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आखिर वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली 2024 और इंडिया मोबाइल कांग्रेस
Saturday, April 19, 2025
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आखिर वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली 2024 और इंडिया मोबाइल कांग्रेस में क्या बोले पीएम मोदी?

हाल ही में पीएम मोदी ने वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली 2024 और इंडिया मोबाइल कांग्रेस में एक बयान दिया है! उथल पुथल के इस वक्त में भारत दुनिया को कॉन्फ्लिक्ट से बाहर लाने और कनेक्ट करने की कोशिश कर रहा है। प्राचीन सिल्क रूट से लेकर मौजूदा के टेक्नोलॉजी रूट तक, भारत का मिशन दुनिया को कनेक्ट करने का है। प्रधानमंत्री मोदी ने एशिया पैसिफिक में पहली बार हो रही वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली 2024 को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के आठवें एडिशन का भी आगाज़ किया। प्रधानमंत्री ने इस अंतर्राष्ट्रीय इवेंट के मंच से दोहराया कि डिजिटल टेक्नोलॉजी को लेकर एक ग्लोबल फ्रेमवर्क कायम किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये विषय भारत की जी 20 अध्यक्षता के दौरान उठाया गया था। पीएम ने कहा कि ” अब वक्त आ गया है कि ग्लोबल संस्थाओं को ग्लोबल गवर्नेंस के महत्व को महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर टेक्नोलॉजी को लेकर एक फ्रेमवर्क की दिशा में काम वक्त की जरूरत है। उन्होंने एविएशन सेक्टर के फ्रेमवर्क की ही तर्ज पर एक सेफ डिजिटल इकोसिस्टम बनाए जाने वकालत की। पीएम ने कहा कि भारत का डेटा प्रोटेक्शन एक्ट और नेशनल साइबर सेक्योरिटी स्ट्रेटेजी एक सेफ डिजिटल वातावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को ही दर्शाता है। पीएम ने WTSA से अपील की वो ऐसे मानक बनाएं जो भविष्य को देखते हुए सेफ और समावेशी हो, इसमें एथिकल एआई और डेटा प्राइवेसी स्टैंडर्ड भी शामिल होने चाहिए।

पीएम ने भारत की टेलीकॉम और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर यात्रा के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि जहां तक टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम की बात है, भारत आज की दुनिया में सबसे happening देशों की कैटेगरी में है। उन्होंने कहा कि भारत में 120 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स, 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं । इसके साथ ही पूरी दुनिया के 40 फीसदी वित्तीय लेन देन होता है। उन्होंने कहा कि भारत ने ये दिखा दिया है कि आखिरी व्यक्ति तक पब्लिक सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी एक अहम हथियार की तरह साबित हो सकता है। पीएम ने कहा WTSA दुनिया कंसेसस यानि आम सहमति के जरिए एंपावर करती है तो इंडिया मोबाइल कांग्रेस दुनिया को कनेक्टिविटी के जरिए जोड़ती है ।

उन्होंने कहा संघर्षों से जूझ रही दुनिया को कनेक्टिविटी और कंसेंसस दोनों को की ही जरूरत है। इस दौरान पीएम ने जी 20 का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा ही वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का संदेश दिया है। इसीलिए मौजूदा हालात में WTSA और IMC की साझेदारी एक बेहतरीन संदेश है जहां लोकल और ग्लोबल की कड़ियां आपस में जुड़ जाती हैं और इससे सिर्फ एक देश को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को फायदा पहुंचता है। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि भारत डीपीआई के क्षेत्र में अपने अनुभव दूसरे देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है।

भारत की मोबाइल यात्रा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 21वीं सदी का ये सफर दुनिया गौर से देख रही है। पहले टेलीकॉम दुनिया के लिए सिर्फ एक सुविधा के तौर पर देखा जाता था लेकिन टेलीकॉम महज कनेक्टिविटी का जरिया नहीं है। भारत में ये समानता और अवसर का माध्यम भी है। पीएम ने कहा कि टेलीकॉम बतौर मीडियम गांवों और शहरों के बीच के गैप को कम करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले जब उन्होंने डिजिटल इंडिया की संरचना सामने रखी थी, तब कहा था कि इसे लेकर एक संपूर्ण अप्रोच रखनी होगी। भारत के टेलीकॉम सेक्टर में बदलाव की बात करते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने हजारों मोबाइल टावर बनाए हैं , जिनमें आदिवासी, पहाड़ी और बॉर्डर के इलाके भी शामिल हैं।

उन्होंने टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर का जिक्र करते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन पर वाई फाई लगाया गया है तो अंडमान निकोबार जैसे इलाकों को अंडरसी केबल से जोड़ा गया है। उन्होंने ऑप्टिकल फाइबर के क्षेत्र में प्रगति पर लिखा कि महज 10 सालों में भारत ने धरती और चांद के बीच की दूरी का आठ गुना ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर लगाया गया है। 5 जी को लेकर भारत की कनेक्टिविटी पर पीएम ने कहा कि दो साल पहले लांच गया फाइव जी अब हर जिले से कनेक्टेड है, जिसकी वजह से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5 जी मार्केट बन गया और भारत अब तेजी से 6जी टेक्नोलॉजी की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

टेलीकॉम के रिफॉर्म्स के बारे में बात करते हुए पीएम ने जोर देकर कहा कि प्रति जीबी इंटरनेट डेटा का खर्च भारत में 12 सेंट जितना है जबकि दूसरे कई देशों में एक जीबी डेटा 10 से 20 गुना ज्यादा महंगा है। ऐसे में एक औसतन भारत हर महीने में 30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करता है। इस के अलावा पीएम मोदी ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के लोकतांत्रिक करण का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने ऐसे डिजिटल प्लैटफॉर्म्स बनाए जिन्होंने कई लाख अवसरों का रास्ता खोला, इस दौरान उन्होंने जनधन और आधार का भी जिक्र किया। यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि कई कंपनियों को कई अवसर दिए हैं । पीएम ने कहा कि कोविड के वक्त इन डिजिटल प्लैटफॉर्म ने गाइडलाइंस, वैक्सीनेशन और वैक्सीन सर्टिफिकेट में जिस तरह कम्युनिकेशन के जरिए मदद की, वो जगजाहिर है। पीएम ने इस दौरान WTSA में वीमेन नेटवर्क के महत्व पर बात करते हुए मोदी सरकार की वीमेन लेड डेवलपमेंट मुहिम के बारे में बात की .पीएम ने कहा कि भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के जरिए महिलाओं को एंपावर किया गया है, उन्होंने इस दौरान नमो ड्रोण दीदी से लेकर बैंक सखी प्रोग्राम का भी जिक्र किया।

 

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