आखिर क्या है अमेरिका का H-1B वीजा?

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आज हम आपको अमेरिका का H-1B वीजा के बारे में जानकारी देने वाले हैं! अमेरिका की ओर से हर साल गैर आप्रवासी वीजा जारी किया जाता है, जिसके लिए भारतीय प्रोफेशनल्स सपने देखते हैं। दरअसल, भारतीयों को अमेरिका में अच्छी सैलरी ऑफर की जाती है, जिसके बाद उन्हें H-1B वीजा जारी किया जाता है। हालांकि, कई बार यह सपना इसलिए टूट जाता है, क्योंकि भारतीय प्रोफेशनल्स को यह वीजा नहीं मिल पाता है। अक्सर इस वीजा को पाने में लॉटरी सिस्टम भी आड़े आता है। सोशल मीडिया पर बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस तरह के वीजा की जरूरत होती है, मगर उन्हें यह नहीं मिल पाता है। लिंक्डइन पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें एक प्रोफेशनल ने H-1B वीजा नहीं मिलने की वजह से सपने टूटने की दुहाई दी है। उसके वीडियो को अब तक 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वित्त वर्ष 2022 में अमेरिका की ओर से कुल 4.41 लाख H-1B वीजा आवेदन प्रॉसेस किया गया था, जिनमें से 3.20 लाख वीजा भारतीयों को आवंटित किए गए। यह कुल मंजूर किए गए H-1B वीजा का 72.6 फीसदी था। वहीं, वित्त वर्ष 2021 में अमेरिका की ओर से कुल 4.07 लाख H-1B वीजा आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें से 3.01 लाख वीजा भारतीय लोगों को आवंटित किए गए। यह कुल मंजूर वीजा का 74 फीसदी बैठता है। भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की काफी मांग है। हर साल लगभग तीन-चौथाई H-1B वीजा भारतीय पेशेवरों को मिलते हैं।

H-1B वीजा की मांग ज्यादा होने की वजह से हर साल सीमित संख्या में इसे जारी किया जाता है। 2023 में प्रति वित्तीय वर्ष 65,000 वीजा की सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि, यदि किसी आवेदक के पास अमेरिकी संस्थान से मास्टर डिग्री या पीएचडी है तो वे भाग्यशाली हैं। ऐसे लोगों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध हैं। H-1B रजिस्ट्रेशन 10 डॉलर से बढ़कर 215 डॉलर कर दिया गया है। वहीं एल-1 वीजा का शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर कर दिया गया है। वहीं, निवेशक वीजा के रूप में पॉपुलर E-B5 वीजा का शुल्क 3,675 डॉलर से बढ़ाकर 11,160 डॉलर कर दिया गया है।

हाल ही में ये खबर भी आई कि कई भारतीय आईटी कंपनियों के बीते 8 साल में अमेरिकी वीजा प्रोग्राम में करीब 56 फीसदी गिरावट आई है। आम तौर पर भारतीय प्रोफेशनल्स विदेश जाने के बजाय देश में ही रहकर नौकरी करने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। वहीं अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियों में स्थानीय लोगों को हायर करने का चलन ज्यादा बढ़ा है। H-1B वीजा के तहत किसी गैर आप्रवासी को अमेरिका में 3 साल की अवधि के लिए रहने की अनुमति देता है। इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह 6 साल से अधिक नहीं हो सकता है। बता दें कि लिंक्डइन पर ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें एक प्रोफेशनल ने H-1B वीजा नहीं मिलने की वजह से सपने टूटने की दुहाई दी है। उसके वीडियो को अब तक 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।H-1B रजिस्ट्रेशन 10 डॉलर से बढ़कर 215 डॉलर कर दिया गया है। वहीं एल-1 वीजा का शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर कर दिया गया है। वहीं, निवेशक वीजा के रूप में पॉपुलर E-B5 वीजा का शुल्क 3,675 डॉलर से बढ़ाकर 11,160 डॉलर कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2022 में अमेरिका की ओर से कुल 4.41 लाख H-1B वीजा आवेदन प्रॉसेस किया गया था, जिनमें से 3.20 लाख वीजा भारतीयों को आवंटित किए गए। यह कुल मंजूर किए गए H-1B वीजा का 72.6 फीसदी था। ठहरने की अवधि को ट्वेंटी-फर्स्ट सेंचुरी एक्ट में अमेरिकी प्रतिस्पर्धात्मकता के तहत बढ़ाया जा सकता है। यह नियम उन लोगों के लिए भी है, जिन्होंने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया है और यह आवेदन लंबित है।

H-1B वीजा हासिल करने के लिए सबसे पहले एच-1बी लॉटरी में एंट्री ली जाती है, जिसकी फीस 10 डॉलर है। अमेरिका की ओर से कुल 4.41 लाख H-1B वीजा आवेदन प्रॉसेस किया गया था, जिनमें से 3.20 लाख वीजा भारतीयों को आवंटित किए गए। यह कुल मंजूर किए गए H-1B वीजा का 72.6 फीसदी था। वहीं, वित्त वर्ष 2021 में अमेरिका की ओर से कुल 4.07 लाख H-1B वीजा आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें से 3.01 लाख वीजा भारतीय लोगों को आवंटित किए गए।किसी उम्मीदवार के चयनित होने की स्थिति में प्रायोजक कंपनी को फॉर्म I-129 के लिए 460 डॉलर देने होंगे, जो एक गैर-आप्रवासी कर्मचारी के लिए एक तरह से अपील की फीस है। एच-1बी वीजा प्राप्त करने की कुल लागत अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग हो सकती है।