी l
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के निर्देश दिए कि कोई भी नलकूप किसी भी दशा में बंद न रहने पाए और यदि खराब होने की सूचना मिले तो उसकी मरम्मत एक दिन के अंदर हर हाल में सुनिश्चित करेेें। उन्होंने संभावित बाढ़ से बचाव की तैयारियों एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में जानकारी की। आबकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि जहरीली शराब की कोई भी घटना नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने कमिश्नर दीपक अग्रवाल को भी नजर रखने को कहा। आप सभी लोग यह सुनिश्चित कर लें कि प्रदेश के अंदर जितने भी हॉस्पिटल हैं। उनमें आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उनको पानी की चिकित्सा की सभी तरह की फैसिलिटी बेहतर तरह से मिलना चाहिए। हम सबको मिलकर स्वच्छ प्रदेश और स्वस्थ प्रदेश बनाना है।
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