Friday, November 22, 2024
HomeIndian Newsवेश्यावृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

वेश्यावृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा वेश्यावृत्ति के लिए एक अहम फैसला लिया गया है, सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार वेश्यावृत्ति कोई गुनाह नहीं अपितु वैध पेशा है! शीर्ष अदालत के अनुसार यदि कोई भी सेक्स वर्कर अपनी इच्छा से इस पेशे में रहना चाहता है तो पुलिस के द्वारा उस पर भेदभाव नहीं किया जा सकता, ना ही मीडिया के द्वारा उसकी सार्वजनिक रूप से फोटो प्रकाशित की जानी चाहिए, यही नहीं शीर्ष अदालत के द्वारा कहा गया है कि सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं।कोर्ट ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। उसने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और न ही सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह अहम फैसला दिया। पीठ ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है। केंद्र को इन पर जवाब देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह अहम फैसला दिया। पीठ ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है। केंद्र को इन पर जवाब देने को कहा है।

वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है यदि वह स्वेच्छा से की जाए और यदि वेश्यावृत्ति किसी कारणवश या दबाव में की जाए तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है! लेकिन स्वेच्छा से की गई वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है! 

साथ ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह भी आदेश दिए गए के वेश्यालय चलाना गैर कानूनी है और इसके लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी करना पुलिस के अधिकार में आता है! सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायत दर्ज कराने वाली सेक्स वर्करों के साथ पुलिस भेदभाव न करे। यदि उसके खिलाफ किया गया अपराध यौन प्रकृति का हो तो तत्काल चिकित्सा और कानूनी मदद समेत हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्करों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ये ऐसे वर्ग के होते हैं, जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है, इसलिए उनके मामलों में संवदेनशील रवैया अपनाने की जरूरत है।

सेक्स वर्कर या यौनकर्मी कानून के तहत समान संरक्षण के पात्र हैं। आपराधिक कानून सभी मामलों में उम्र और सहमति के आधार पर समान रूप से लागू होना चाहिए।जब यह स्पष्ट हो जाए कि यौनकर्मी वयस्क है और सहमति से इस पेशे में भाग ले रही है तो पुलिस को हस्तक्षेप या कार्रवाई से बचना चाहिए।आपने हाल ही में दिखाई गई एक फीचर फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी जरूर देखी होगी, उसने भी गंगूबाई के द्वारा वेश्यावृत्ति के लिए कानून बनाने के लिए कहा गया था, शायद उनका सपना आज सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सच कर दिया गया है!

इस मूवी में साफ तौर पर गंगूबाई काठियावाड़ी के जीवन को चित्रित किया गया है! जिसमें उनके ऊपर हुए जुल्म और वेश्यावृत्ति में किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, उन सभी बातों का बखूबी चित्रण किया गया है, साथ ही इस मूवी में यह भी दिखाया गया है कि किस तरह गंगूबाई उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलकर वेश्यावृत्ति के लिए कानून बनाने के लिए कहती है, जिस पर जवाहरलाल नेहरु के द्वारा उन्हें आश्वस्त किया जाता है! 

हालांकि वह बात उस समय वही रह गई थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह फैसला लेकर ऐसे लोगों का सपना पूरा कर दिया है,देश के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है।सेक्स वर्करों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और न ही दंडित किया जाना चाहिए। वेश्यालयों पर छापा मारते वक्त उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। सेक्स वर्कर के बच्चे को सिर्फ इस आधार पर मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए कि वह देह व्यापार में है। मानवीय शालीनता और गरिमा की बुनियादी सुरक्षा सेक्स वर्करों और उनके बच्चों के लिए भी है। यदि कोई नाबालिग बच्चा वेश्यालय में सेक्स वर्कर के साथ रहता या रहती है तो यह नहीं माना जाए कि वह तस्करी कर यहां लाया गया है।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments