यह सवाल उठना लाजिमी है कि राहुल गांधी आखिर किस सीट को चुनेंगे! लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद राहुल गांधी कांग्रेस के हीरो बनकर उभरे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने रायबरेली सीट 3.9 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से और वायनाड सीट 3.6 लाख से ज्यादा वोटों से जीती है। गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में ऐसी चर्चा हैं कि राहुल गांधी को रायबरेली सीट को चुनना चाहिए क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र से उनके परिवार का 100 साल पुराना नाता है। स्थानीय व्यवसायी आशु साहू ने कहा, ‘उन्हें रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।’ वहीं हाउस वाइफ कृष्णा श्रीवास्तव ने कहा, ‘उन्होंने एक बार वायनाड का प्रतिनिधित्व किया है। अब उन्हें इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।’ एक अन्य स्थानीय निवासी प्रीति शुक्ला ने कहा, ‘राहुल और रायबरेली इस चुनाव में एक दूसरे की जरूरत बन गए हैं। इस नए समीकरण को बनाए रखना चाहिए।’ रायबरेली में कांग्रेस कैडर भी यही चाहता है कि राहुल गांधी रायबरेली को ही तरजीह दें। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, ‘2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त दी है और यूपी में कांग्रेस के आधार को मजबूत करने में मदद की है। इसे और मजबूत करने का समय आ गया है।’स्थानीय लोगों का मानना है कि रायबरेली से उनका ही उम्मीदवार होना चाहिए क्योंकि उनके परिवार का इस क्षेत्र से पुराना नाता है। राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों जगहों से विजयी हुए हैं, लेकिन व्यापक अटकलों के बीच उन्हें अभी भी इस बात पर अनिश्चितता है कि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने रायबरेली के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘मुझे यकीन है कि राहुल भैया दक्षिण की सीट छोड़ देंगे और इस जगह से अपना रिश्ता नहीं तोड़ेंगे जो अधिक मायने रखता है।’
राजनीतिक विश्लेषक भी राहुल के रायबरेली को बरकरार रखने की संभावना देखते हैं। लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के राजनीतिक एक्सपर्ट प्रोफेसर सुशील पांडे ने कहा, ‘यूपी का राजनीतिक महत्व और 2024 का अनुकूल जनादेश केरल या वायनाड से संभावित राजनीतिक लाभ से कहीं ज़्यादा है। और फिर पारिवारिक विरासत भी है। इसलिए, रायबरेली एक स्वाभाविक विकल्प है।’ रायबरेली स्थित राजनीतिक विचारक विजय विद्रोही ने टिप्पणी की कि राहुल को उस बंधन का सम्मान करना चाहिए जिसके लिए लोगों ने उन्हें वोट दिया था। इस बीच कासरगोड से कांग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन ने सुझाव दिया कि अगर राहुल रायबरेली को बरकरार रखना चाहते हैं तो वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा को उनकी जगह लिया जा सकता है। एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्नीथन ने स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस समय इस बात पर विचार कर रहे हैं कि रायबरेली और वायनाड में से किस सीट को बरकरार रखा जाए। उन्होंने दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। स्थानीय लोगों का मानना है कि रायबरेली से उनका ही उम्मीदवार होना चाहिए क्योंकि उनके परिवार का इस क्षेत्र से पुराना नाता है। राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों जगहों से विजयी हुए हैं, लेकिन व्यापक अटकलों के बीच उन्हें अभी भी इस बात पर अनिश्चितता है कि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
संवैधानिक विशेषज्ञ और लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने कानून के साथ-साथ संविधान के प्रावधानों का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जीती गई दो सीट में से एक से दो सप्ताह के भीतर इस्तीफा देना होगा। बता दें कि हाउस वाइफ कृष्णा श्रीवास्तव ने कहा, ‘उन्होंने एक बार वायनाड का प्रतिनिधित्व किया है। अब उन्हें इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।’ एक अन्य स्थानीय निवासी प्रीति शुक्ला ने कहा, ‘राहुल और रायबरेली इस चुनाव में एक दूसरे की जरूरत बन गए हैं। इस नए समीकरण को बनाए रखना चाहिए।’ रायबरेली में कांग्रेस कैडर भी यही चाहता है कि राहुल गांधी रायबरेली को ही तरजीह दें। अचारी ने कहा कि जो भी उम्मीदवार दो सीट से जीतता है उसे चुनाव परिणाम के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है। राहुल गांधी 17वीं लोकसभा के भंग होने के बाद भी वर्तमान अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेज सकते हैं क्योंकि 18वीं लोकसभा के लिए अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त होने तक वह पद पर बने रहेंगे।