आज कहानी है ऐसे सुपरकॉप की जो आईआईटी को छोड़कर आईपीएस बन गया! यूपी पुलिस के सबसे डायनमिक पुलिस कॉप नवनीत सिकेरा जिनका ऐसा खौफ था कि वो जिस जिले में पोस्टेड होते वहां के अपराधी अपनी जगह बदल लेते। खासकर पश्चिमी यूपी में तो बच्चा-बच्चा इस पुलिसवाले को अपना हीरो मानने लगा था। वो अपराधियों के लिए जितने सख्त थे आम जनता के लिए उतने ही मददगार। पहले आईआईटी जैसे संस्थान को छोड़ा, फिर आईएसएस जैसे पद से कन्नी काटी और इन सबसे ऊपर चुना तो पुलिस की नौकरी को, क्योंकि मकसद था अपराधियों को खत्म कर आम लोगों की मदद करना। 1996 बैच के इस आईपीएस की कहानी बेहद दिलचस्प है। गांव की पृष्ठभूमि से आने वाले नवनीत के पिता एक साधारण किसान थे। 22 अक्टूबर 1971 को एटा जिले के एक गांव में नवनीत का जन्म हुआ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में उन्होंने हिंदी मीडियम के स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। स्कूलिंग करने के बाद वो एडमिशन लेने के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज में आए। यहां एडमिशन के दौरान ही हिंदी मीडियम के होने की वजह से उनका मजाक उड़ाया गया। बस ये बात उन्हें इतनी चुभी कि उन्होंने आईआईटी में एडमिशन लेने की ठान ली। तैयारी की और एक्जाम पास भी हो गया। दिल्ली आईआईटी से नवनीत ने बीटेक किया।
माता-पिता गांव में ही थे तो अक्सर उनका गांव जाना होता रहता। गांव में उनके पिता की जमीन कुछ दबंग लोगों ने हड़प ली थी। अपने पिता के साथ नवनीत मामले की शिकायत करने पुलिस थाने पहुंचे तो पुलिस वालों ने नवनीत और उनके पिता के साथ बदसलूकी की। वजह ही दूसरे पक्ष का दबंग होना। बस यहीं से नवनीत ने ठान लिया कि अब पुलिस में जाएंगे। अपराध के खिलाफ लड़ेंगे और पुलिस व्यवस्था को ठीक करेंगे।
इसके बाद नवनीत ने एमटेक करने का इरादा छोड़कर सिविल सर्विसेज की तैयारियां शुरू कर दी। कड़ी मेहनत का फल भी मिला। नवनीत को सिविल सर्विसेज में टॉप रैंकिंग मिली। उनका नंबर आईएएस के लिए आ गया, लेकिन आईएएस को छोड़कर उन्होंने अपने सपने को पूरा किया। उन्होंने आईपीएस की नौकरी चुनी और उनको एएसपी के रूप में पहली पोस्टिंग मिली गोरखपुर में, लेकिन थोड़े ही समय बाद उन्हें मेरठ यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर कर दिया गया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उस दौर में अपराधियों का बोलबाला था। कई बड़े अपराधियों के गैंग लोगों के लिए मुसीबत बने हुए थे। यहां तक की पुलिस भी आम जनता की नहीं सुनती थी। नवनीत की मेरठ में पोस्टिंग के बाद चीजें बदलने लगी। लोगों के लिए पुलिस तक पहुंचना आसान हो गया। नए-नए ऑफिसर होने के बावजूद नवनीत का अपराधियों के प्रति शुरू से बेहद कड़ा रुख था। आम जनता के बीच वो इनते पॉपुलर हो गए कि जब मेरठ से उनका ट्रांसफर हुआ तो लोगों ने उनके ट्रांसफर रुकवाने के लिए शहर भर में पोस्टर लगवा दिए। जनता अपने हीरो को अपने इलाके से दूर नहीं जाने देना चाहती थी।
नवनीत सिकेरा से उत्तर प्रदेश के अपराधी थर-थर कांपते थे। वो क्रिमिनल्स का खात्मा करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। क्रिमिनल रमेश कालिया के एनकाउंटर को करने के लिए नवनीत ने फेक बारात ही तैयार कर डाली। नवनीत की मेरठ में पोस्टिंग के बाद चीजें बदलने लगी। लोगों के लिए पुलिस तक पहुंचना आसान हो गया। नए-नए ऑफिसर होने के बावजूद नवनीत का अपराधियों के प्रति शुरू से बेहद कड़ा रुख था। आम जनता के बीच वो इनते पॉपुलर हो गए कि जब मेरठ से उनका ट्रांसफर हुआ तो लोगों ने उनके ट्रांसफर रुकवाने के लिए शहर भर में पोस्टर लगवा दिए। जनता अपने हीरो को अपने इलाके से दूर नहीं जाने देना चाहती थी।दूल्हा-दुल्हन बाराती सबकुछ नकली था बस एनकाउंटर एकदम असली। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पोस्टेड रहते हुए नवनीत ने ऐसे ही छोटे-बड़े करीब 60 अपराधियों को अपनी बंदूक से मार गिराया था। इसके अलावा महिलाओं को लेकर होने वाले क्राइम के खिलाफ भी नवनीत ने काफी काम किया। उत्तर प्रदेश में वुमेन हेल्पलाइन नंबर तैयार करने में इसी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सबसे अहम भूमिका है।
नवनीत सिकेरा फिलहाल लखनऊ में पुलिस हेड क्वार्टर में IG पद पर तैनात हैं। वो इतने फेमस कॉप रहे हैं कि उन पर एक वेब सीरीज तक तैयार हो गई और जो काफी हिट रही। भौकाल-2 नाम से कुछ महीनों पहले ये वेब सीरीज आई थी जिसमें मोहित रैन ने नवनीत सिकेरा की भूमिका निभाई थी। नवनीत की तरह ही आम जनता ने इस सीरीज को भी काफी पसंद किया।