आज हम आपको दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बियों के बारे में जानकारी देंगे! भारतीय नौसेना ने हाल में ही अपनी दूसरी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को कमीशन किया है। यह अरिहंत क्लास की दूसरी पनडुब्बी है, जो परमाणु शक्ति से संचालित है। दुनिया के कई देशों के पास परमाणु पनडुब्बियां हैं। अमेरिकी नौसेना की 14 ओहियो क्लास की पनडुब्बियों को दुनिया में सबसे खतरनाक माना जाता है। ओहियो क्लास की पनडुब्बियां अमेरिका के न्यूक्लियर डेटरेंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन पनडुब्बियों में ट्राइडेंट II D5 मिसाइलें तैनात हैं। अमेरिकी नौसेना इन्हें ट्राइडेंट II D5LE से बदल रही है, जो बेहतर सटीकता के साथ एक नई गाइडेंस सिस्टम से लैस हैं। ओहियो क्लास की पनडुब्बियों में 24 लॉन्च ट्यूब होते हैं, जिन्हें न्यू स्टार्ट संधि के तहत 20 कर दिया गया है।
रूस की बोरई क्लास दुनिया की सबसे शक्तिशाली पनडुब्बियों मे शामिल है। वर्तमान में रूस के पास 7 बोरई क्लास की पनडुब्बियां मौजूद हैं। बोरई क्लास पनडुब्बियों में 16 बुलवा मिसाइल, 533mm टारपीडो ट्यूब, 6 एक्सटर्नल स्पेशल पर्पस एक्सटर्नल ट्यूब, श्लागबाम एंटी-टारपीडो डिफेंस सिस्टम और RPK-2 वियुगा एंटी-सबमरीन/शिप मिसाइल तैनात की जा सकती हैं। अमेरिकी नौसेना की वर्जीनिया-क्लास पनडुब्बियां अमेरिकी न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बियों का सबसे नया क्लास है। यह सीवुल्फ क्लास से सस्ती और ज्यादा शक्तिशाली हैं। वर्जीनिया क्लास कीी 22 पनडुब्बियों का पहले ही निर्माण किया जा चुका है। वर्जीनिया क्लास की पनडु्ब्बियां अपनी फ्लॉय बॉय वायर कंट्रोल के कारण उथले पानी में भी अच्छे से मूव कर सकती हैं। वर्जीनिया-क्लास में अपनी जमीन पर हमला करने वाली टॉमहॉक मिसाइलों को दागने के लिए वर्टिकल लॉन्च ट्यूब हैं।
रूसी नौसेना के पास एक प्रोजेक्ट 885 “यासेन-क्लास” पनडुब्बियां है। यह पनडुब्बी 119.8 मीटर लंबी है और पानी में डूबे रहने पर 31 नॉट की गति से चल सकती है। इसकी हथियार प्रणाली में यूजीएसटी-एम हैवीवेट गाइडेड टॉरपीडो से लैस दस 533 मिमी टारपीडो ट्यूब और पी-800 ओनिक्स मिसाइलों के लिए आठ वर्टिकल लॉन्च साइलो शामिल हैं। अमेरिकी नौसेना की परमाणु ऊर्जा से संचालित लॉस एंजिल्स क्लास की परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बियां टॉमहॉक लैंड-अटैक क्रूज मिसाइल और MK-48 टॉरपीडो से लैस हैं। इन्हें मुख्य रूप से पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए विकसित किया गया है। इस क्लास की पनडुब्बियां स्पेशल ऑपरेशन करने और माइंस बिछाने में भी सक्षम हैं। लॉस एंजिल्स-क्लास को अमेरिकी पनडुब्बी बेड़े की रीढ़ माना जाता है।
ब्रिटेन की वैनगार्ड क्लास पनडुब्बियां भी कम खतरनाक नहीं हैं। वर्तमान में ब्रिटिश नौसेना में 4 वैनगार्ड-क्लास सेवा में हैं। ये 16 ट्राइडेंट II D5 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जा सकती हैं। वे उन्नत स्टील्थ तकनीक और मजबूत कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस हैं, जो दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला कर सकती हैं। फ्रांसीसी नौसेना की ट्रायम्फेंट क्लास पनडुब्बियां काफी शक्तिशाली मानी जाती हैं। ये बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां हैं, जो परमाणु ऊर्जा से चलती हैं। फ्रांस के पास ऐसी चार पनडुब्बियां हैं। ये 16 M45 या M51 मिसाइलों से लैस हैं। ये पनडुब्बियां F17 टॉरपीडो से भी लैस हैं। इनमें एक्सोसेट SM39 एंटी-शिप मिसाइलें में तैनात रहती हैं, जिन्हें पानी के अंदर से भी लॉन्च किया जा सकता है।
अमेरिका की सीवुल्फ-क्लास परमाणु शक्ति संचालित फास्ट अटैक पनडुब्बियां बेहद शक्तिशाली मानी जाती हैं। वर्तमान में वाशिंगटन राज्य के बैंगोर ट्राइडेंट बेस पर तीन सीवुल्फ क्लास पनडुब्बियां तैनात हैं। इन्हें मूल रूप से रूसी परमाणु पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए बनाया गया था। इस क्लास की पनडुब्बियां काफी तेज गति से चल सकती हैं और स्टील्थ क्षमता से लैस हैं। सीवुल्फ-क्लास पनडुब्बियां टारपीडो ट्यूबों के माध्यम से टॉमहॉक मिसाइलें दाग सकती हैं। चीन के पास छह ऑपरेशनल जिन-क्लास बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां हैं। ये पनडुब्बियां 135 मीटर लंबी और 12.5 मीटर चौड़ी हैं और पानी में डूबे रहने पर 20 नॉट से ज्यादा की रफ्तार से चल सकती हैं। जिन क्लास पनडुब्बियां12 JL-2 मिसइलें ले जा सकती हैं।
अरिहंत क्लास पनडुब्बियां पानी के अंदर 24 नॉट (44 किमी/घंटा) और सतह पर लगभग 12-15 नॉट (22-28 किमी/घंटा) की गति तक पहुंच सकती हैं। वर्जीनिया क्लास की पनडु्ब्बियां अपनी फ्लॉय बॉय वायर कंट्रोल के कारण उथले पानी में भी अच्छे से मूव कर सकती हैं। वर्जीनिया-क्लास में अपनी जमीन पर हमला करने वाली टॉमहॉक मिसाइलों को दागने के लिए वर्टिकल लॉन्च ट्यूब हैं।इन्हें मुख्य रूप से पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए विकसित किया गया है। इस क्लास की पनडुब्बियां स्पेशल ऑपरेशन करने और माइंस बिछाने में भी सक्षम हैं। लॉस एंजिल्स-क्लास को अमेरिकी पनडुब्बी बेड़े की रीढ़ माना जाता है।इसमें चार मिसाइल लॉन्च ट्यूब हैं, जिनसे 750 किमी की रेंज वाली K-15 पनडुब्बी-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल या 3,500 किमी की रेंज वाली K-4 मिसाइल को फायर किया जा सकता है। ये दोनों मिसाइलें परमाणु हमला करने में सक्षम हैं।