आखिर क्या है चुनावों का प्याज कनेक्शन?

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आज हम आपको चुनावों का प्याज कनेक्शन बताने जा रहे हैं! लोकसभा चुनाव के बीच देश के प्याज किसानों के लिए राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने 5 महीने पहले प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। प्याज पर बैन हटने के बाद केंद्र सरकार ने 6 देशों – बांगलादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), भूटान, बहरीन, मॉरिशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज का निर्यात करने की अनुमति दी है। सरकार की तरफ से पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। दूसरी तरफ चुनाव के बीच विपक्षी दल कांग्रेस लगातार प्याज निर्यात पर बैन और प्याज किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही थी। सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। जानकार मान रहे हैं कि सरकार चुनावी मौसम में प्याज के आंसू नहीं रोना चाहती है। कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र के किसानों से जुड़े विषय को लगातार केंद्र पर निशाना साधा जा रहा था। कांग्रेस का आरोप था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश के प्याज किसानों की निरंतर उपेक्षा कर रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना था कि बीजेपी ने कोल्हापुर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश को क्यों खतरे में डाला? पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में ‘लाल श्रेणी’ के मोडानी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी क्यों दी गई है? सिर्फ गुजरात के सफेद प्याज से ही निर्यात प्रतिबंध क्यों हटाया गया है? रमेश ने कहा कि दिसंबर 2023 से, महाराष्ट्र में प्याज किसान मोदी सरकार के प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से जूझ रहे हैं।

महाराष्ट्र में बीजेपी प्याज किसानों की नाराजगी नहीं मोल लेना चाहती है। प्याज एक्सपोर्ट पर बैन लगने किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल पा रही थी। किसानों की नाराजगी यहां स्थानीय उम्मीदवार और पार्टी नेता भी महसूस कर रहे थे। नासिक बीजेपी पदाधिकारियों ने स्वीकार किया कि केंद्र की घोषणा डिंडोरी निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के लिए एक बड़ी राहत है। बीजेपी पदाधिकारी ने कहा कि इससे हमें प्याज किसानों को लुभाने में मदद मिलेगी, जो प्रतिबंध लगाए जाने के बाद असंतुष्ट थे। निर्यात के लिए अनुमत मात्रा ‘बहुत कम’ है। प्याज निर्यातक विकास सिंह ने कहा कि नासिक से हर महीने लगभग 48,000 टन प्याज निर्यात किया जाता है। महाराष्ट्र में अहमदनगर जैसे अन्य जिले हैं जहां से कम मात्रा में निर्यात किया जाता है। मुझे उम्मीद नहीं है कि इतनी कम मात्रा में निर्यात की अनुमति दी जाएगी और इससे एपीएमसी में थोक कीमतों में सुधार करने में मदद मिलेगी।इससे एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार भास्कर भगारे को फायदा हुआ था। अब हमें विश्वास है कि निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के लिए चीजें बेहतर होंगी। केंद्रीय मंत्री और डिंडोरी से बीजेपी उम्मीदवार भारती पवार ने कहा कि घोषणा से प्याज किसानों ने राहत की सांस ली है। निर्यात प्रतिबंध को लेकर डिंडोरी में प्याज किसानों की तरफ आलोचना झेलने वाली पवार ने कहा कि मेरा मानना है कि यह किसानों को राहत देने के लिए सरकार का एक नया कदम है। डिंडौरी में प्याज की खेती करने वाले वोटरों की अच्छी खासी संख्या है।

खेती के मौसम के दौरान, महाराष्ट्र असंतोषजनक वर्षा और जल संकट से प्रभावित था। अधिकतर किसान अपनी सामान्य फ़सल का केवल 50 प्रतिशत ही उत्पादन कर पाए थे। जब अंततः प्याज की कटाई और खुदाई हुई तो किसानों को निर्यात प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। इसके कारण बिक्री की कीमतें बेहद कम हो गईं। परिणामस्वरूप, पिछले पांच महीनों में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सरकार के फैसले को लेकर किसानों और व्यापारियों के एक वर्ग में नाराजगी भी है।सरकार चुनावी मौसम में प्याज के आंसू नहीं रोना चाहती है। कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र के किसानों से जुड़े विषय को लगातार केंद्र पर निशाना साधा जा रहा था। कांग्रेस का आरोप था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रदेश के प्याज किसानों की निरंतर उपेक्षा कर रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश का कहना था कि बीजेपी ने कोल्हापुर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश को क्यों खतरे में डाला? पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में ‘लाल श्रेणी’ के मोडानी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी क्यों दी गई है? प्याज व्यापारियों के एक वर्ग को लग रहा है कि निर्यात के लिए अनुमत मात्रा ‘बहुत कम’ है। प्याज निर्यातक विकास सिंह ने कहा कि नासिक से हर महीने लगभग 48,000 टन प्याज निर्यात किया जाता है। महाराष्ट्र में अहमदनगर जैसे अन्य जिले हैं जहां से कम मात्रा में निर्यात किया जाता है। मुझे उम्मीद नहीं है कि इतनी कम मात्रा में निर्यात की अनुमति दी जाएगी और इससे एपीएमसी में थोक कीमतों में सुधार करने में मदद मिलेगी।