आज हम आपको जीरो एरर एग्जाम का पैटर्न बताने जा रहे हैं! जीरो एरर परीक्षा का रोडमैप तैयार कर रही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की कमिटी तीन स्तर की रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें पहली बार इंटरनैशनल लेवल पर बेस्ट प्रैक्टिस की स्टडी के साथ भारतीय छात्रों और पैरंट्स के हर एक सुझाव को महत्व दिया जाना शामिल है। सूत्रों का कहना है कि कमिटी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के सभी एग्जाम सेंटरों की मैपिंग और परीक्षा के विभिन्न तरीकों (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट, पेन एंड पेपर, हाईब्रिड मोड) के हर स्टेप को जांच रही है। सात सदस्यीय कमिटी ने डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखते हुए आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट्स की भी मदद ली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि एग्जामिशन प्रोसेस को 100 पर्सेंट पारदर्शी, टेंपर फ्री और Zero-error परीक्षा बनाना केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है। बता दें कि एग्जाम के हर पैटर्न को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी ताकि एग्जाम किसी भी मोड में हो, उस एग्जाम की सुरक्षा और पारदर्शिता सर्वोच्च रहे। इसी मकसद को पूरा करने के लिए यह कमिटी बनाई गई है। शिक्षा मंत्री भी लगातार छात्रों से मिल रहे हैं और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। नीट परीक्षार्थी भी शिक्षा मंत्री से मिल रहे हैं। वहीं कमिटी को 37 हजार में से 30 हजार सुझाव छात्रों के मिले हैं। शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह कमिटी परीक्षा सिस्टम में पारदर्शिता और छात्रों के विश्वास के लिए 360 डिग्री तक की ओवरऑल संभावनाओं को तलाश रही है। हाई लेवल कमिटी ने तीन स्तर की रणनीति अपनाई है।यूजीसी, नैशनल मेडिकल कमिशन , नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन मेडिकल साइंसेस की राय भी ली गई है। इसके अलावा एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली मल्टीपल एजेंसी TCS, ION, NSEIT के साथ मीटिंग में समझा कि उनकी प्रैक्टिस क्या हैं, उनका बेस्ट प्रैक्टिस क्या है, क्या सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स होते हैं, क्या कमियां, है, उसको कैसे दूर करें? अल्पकालिक उपायों में आने वाले दिनों में होने वाले एग्जाम सिस्टम में सुधार और पारदर्शिता को लेकर उपाय सुझाए गए हैं। मध्यम अवधि के उपायों में यह तय किया गया है कि इन परीक्षा सुधारों को बड़े स्तर पर कैसे लागू किया जाएगा और दीर्घकालिक चुनौतियों में एनटीए में ऑपरेशनल रिफॉर्म (परिचालन सुधार) लागू करने हैं।
मल्टीपल चेक एंड बैलेंस और डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को लागू करने के लिए आईआईटी कानपुर के सॉफ्टवेयर इंजिनियरिंग एक्सपर्ट प्रफेसर अमेय करकरे और हाई सिक्योरिटी और अप्लाईड क्रिप्टोग्राफी एक्सपर्ट प्रो. देबप्रिय रॉय की मदद भी ली जा रही है। सूत्रों का कहना है कि कमिटी पेपर सेटिंग, क्वेश्चन पेपर को एग्जाम सेंटर तक ट्रांसफर करने समेत हर स्टेप को बारीकी से देख रही है। एग्जाम सेंटर में पेपर देने का प्रोसेस क्या होता है, मौजूदा एग्जाम में कहां पर समस्या हुई है, लीकेज की समस्या को जड़ से कैसे खत्म किया जा सकता है?
सूत्रों का कहना है कि बड़े स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में इंटरनैशनल लेवल पर बेस्ट प्रैक्टिस की स्टडी की गई है। यूजीसी, नैशनल मेडिकल कमिशन , नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन मेडिकल साइंसेस की राय भी ली गई है। इसके अलावा एग्जाम कंडक्ट करवाने वाली मल्टीपल एजेंसी TCS, ION, NSEIT के साथ मीटिंग में समझा कि उनकी प्रैक्टिस क्या हैं, उनका बेस्ट प्रैक्टिस क्या है, क्या सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स होते हैं, क्या कमियां, है, उसको कैसे दूर करें?
NTA के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली में बदलाव का खाका तैयार किए जाने की प्रक्रिया बहुत तेजी से चल रही है। सूत्र बताते हैं कि डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स अब पूरी तरह से बदल जाएंगे। एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली में भी बड़े बदलाव होंगे। एनटीए द्वारा कंडक्ट करवाए जाने वाले सभी एग्जाम का मैक्रो और माइक्रो लेवल पर विश्लेषण किया जा रहा है। बता दें कि शिक्षा मंत्री भी लगातार छात्रों से मिल रहे हैं और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। नीट परीक्षार्थी भी शिक्षा मंत्री से मिल रहे हैं। वहीं कमिटी को 37 हजार में से 30 हजार सुझाव छात्रों के मिले हैं। शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह कमिटी परीक्षा सिस्टम में पारदर्शिता और छात्रों के विश्वास के लिए 360 डिग्री तक की ओवरऑल संभावनाओं को तलाश रही है। एनटीए को विश्वस्तरीय एग्जाम एजेंसी बनाने के ब्लूप्रिंट पर काफी चीजें स्पष्ट हो गई हैं और डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स सबसे अहम कड़ी साबित होगा। कमिटी एग्जाम के हर पैटर्न को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी ताकि एग्जाम किसी भी मोड में हो, उस एग्जाम की सुरक्षा और पारदर्शिता सर्वोच्च रहे।