आज हम आपको बताएंगे की पार्टियों की एनडीए से शर्त क्या-क्या है! 2024 का जनादेश सामने आते ही दिल्ली में सियासी हलचल तेज है। सत्ताधारी एनडीए हो या फिर विपक्षी इंडिया गठबंधन, बैठकों का दौर जारी है। इस बीच एनडीए की नई सरकार के शपथ ग्रहण की डेट सामने आ चुकी है। जानकारी के मुताबिक, 8 जून को नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि, नई सरकार के गठन से पहले एनडीए में शामिल सियासी पार्टियों ने मंत्रालय को लेकर दावेदारी तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 4 मंत्री पद मांगे हैं। वहीं चिराग पासवान ने दो, जीतनराम मांझी ने एक और टीडीपी ने भी चार मंत्रालय की मांग रख दी है। लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत मिलने और प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की चर्चा को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो गई। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वरिष्ठ नेता नई सरकार के गठन को लेकर बैठक करेंगे। तेलुगू देशम पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता चिराग पासवान इस बैठक में शामिल होंगे। इन नेताओं के अलावा बीजेपी और उसके अन्य सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस चुनाव में 240 सीटें आई हैं। टीडीपी ने 16, जेडीयू ने 12, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात और चिराग की पार्टी ने पांच लोकसभा सीटें जीती हैं। ऐसे में नई सरकार के गठन में इस सभी दलों का रोल बेहद अहम होगा। ये बात एनडीए में शामिल सभी सहयोगी दलों को पता है। यही वजह है कि अब उन्होंने नई सरकार में बड़ी नुमाइंदगी की डिमांड शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में एनडीए के साथ मिलकर सरकार चला रही जेडीयू ने केंद्र में 4 मंत्रालय मांगे हैं। इनमें दो कैबिनेट तो दो राज्य मंत्रालय की डिमांड रखी गई है। टीडीपी की ओर से भी ऐसी ही डिमांड की खबरें आ रहीं। उधर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान की पार्टी ने भी नई सरकार में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद मांगा है। जेडीयू से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में नीतीश कुमार की गहरी दिलचस्पी है। वे हमेशा कृषि पर आधारित इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए नए तरीकों की तलाश में रहते हैं। साथ ही नीतीश कुमार उन परियोजनाओं को भी पूरा करना चाहेंगे, जो केंद्र से मंजूरी के इंतजार में अटकी हैं। बिहार के सीएम लंबे समय से एनटीपीसी और दूसरी केंद्रीय यूनिट से रियायती दरों पर बिजली की मांग करते रहे हैं।HAM संस्थापक और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी एक मंत्री पद की मांग उठाई है। देखना होगा कि नई सरकार में पीएम मोदी कैसे सहयोगी दलों के बीच मंत्रालय का बंटवारा करेंगे।
इस बीच पीएम मोदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। नई सरकार के गठन से पहले उन्होंने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ अपना इस्तीफा प्रेसीडेंट द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया।चिराग पासवान ने दो, जीतनराम मांझी ने एक और टीडीपी ने भी चार मंत्रालय की मांग रख दी है। लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत मिलने और प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की चर्चा को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो गई। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के वरिष्ठ नेता नई सरकार के गठन को लेकर बैठक करेंगे।
नई सरकार के गठन तक राष्ट्रपति ने उन्हें कार्यभार संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं जल्द ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। यही नहीं जेडीयू से जुड़े एक और सूत्र ने बताया कि अगर नीतीश कुमार की इस मांग को पूरा किया जाता है, तो उनकी पार्टी के पास केंद्र में चार मंत्री पद होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश के बहुत ही मधुर संबंध हैं और ऐसे में इस बात की कतई संभावना नहीं कि वो केंद्र के साथ कोई बहुत मुश्किल सौदेबाजी करेंगे या कठिन डिमांड रखेंगे। दूसरी तरफ बिहार में नीतीश की सरकार भी भाजपा के सहारे टिकी है, जिससे उनकी सौदेबाजी की ताकत खुद ही कम हो जाती है। ऐसी चर्चा है कि 8 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।