अधिक चाय पीना हो सकता आपके सेहत के लिए हानिकारक
बहुत ज्यादा चाय पीने हमारे सेहत के लिए हानिकारक हे अधिक चाय पीनेहो सकता है फूड पाइप में कैंसर और गले में कैंसर का रिस्क बढ़ता है. ज्यादात लोगो की आदत होती हे खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत होती है, अगर ऐसा आप भी करते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है. दरअसल चाय में टैनिन होता है l इसके अलावा तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि रोजाना खाली पेट चाय पीने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क बढ़ता है. अगर आपको दिन में चार से पांच बार चाय पीने की आदत है तो इस आदत को जल्द से जल्द सुधार लीजिए. बहुत ज्यादा चाय पीने से फूड पाइप में कैंसर और गले में कैंसर का रिस्क बढ़ता है l
परुन्तु इसके कए लाभ भी आइये जाने इसके बारे में भी
चाय की पत्तियों से हमे एक नैनोपार्टिकल्स नाम का तत्व मिलता हे जो हमारे फेफड़ों के कैंसर सेल्स के विकास को रोक सकता है. यह कैंसर सेल्स को 80% तक को ख़तम कर सकते हैं. लेकिन जहा हमने चाय का सेवन करना शुरू किया तो ये गुण के ख़तम होने की चांस बढ़ जाते हे l
अभी तक कैंसर मरीज़ चाय को लेकर कंफ्यूज में थे कि क्या यह उनके लिए फायदेमंद है या नहीं? लेकिन अब इस सवाल का जवाब हे साफ एक रिसर्च से ये साबित हुआ हे की चाय की पत्तियों से मिलने वाला नैनोपार्टिकल्स नाम का तत्व फेफड़ों के कैंसर सेल्स के विकास को रोक सकता है कैंसर सेल्स को 80 प्रतिशत तक नष्ट कर सकते हैं.
चाय में मजबूत एंटीऑक्सिडेंट जाने ये भी
चाय में मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। कई प्रयोगशाला अध्ययन भी कैंसर की रोकथाम में हरी चाय, काली चाय, अदरक की चाय और हिबिस्कस चाय सहित विभिन्न प्रकार की चाय लेने के संभावित लाभों का सुझाव देते हैं। इन लाभों की पुष्टि के लिए इनमें से कई अध्ययनों को मानव परीक्षणों में आयोजित करने की आवश्यकता है। जबकि ग्रीन टी स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति को कम करने के लिए पाई गई थी, एक प्रयोगशाला अध्ययन में यह भी पाया गया कि, एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी), ग्रीन टी में पाया जाने वाला एक प्रमुख यौगिक, प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं में रेडियोथेरेपी की प्रभावकारिता को कम कर सकता है। इसलिए, विशिष्ट कैंसर उपचार के पूरक के लिए सही खान-पान और पूरक आहार खोजने में मदद करने के लिए एक व्यक्तिगत पोषण योजना की आवश्यकता है, न कि इसमें हस्तक्षेप करने की।
ग्रीन टी के सामान्य स्वास्थ्य लाभ
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। ग्रीन टी के सेवन के कुछ सामान्य स्वास्थ्य लाभ नीचे सूचीबद्ध हैं:
- हृदय रोग के खतरे को कम करता हे
- मंद पॉवर बढ़ने में मदद करता है
- अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग को कम करने में मदद करता है
- वजन कम होता हे
- कैविटी और दांतों की सड़न को कम करने में मदद करता है
- चर्बी जलाने और मोटापा कम करने में मदद करता है।
- मधुमेह के खतरे को कम करता हे
चूंकि हरी चाय ईजीसीजी में समृद्ध है, इसलिए कैंसर की रोकथाम पर हरी चाय की खपत के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कई अवलोकन अध्ययन किए गए हैं। कैंसर या कैंसर जेसी बड़ी बीमारी को कम करने में ग्रीन टी या इसके घटक ईजीसीजी लाभदायक साबित होती हे l इसमें मुख्य हे कलि चाय,
ब्लैक टी के मुख्य सक्रिय तत्वों में शामिल हैं:
- थेरुबिगिन्स
- फ्लेवोनोल्स और
अत्यधिक चाय पीना सेहत के लिए है खराब, एसे छोड़ें चाय की लत
- धीरे – धीरे छोड़ेचाय
- अधिक से अधिक पानी पिएं – अगर आप सच मेंचाय पीने की आदत को छोड़ना चाहते हैं तो तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं। …
- पर्याप्त नींद – अगर आप 6 से 7 घंटे की भरपूर नींद लेते हैं तो आपकोचाय की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक नई रिसर्च ने उन दावों की हवा निकाल दी है, जिसमें चाय पीने को हेल्थ के लिए अच्छा बताया गया था। ब्रिटेन की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी में हुई एक जाच से पता चला है कि रोजाना 7 कप या उससे अधिक चाय पीने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 50 % से भी अधिक हो जाता है। शोधकर्ताओ ने अपने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए 6000 हजार लोगों पर 40 साल तक स्टडी की और ऐसा दावा किया है। पहले इस तरह की खबरें आईं थीं कि चाय पीने से बहोत से बिमारिओ से आपको छुटकारा मिलता हे l
अपनी हेरान कर देने वाली रिसर्च पर पहुंचने के लिए रिसर्चर डॉक्टर काशिफ शफीक ने 1970 से स्टडी शुरू कर दी थी और उन्होंने इसमें 21 से 75 साल के लोगों को शामिल किया गया। डॉक्टर काशिफ ने कहा कि पहले इस बात की कोई स्टडी नहीं की गई कि ब्लैक टी और ग्रीन टी का किसी की हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है। हालांकि उन्होंने माना है कि अधिकतर ज्यादा चाय पीने वाले शराब नहीं पीते और बेहतर जीवन जीते हैं, लेकिन जहां तक बात प्रोस्टेट कैंसर की है मामला अलग है। इस रिसर्च में पाया गया है कि 3 या उससे कम कप चाय रोज पीने वालों को इस तरह का कोई खतरा नहीं होता।