हाल ही में ओबीसी मोर्चा के चेयरमैन कैप्टन अजय यादव ने राहुल गांधी के लिए एक बयान दे दिया है! राहुल गांधी इन दिनों जाति जनगणना, आरक्षण और संविधान के मुद्दे पर अपनी राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में आरक्षण का मुद्दा चल गया और कांग्रेस की सीटें 52 से बढ़कर 99 हो गईं। इससे उत्साहित होकर राहुल गांधी ने इन तीनों मुद्दों को और जोरशोर से उछालना शुरू किया। लेकिन 8 अक्टूबर को आए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव परिणाम ने राहुल के सपनों पर पानी फेर दिया। सवाल है कि बस चार-पांच महीने में ही राहुल के उठाए मुद्दों की हवा कैसे निकल गई? इसका जवाब एक टीवी डिबेट में निकली बातों में ढूंढा जा सकता है। इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने जो बातें बताईं, उससे पता चलता है कि राहुल गांधी इन मुद्दों पर राजनीति ही करना चाहते हैं, उनमें जमीन पर बदलाव लाने की कोई इच्छा नहीं है।
कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष ने टीवी कार्यक्रम में बताया कि कैसे हरियाणा में चुनावी प्रबंधन को लेकर कांग्रेस के अंदर बड़े पैमाने पर धांधली हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ओबीसी, दलित, आदिवासी नेताओं टिकट दिए जाने या उन्हें जमीन पर मजबूत करने की बात तो दूर, सामान्य तवज्जो दिए जाने की भी पहल नहीं होती है। कैप्टन अजय यादव ने बताया कि उनकी तीसरी पीढ़ी कांग्रेस के लिए काम कर रही है। फिर भी उनसे कोई राय-मशविरा नहीं होता है।
कैप्टन अजय यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुई अपनी फजीहत की बात की। उन्होंने बताया, ‘राहुल गांधी के खास प्रफुल्ल जी ने मुझे कहा कि आपके यहां राहुल जी आ रहे हैं, आप तैयारी कीजिए। मैंने सबको तैयारी के लिए बोल दिया, फिर दो दिन तक कोई बात नहीं हुई। फिर जब राहुल जी के स्टाफ से कहा कि यह तो बड़ी फजीहत की बात है तो जवाब मिला कि राहुल जी के आने की संभावना थी, गारंटी नहीं।’ कैप्टन अजय यादव कहते हैं कि उनकी तीन पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता 1952 राव बिरेंद्र सिंह को हराकर कांग्रेस के विधायक बने थे, 1972 में राव बिरेंद्र के छोटे भाई को हराया। 1989 में राव इंद्रजीत के छोटे भाई राव अजीत को हराया मैंने और अब मेरा बेटा विधायक बना है।’ कांग्रेस पार्टी ने गुरुग्राम से टिकट काट दिया, कैप्टन अजय यादव को इस बात की भी तकलीफ है। उन्होंने कहा, ‘आज ओबीसी कांग्रेस से छिटका तो इसलिए कि पार्टी में हमारी कोई दखल नहीं रह गई है। गुरुग्राम से मेरा खुद का टिकट काट दिया। जहां यादव लड़ना चाहिए था, उसको भिवानी से लड़ा दिया और भिवानी में किरन चौधरी का टिकट काट दिया। किरन चौधरी ने भिवानी की चारों सीटें जीत लीं बीजेपी के लिए।’
वो कहते हैं कि एससी-एसटी, ओबीसी मोर्चे के चेयरमैन को एक्सटेंडेड वर्किंग कमिटी में शामिल करना चाहिए। हम इसकी लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। वो कहते हैं, ‘कांग्रेस की एक्सटेंडेड वर्किंग कमिटी में हरियाणा से एक भी ओबीसी नहीं है। अगर मैं कांग्रेस वर्किंग कमिटी और कांग्रेस एक्सटेंडेट वर्किंग कमिटी में नहीं हूं तो लोग मेरे पास तो आएंगे ही नहीं। हमारा प्रदेश कांग्रेस कमिटी में भी कोई स्टेक है तो आपको ओबीसी के सारे वोट कैसे मिल जाएंगे?’
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि आज राहुल गांधी की कांग्रेस में एनजीओज का दबदबा है, नेता-कार्यकर्ता पीछे छूट गए हैं। योगेंद्र यादव जब चाहें मिल सकते हैं राहुल गांधी से, लेकिन इतनी आसानी से पार्टी के नेता-कार्यकर्ता नहीं मिल सकते। उन्होंने कांग्रेस नेता मामन खान के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मामन खान ने कहा कि जिन लोगों ने हम पर अत्याचार किया था, उन्हें चुन-चुनकर बाहर निकालूंगा। इसका क्या संदेश जाएगा? हमारा अहिरवाल बेल्ट तो बिल्कुल साथ लगता है। ये मुद्दा भी गरमा गया।’
कार्यक्रम में मौजूद राजनीति के जानकार और लेखक शांतनु गुप्ता ने कैप्टन अजय यादव की बताई बातों पर कहा कि राहुल गांधी की कथनी और करनी में अंतर है। उन्होंने कहा, ‘पिछले एक साल से राहुल गांधी किन मुद्दों पर राजनीति कर रहे हैं- जाति जनगणना, ओबीसी, दलित, संविधान। लेकिन ये सब सामने से झूठ दिख रहा है। ओबीसी के चेयरमैन को तो राहुल गांधी से मिलना मुश्किल है। तो खाने के दांत अलग हैं और दिखाने के अलग।’ गुप्ता ने कहा, ‘आपको राजनीति करनी है दलित-ओबीसी की, लेकिन आप कुमारी शैलजा और ओबीसी लीडर्स, दोनों को दबाएंगे लेकिन जनता में ओबीसी, संविधान, आरक्षण, जाति जनगणना का नारा देंगे। 2024 में आपकी सीटें बढ़ गईं, लेकिन ये दोहरी राजनीति ज्यादा लंबी नहीं चल सकती।’