पाकिस्तान की विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत में आकर कुछ अलग ही अंदाज में बोल गए! पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने शंघाई सहयोग संगठन SCO की मेजबानी के लिए भारत की तारीफ की है। भुट्टो ने कहा है कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की मेजबानी पर किसी तरह की कोई शंका नहीं थी। जब पाकिस्तान भविष्य में एससीओ की मेजबानी करेगा तो देखने को मिलेगा कि वह भी किस तरह इसका आयोजन करेगा। जयशंकर की दूर से नमस्ते पर भी उनका जवाब आया। भुट्टों ने कहा कि यह उनके यहां का तरीका है। सिंध में भी सलाम करने का यही तरीका है। उन्हें अच्छा लगा कि उन्होंने भी उसी तरीके से सलाम किया। भुट्टो ने कहा, ‘किसी भी पॉइंट पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मुझे यह महसूस नहीं कराया कि हमारे बीच एससीओ के उद्देश्यों और चार्टर के अनुरूप द्विपक्षीय रूप से कोई मुद्दा है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बोला कि द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
बिलावल भुट्टो ने बताया कि जयशंकर ने सभी के साथ एक तरह से मुलाकात की। पाकिस्तान के साथ उनका कोई अलग व्यवहार नहीं था। ऐसे में अगर उन्होंने नमस्ते किया तो शिकायत करना नहीं बनता है। जयशंकर की दूर से नमस्ते पर भी उनका जवाब आया। भुट्टों ने कहा कि यह उनके यहां का तरीका है। सिंध में भी सलाम करने का यही तरीका है। उन्हें अच्छा लगा कि उन्होंने भी उसी तरीके से सलाम किया। भुट्टो ने कहा, ‘किसी भी पॉइंट पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मुझे यह महसूस नहीं कराया कि हमारे बीच एससीओ के उद्देश्यों और चार्टर के अनुरूप द्विपक्षीय रूप से कोई मुद्दा है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बोला कि द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रगति नहीं हुई है।दरअसल, जयशंकर के नमस्ते को लेकर पाकिस्तान में बवाल मचा है। मीडिया के एक धड़े में ऐसा कहा जा रहा है कि अन्य देशों के वित्त मंत्रियों से जयशंकर ने हाथ मिलाया। जबकि बिलावल भुट्टो के साथ दूर से नमस्ते किया।
बिलावल भुट्टो ने इस मसले पर चीजों को और स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सिंध में सलाम करने का यही तरीका है।जयशंकर की दूर से नमस्ते पर भी उनका जवाब आया। भुट्टों ने कहा कि यह उनके यहां का तरीका है। सिंध में भी सलाम करने का यही तरीका है। उन्हें अच्छा लगा कि उन्होंने भी उसी तरीके से सलाम किया। भुट्टो ने कहा, ‘किसी भी पॉइंट पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मुझे यह महसूस नहीं कराया कि हमारे बीच एससीओ के उद्देश्यों और चार्टर के अनुरूप द्विपक्षीय रूप से कोई मुद्दा है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बोला कि द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। लिहाजा, उन्हें खुशी है कि अगर जयशंकर ने इस तरह से उनका स्वागत किया। इसमें कहीं से शिकायत की गुंजाइश नहीं बनती है।बिलावल भुट्टो ने इस मसले पर चीजों को और स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सिंध में सलाम करने का यही तरीका है। लिहाजा, उन्हें खुशी है कि अगर जयशंकर ने इस तरह से उनका स्वागत किया। इसमें कहीं से शिकायत की गुंजाइश नहीं बनती है। बिलावल ने बताया कि जब भी उनकी जयशंकर से बात हुई है तो दो देशों के स्तर पर हुई है। इसमें निजी चीजें नहीं आती हैं। बंद कमरे में वे आपस में लड़ते नहीं हैं। वे दो देशों के प्रतिनिधि के तौर पर आपस में मिलते हैं। बिलावल ने बताया कि जब भी उनकी जयशंकर से बात हुई है तो दो देशों के स्तर पर हुई है। इसमें निजी चीजें नहीं आती हैं। बंद कमरे में वे आपस में लड़ते नहीं हैं। वे दो देशों के प्रतिनिधि के तौर पर आपस में मिलते हैं।
एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है। यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है।जयशंकर की दूर से नमस्ते पर भी उनका जवाब आया। भुट्टों ने कहा कि यह उनके यहां का तरीका है। सिंध में भी सलाम करने का यही तरीका है। उन्हें अच्छा लगा कि उन्होंने भी उसी तरीके से सलाम किया। भुट्टो ने कहा, ‘किसी भी पॉइंट पर भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मुझे यह महसूस नहीं कराया कि हमारे बीच एससीओ के उद्देश्यों और चार्टर के अनुरूप द्विपक्षीय रूप से कोई मुद्दा है।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बोला कि द्विपक्षीय संबंधों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे।