Wednesday, May 14, 2025
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आखिर क्या है ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाना? जिसमें जिला अदालत ने दी पूजा करने की अनुमति!

हाल ही में वाराणसी की जिला अदालत के द्वारा ज्ञानव्यापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाने में पूजा करने की हिंदू पक्ष को अनुमति दे दी गई है… जिसके बाद हिंदू पक्ष खुश नजर आ रहा है… लेकिन एक सवाल कि आखिर ज्ञानवापी परिसर में स्थित यह व्यास जी तहखाना आखिर है क्या और इसमें कब से पूजा बंद हुई थी और यह अदालत की लड़ाई कब से चलती आ रही है? तो आज हम आपको उस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने वाले हैं!

आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में बुधवार को बड़ा फैसला आया है। वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। अब व्यास परिवार तहखाने में पूजा पाठ करेगा। सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यासजी तहखाना में पूजा की मांग को लेकर वर्षों से अदालती लड़ाई चल रही है। ताजा फैसले में बताया गया कि वादी हिंदू पक्ष ने बताया कि मंदिर भवन के दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसम्बर 1993 के बाद पुजारी व्यासजी को इस प्रांगण के बेरिकेट वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इस कारण तहखाने में होने वाले राग-भोग आदि संस्कार भी रुक गये। हिंदू पक्ष ने दलील दी कि इस बात के पर्याप्त आधार है कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यासजी ब्रिटिश शासन काल में भी वहां कब्जे में थे।  व्यासजी ने दिसम्बर 1993 तक वहां भवन में पूजा अर्चना की है। पूजारी द्वारा पूजा किया जाना नियंत्रित करे और उसका प्रबंध करे। न्यायालय में 17 जनवरी 2024 को पारित एक आदेश में रिसीवर की नियुक्ति तो कर दी लेकिन तहखाने में पूजा-अर्चना के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया। हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में कहा था कि तहखाने में मौजूद मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी आवश्यक है।बाद में तहखाने का दरवाजा हटा दिया गया। हिन्दू धर्म की पूजा से सम्बन्धित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उस तहखाने में मौजूद हैं। हिंदू पक्ष ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर पूजा दिसम्बर 1993 से रोक दी। 

हिंदू पक्ष ने अदालत से अनुरोध किया कि वह रिसीवर को नियुक्त करे जो तहखाने में पूजारी द्वारा पूजा किया जाना नियंत्रित करे और उसका प्रबंध करे। न्यायालय में 17 जनवरी 2024 को पारित एक आदेश में रिसीवर की नियुक्ति तो कर दी लेकिन तहखाने में पूजा-अर्चना के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया। हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में कहा था कि तहखाने में मौजूद मूर्तियों की पूजा नियमित रूप से की जानी आवश्यक है।

जिसके बाद बुधवार को जिला जज की कोर्ट ने अपने एक आदेश में व्यासजी के तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी। ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा किए संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। अदालत ने इस प्रकरण में बुधवार को अपना आदेश सुनाया। तहखाने में पूजा करने की अनुमति मिल गई है। हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया गया है और कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर आदेश का अनुपालन करने का आदेश जिला अधिकारी को दिया है। वादी अधिवक्ताओं ने कहा है कि व्यासजी के तहखाने को डीएम की सुपुर्दगी में दिया गया है। अधिवक्ताओं के अनुरोध पर कोर्ट ने नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को खोलने की अनुमति दी है। बता दें कि ज्ञानवापी मामले में बुधवार को बड़ा फैसला आया है। वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। अब व्यास परिवार तहखाने में पूजा पाठ करेगा। सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यासजी तहखाना में पूजा की मांग को लेकर वर्षों से अदालती लड़ाई चल रही है। ऐसे में अब तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने- जाने दिया जाएगा। तो यह था वह फैसला जो वाराणसी जिला अदालत के द्वारा ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाना के लिए दिया गया है…. खैर, आपको इस बारे में जानकर कैसा लगा अपना जवाब हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर दीजिएगा!

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