आज हम आपको बताएंगे कि पीएम मोदी और शरद पवार के बीच का रिश्ता आखिर कैसा भाव रखता है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी नेता शरद पवार दोनों ही एक दूसरे पर कभी भी तीखे वार करने से पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में एक रैली को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए पीएम मोदी ने शरद पवार पर निशाना साधा। उन्होंने शरद पवार को भटकती आत्मा कहा। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने लंबे समय तक अस्थिरता का दौर देखा है। आज मैं कुछ बोलने जा रहा हूं, लेकिन कोई अपने सिर पर टोपी ना ले लेना। हमारे यहां कहते हैं कि कुछ भटकती आत्माएं होती हैं, जिनकी इच्छाएं पूरी नहीं होती हैं और जिनके सपने पूरे नहीं होते हैं, वो आत्माएं भटकती रहती हैं। ऐसी आत्मा को खुद का काम नहीं हुआ तो दूसरों का काम बिगाड़ने में मजा आता है। हमारा महाराष्ट्र भी ऐसी भटकती आत्माओं का शिकार हो चुका है। आज से 45 साल पहले यहां के एक बड़े नेता ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए खेल की शुरुआत की थी, तब से महाराष्ट्र एक अस्थिरता के दौर में चला गया और कई मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए। पीएम मोदी ने बिना नाम लिए शरद पवार को बहुत दूर की बातें कह गए। जिसपर शरद पवार ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी पहले कहा करते थे कि वह हमारी उंगली पकड़कर राजनीति में आए हैं लेकिन आजकल वह मझे भटकती आत्मा कह रहे हैं। वह मुझ पर काफी गुस्सा है। ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी और शरद पवार शुरू से ही एक दूसरे पर तंज कसते आ रहे हैं।एक वक्त ऐसा था कि पीएम मोदी शरद पवार को अपना गुरु कहा थे लेकिन अब दोनों के रिश्ते काफी बदल गए हैं।लेकिन उसके बाद जब साल 2019 लोकसभा चुनाव पास आए तो फिर ये मिठास कड़वाहट में बदलती चल गई। पहले दोनों का रिश्ता काफी अच्छा था एक वक्त ऐसा था कि पीएम मोदी शरद पवार को अपना गुरु कहा थे लेकिन अब दोनों के रिश्ते काफी बदल गए हैं।
कई दशकों से एक दूसरे को जानने वाले ये दोनों नेता पहले एक दूसरे काफी करीब थे। कई बार एक दूसरे की तारीफ भी करते देखे गए थे। पीएम मोदी ने साल 2015 में पुणे जिले के बारामती में कृषि विज्ञान केंद्र का उद्घाटन करने के बाद शरद पवार के घर पहुंच गए थे। वहां पर उन्होंने उनके परिवार के साथ खाना भी खाय था। इतना ही नहीं नोटबंदी के बाद पीएम मोदी एक कार्यक्रम में शरद पवार को अपना राजनीतिक गुरु भी कह दिया था। पीएम मोदी ने पुणे में हुए एक सम्मेलन में कहा था कि शरद पवार के प्रति मेरे मन में व्यक्तिगत सम्मान है। उन्होंने मेरी उंगली पकड़ कर मुझे राजनीति में चलने में मदद की। मुझे सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा करते हुए बहुत ही गर्व हो रहा है।
शरद पवार को राजनीतिक गुरु मानने के दो साल बाद ही भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने शरद पवार को पद्म विभूषण से सम्मानित किया। यहां तक तो दोनों के रिश्ते में शब्दों की मिठास बराबर आ रही थी लेकिन आजकल वह मझे भटकती आत्मा कह रहे हैं। वह मुझ पर काफी गुस्सा है। ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी और शरद पवार शुरू से ही एक दूसरे पर तंज कसते आ रहे हैं। पहले दोनों का रिश्ता काफी अच्छा था एक वक्त ऐसा था कि पीएम मोदी शरद पवार को अपना गुरु कहा थे लेकिन अब दोनों के रिश्ते काफी बदल गए हैं।लेकिन उसके बाद जब साल 2019 लोकसभा चुनाव पास आए तो फिर ये मिठास कड़वाहट में बदलती चल गई।
पद्म विभूषण से सम्मानित होने के के एक साल बाद ही शरद पवार के तेवर बदल गए और उन्होंने आम चुनाव पास आते ही पीएम मोदी पर तंज कसना शुरू कर दिया। साल 2018 में पुणे में एनसीपी के अधिवेशन में नरेंद्र मोदी को बातूनी पीएम कहते हुए देश में दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं की बदतर स्थिति पर चुप्पी तोड़ने को कहा। शरद पवार के इन तीखे हमलों के बाद पीएम मोदी ने एनसीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लोकसभा चुनाव 2019 प्रचार के दौरान उन्होंने बारामती में लोगों से बंधनों को तोड़ने के लिए कहा और शरद पवार के शासन को खत्म करने का आह्वान किया। उसके बाद पीएम मोदी ने एनसीपी को राष्ट्रवादी नहीं ‘भष्ट्रवादी’ पार्टी करार दिया। उसके बाद से आए पवार हो या पीएम मोदी दोनों ही नेता कई बार एक दूसरे पर निशाना साधते हुए तंज कस चुके हैं।