आज हम आपको बताएंगे कि वर्तमान में संसद में क्या कुछ खास हो रहा है! राज्यसभा में स्पीकर जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। दरअसल राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी, तभी खरगे सदन के वेल में चले गए। इसे लेकर स्पीकर धनखड़ ने खरगे पर काफी नाराजगी जताई। धनखड़ ने कहा कि खरगे ने ऐसा मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया। वहीं खरगे ने इसे गलत बताया और कहा कि इसमें गलती राज्यसभा अध्यक्ष की थी।जानकारी के अनुसार, राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके लिए यह काफी दुखदायी क्षण है कि सदन में विपक्ष के नेता वेल में आ जा रहे हैं। यही नहीं, उनके साथ सीनियर नेता मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी भी वेल में आ रहे हैं। धनखड़े ने कहा, ‘मेरे लिए ये ज्यादा पीड़ादायक है कि खरगे बाहर जाकर झूठ बोल रहे थे। वो बाहर जाकर मिसरिपोर्ट कर रहे थे। मैं सख्त शब्द यूज नहीं कर रहे हैं। वो अब इनकार कर रहे हैं।’
धनखड़ ने कहा, ‘ANI के ट्विटर पर जो उनका बयान है वो खुद में कंट्राडिक्ट कर रहे हैं। एक वक्त कहते हैं कि वो वेल में नहीं गए एक समय वो कह रहे हैं हम वेल में गए। इस संस्थान को नुकसान पहुंचाया जाता है। लोकतंत्र के मंदिर में ऐसा हो रहा है। ये वो कर रहे हैं जिनके पास इसकी रक्षा की जिम्मेदारी है। ये ज्यादा पीड़ादायक है। मैं इसपर सतर्क हूं और मेरा कार्यालय इस पर ऐक्शन लेगा।’वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़े पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘राज्य सभा के सभापति जी से मैं ये कहूंगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार “भारतीय संसद के इतिहास में दागी हो गया है”! खरगे ने एक्स पर कहा, ‘सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।’
उन्होंने कहा, ‘7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है। हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।’ यही नहीं राज्यसभा में नीट पर चर्चा को लेकर विरोध के दौरान कांग्रेस की राज्यसभा सांसद फुलो देवी नेतम की तबीयत बिगड़ गई। सदन में विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच महिला सांसद को अचानक चक्कर आ गया और वह नीचे गिर गईं। इसके बाद कांग्रेस सांसद को जल्दी से एंबुलेंस से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट कराया गया। फूलो देवी नेतम छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस सांसद ने दोपहर में एकक ट्वीट कर नीट पर विपक्ष की आवाज दबाने को लेकर ट्वीट भी किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि जहां एक ओर नरेंद्र मोदी NEET पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज़ सदन में उठा रहे है। लेकिन… ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है।
इससे पहले सुबह कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में नीट व एनटीए मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। कांग्रेस की रंजीत रंजन और सैयद नासिर हुसैन समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत राज्यसभा में चर्चा कराए जाने की मांग की थी। हुसैन ने अपने नोटिस में कहा कि सदन में आज के लिए सूचीबद्ध सभी कामकाज को स्थगित कर, नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने और एनटीए की ‘नाकामी’ पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी सांसद चाहते हैं कि नियम 267 के अंतर्गत सदन के अन्य कार्यों को स्थगित कर इन मुद्दों पर चर्चा कराई जाए। ऐसा नहीं होने पर विपक्षी सदस्य अपना विरोध जता रहे थे।


