नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार होंगे. दिल्ली में मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक में यशवंत सिन्हा का नाम सर्वसम्मति से चुना गया. बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘हमने विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हाराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार होंगे. वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम 27 जून की सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं. इससे पहले आज ही यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे यशवंत सिन्हा के नाम के ऐलान से पहले विपक्षी दल काफी माथापच्ची के बाद भी उम्मीदवार नहीं तय कर पा रहे थे. शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला और गोपलाकृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. ऐसे में यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर खुद के राष्ट्रपति पद प्रत्याशी बनने के संकेत दिए थे l बैठक में कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन , राष्ट्रीय जनता दल और असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में शामिल होने वालों में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा शामिल थे.
यशवंत सिन्हा के नाम के ऐलान से पहले विपक्षी दल काफी माथापच्ची के बाद भी उम्मीदवार नहीं तय कर पा रहे थे. शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला और गोपलाकृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. ऐसे में यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर खुद के राष्ट्रपति पद प्रत्याशी बनने के संकेत दिए थे. यशवंत सिन्हा दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं. पहली बार वह 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में और फिर अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में वित्त मंत्री थे. वह वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री भी रहे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संयुक्त विपक्ष का बयान पढ़ते हुये कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया. यशवंत सिन्हा ने सुबह ट्वीट कर कहा था, “राज्यसभा और फिर विधानपरिषद चुनावों में TMC ने जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता बनर्जी का आभारी हूं. अब समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना चाहिए. मुझे यकीन है कि पार्टी मेरे इस कदम को स्वीकार करेगी l
विपक्ष के बयान में कहा गया है कि हम भाजपा और उसके सहयोगियों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि हम एक योग्य ‘राष्ट्रपति’ को निर्विरोध निर्वाचित कर सकें रमेश ने संयुक्त विपक्ष का बयान पढते हुये कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए साझा विपक्ष के उम्मीदवार चुने गए, वह भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने के लिए योग्य हैं.