आखिर अब कैसे कर पाएंगे हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम?

0
68

आज हम आपको बताएंगे कि आखिर हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम कैसे किया जा सकता है! मरीजों के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया में तेजी लाने और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के मकसद के साथ केंद्र सरकार ने सिंगल पोर्टल तैयार किया है। इसका फायदा मरीजों, इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों को होगा। इंश्योरेंस क्लेम के निपटारे के लिए लंबा इंतजार खत्म करने, अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले मरीज के क्लेम को कंपनी से जल्द मंजूरी मिल सके, इसको ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इस वन पोर्टल के साथ देश की बड़ी करीब 50 इंश्योरेंस कंपनियां और 250 बड़े अस्पताल भी जुड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अक्सर देखने में आता है कि मरीज तो अस्पताल से सुबह ही डिस्चार्ज हो जाता है लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों से क्लेम के निपटारे का ग्रीन सिग्नल मिलते-मिलते रात हो जाती है। इस तरह से मरीज को एक दिन ज्यादा अस्पताल में रहना पड़ता है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने यह पोर्टल तैयार करने से पहले तमाम इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ वर्कशॉप्स और मीटिंग की।

इसके बाद पोर्टल को तैयार किया गया है। अगर सरकार का यह प्रयास कामयाब हो जाता है तो देश के हेल्थ इंश्योरेंस इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव होगा। अभी एक अस्पताल को अपनी वेबसाइटों पर 50 से अधिक बीमा कंपनियों के क्लेम तैयार करने और प्रोसेस करने होते हैं। अस्पताल में दाखिल मरीज अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों से जुड़े होते हैं और उन कंपनियों की वेबसाइट पर हर मरीज के क्लेम को प्रोसेस किया जाता है। एक इंश्योरेंस कंपनी को अलग-अलग अस्पताल से आने वाले क्लेम को प्रोसेस करना होता है और उसे सभी अस्पतालों की वेबसाइट से कनेक्ट रहना पड़ता है। जब सरकार का यह प्लैटफॉर्म शुरू हो जाएगा तो एक सिंगल प्लैटफॉर्म के जरिए क्लेम प्रोसेस होंगे।टीपीए और अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रफेशनल्स ने भाग लिया है। देश में डिजिटल स्वास्थ्य लेनदेन को अपनाने और रोगी स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह अहम कदम साबित होगा। इससे मरीज के इलाज का डिजिटल रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा। अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनियां एक ही प्लैटफॉर्म पर चेक करेंगी और इससे प्रोसेस में तेजी होगी। क्लेम का निपटारा भी जल्द होगा। अभी सरकार इस पोर्टल को लेकर समन्वयक की भूमिका में ही रहेगी लेकिन आने वाले समय में मॉनिटरिंग प्रोसेस में तेजी आ सकेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियां और अस्पताल ही चाहते हैं कि वन सिंगल प्लैटफॉर्म हो। इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस पहल का आगे बढ़ाया है। यह एक डिजिटल हेल्थ क्लेम प्लैटफॉर्म है, जिससे बीमा कंपनियों को अपनी लागत में भी कमी लाने का मौका मिलेगा। साथ ही, पॉलिसी धारकों को जल्द से जल्द उनका क्लेम मिल पाएगा। क्लेम से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। यह भी पता चल सकेगा कि कौन-सी कंपनी जल्द क्लेम को क्लियर कर रही है और कौन-सी कंपनी देरी करती है। इंश्योरेंस कंपनियों से क्लेम के निपटारे का ग्रीन सिग्नल मिलते-मिलते रात हो जाती है। इस तरह से मरीज को एक दिन ज्यादा अस्पताल में रहना पड़ता है। जब सरकार का यह प्लैटफॉर्म शुरू हो जाएगा तो एक सिंगल प्लैटफॉर्म के जरिए क्लेम प्रोसेस होंगे। अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनियां एक ही प्लैटफॉर्म पर चेक करेंगी और इससे प्रोसेस में तेजी होगी। क्लेम का निपटारा भी जल्द होगा। अभी सरकार इस पोर्टल को लेकर समन्वयक की भूमिका में ही रहेगी लेकिन आने वाले समय में मॉनिटरिंग प्रोसेस में तेजी आ सकेगी।नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने यह पोर्टल तैयार करने से पहले तमाम इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ वर्कशॉप्स और मीटिंग की। इसके बाद पोर्टल को तैयार किया गया है। अगर सरकार का यह प्रयास कामयाब हो जाता है तो देश के हेल्थ इंश्योरेंस इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव होगा।

क्लेम के स्टेटस को भी आसानी से देखा जा सकेगा। पालिसी धारक अपने क्लेम की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक पर पाएंगे। अभी तक हुई वर्कशॉप्स में बीमा कंपनियों, टीपीए और अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रफेशनल्स ने भाग लिया है। देश में डिजिटल स्वास्थ्य लेनदेन को अपनाने और रोगी स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह अहम कदम साबित होगा। इस तरह से मरीज को एक दिन ज्यादा अस्पताल में रहना पड़ता है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने यह पोर्टल तैयार करने से पहले तमाम इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ वर्कशॉप्स और मीटिंग की।इससे मरीज के इलाज का डिजिटल रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा।