आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कोलकाता के डॉक्टर की मांग क्या है! इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को देशभर के सभी छोटे बड़े अस्पतालों में बंदी का ऐलान किया है। डॉक्टर 24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे। यह जानकारी आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने दी। शनिवार सुबह 6 बजे से हड़ताल शुरू होगी, जो अगले दिन सुबह 6 बजे तक चलेगी। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी, लेकिन ओपीडी के साथ बाकी सेवाएं बंद रहेंगी। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के विरोध में देश भर के डॉक्टर आक्रोशित हैं। इसी क्रम में शनिवार को वे हड़ताल पर रहेंगे। आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि जिस लड़की के साथ यह घटना हुई, वह मध्यम वर्गीय परिवार की इकलौती संतान थी। किसी एक व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे। जिस तरह से उसकी हत्या की गई, उसका वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। यह काम करने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा है। इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को अगर राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, तो वे किसी अन्य जांच एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रहस्यमय परिस्थितियों में लाश मिली थी।किसी एक व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे। जिस तरह से उसकी हत्या की गई, उसका वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।डॉक्टर और नर्स इस बात से चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं। मैं सीबीआई की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं।
आईएमए ने रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव की मांग की है। इसमें 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और आराम के लिए सुरक्षित जगहों की कमी जैसे मुद्दे शामिल हैं। आरजी कार अस्पताल का पीड़ित डॉक्टर भी 36 घंटे की ड्यूटी कर रहा था। आईएमए ने एक केंद्रीय कानून की मांग की है जिसमें 2023 में महामारी रोग अधिनियम, 1897 में किए गए संशोधनों को शामिल किया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि इससे 25 राज्यों में मौजूदा कानून और मजबूत होंगे। डॉक्टरों के संगठन ने अपराध की एक निश्चित समय-सीमा के भीतर सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच और न्याय दिलाने की मांग की है। इसके साथ ही 14 अगस्त की रात आरजी कार अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है। आईएमए ने कहा, “सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी हवाई अड्डे से कम नहीं होने चाहिए। अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है। सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जा सकता है।”
साथ ही, पीड़ित परिवार को क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की मांग की गई है।
प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों को अगर राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, तो वे किसी अन्य जांच एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
गौरतलब है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रहस्यमय परिस्थितियों में लाश मिली थी।किसी एक व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल थे। जिस तरह से उसकी हत्या की गई, उसका वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। बता दें कि आरजी कार अस्पताल का पीड़ित डॉक्टर भी 36 घंटे की ड्यूटी कर रहा था। आईएमए ने एक केंद्रीय कानून की मांग की है जिसमें 2023 में महामारी रोग अधिनियम, 1897 में किए गए संशोधनों को शामिल किया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि इससे 25 राज्यों में मौजूदा कानून और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि यह मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी।