आज हम आपको बताएंगे की मौसम विभाग के अनुसार बारिश कितने दिनों की और रही है! मॉनसून की विदाई शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से सोमवार को इसकी शुरुआत हो गई। इसके साथ ही देश से मॉनसून की विदाई का सिलसिला भी शुरू हो गया है। हालांकि, मॉनसून की वापसी की सामान्य तारीख 17 सितंबर है लेकिन इस बार देरी हुई है। इस बार मॉनसून के दौरान सामान्य से 5% अधिक बारिश हुई है। इस साल मॉनसून की विदाई में देरी हुई है। यह लगातार 14वां साल है जब मॉनसून की वापसी देर से हुई है। पिछले साल मॉनसून की वापसी 25 सितंबर को शुरू हुई थी। तकनीकी रूप से मॉनसून का मौसम 30 सितंबर को समाप्त होता है, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक चलती है।
जहां तक इसके आगमन की बात है तो इस साल केरल और उत्तर-पूर्व के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून की शुरुआत 30 मई को एक साथ हुई थी जबकि इसकी सामान्य तारीख क्रमशः 1 जून और 5 जून है। मॉनसून ने 2 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लिया था जो कि इसकी सामान्य तारीख (8 जुलाई) से छह दिन पहले थी। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, चार महीने के मॉनसून सीजन (जून-सितंबर) का समापन ‘सामान्य से अधिक’ बारिश के साथ होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि मॉनसून दीर्घकालिक औसत (LPA) के 105-110% की श्रेणी में रहने की उम्मीद है। सोमवार तक हुई कुल बारिश (1 जून से 23 सितंबर तक) इस अवधि की ‘सामान्य’ बारिश से 5% अधिक दर्ज की गई है। हालांकि, सीजन के पहले महीने (जून) में 11% वर्षा की कमी दर्ज की गई थी।
इस साल केरल और उत्तर-पूर्व में मॉनसून 30 मई को ही आ गया था, जबकि आमतौर पर ये 1 जून और 5 जून को आता है। इस बार 2 जुलाई तक मॉनसून पूरे देश में आ गया था। यह सामान्य तारीख 8 जुलाई से छह दिन पहले था। आमतौर पर, मॉनसून 38 दिनों (1 जून से 8 जुलाई) में पूरे भारत को कवर कर लेता है। इस साल, जून में धीमी प्रगति के बावजूद, इसने 34 दिनों में ऐसा किया। यह लगातार तीसरा साल था जब मॉनसून ने 2 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लिया। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के कई राज्यों में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने वाला है। सितंबर की शुरुआत से जहां ज्यादातर जगहों पर मॉनसून जमकर बरसा है, वहीं अब इस पर ब्रेक लगने वाला है। इसी के साथ आने वाले कुछ दिनों में तापमान में इजाफा होने के आसार हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में 19 सितंबर से तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने वाली है, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत भी शामिल है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, 22 सितंबर तक उत्तर-पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी शुरू हो सकती है।
अगर ऐसा होता है तो यह पिछले आठ सालों में मॉनसून की सबसे जल्दी वापसी होगी। मौसम एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बाद तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी। ये दौर कुछ दिनों तक जारी रहेगा। वहीं अक्टूबर की शुरुआत से दिन और रात ठंडे होने लगेंगे। 19 सितंबर तक तापमान सामान्य से कम रहेगा लेकिन उसके बाद थोड़ा बढ़ जाएगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि 19 सितंबर के बाद उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश धीरे-धीरे कम होने लगेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 26 सितंबर से 3 अक्टूबर के हफ्ते में पूर्वी भारत को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की संभावना कम है।
मौसम विभाग अब आने वाले महीनों को लेकर पूर्वानुमान जारी कर रहा है। इस साल अल नीनो से ला नीना में बदलाव हो सकता है, जिससे पूरे देश का मौसम प्रभावित हो सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन ने कहा, ‘ठंड के मौसम का आना इस बात पर निर्भर करता है कि मध्य अक्षांश के पश्चिमी विक्षोभ कैसे आगे बढ़ते हैं। ला नीना वर्ष में हमें सामान्य से ज्यादा ठंड की उम्मीद करनी चाहिए।’ अल नीनो और ला नीना प्रशांत महासागर में होने वाले तापमान चक्र हैं, जिनका वैश्विक मौसम पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। अल नीनो तब होता है जब भूमध्यरेखा के पास प्रशांत महासागर सामान्य से ज्यादा गर्म होता है। इससे भारत में सूखे की स्थिति पैदा होती है। ला नीना इसके विपरीत होता है।
एक अन्य एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस महीने के अंत तक मॉनसून के वापस जाने की उम्मीद है। प्राइवेट वेदर एजेंसी महेश पलावत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हवाओं के उत्तर दिशा में बदलते ही जल्द ही तापमान गिरना शुरू हो जाएगा। लेकिन यह ठंडा होगा या मामूली गिरावट होगी, यह हम नहीं कह सकते क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी क्षेत्र को कब प्रभावित करना शुरू करते हैं।’
बता दें कि इस साल जून की शुरुआत से ही उत्तर भारत के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। 1 जून से देश में औसतन 8% ज्यादा बारिश हुई है। वहीं पिछले साल मॉनसून 25 सितंबर के आसपास वापस जाना शुरू हुआ था। वहीं 2022 में 30 सितंबर के आसपास।