आखिर दिल्ली की जलमग्न वाली स्थिति पर क्यों नहीं हो रही बहस ?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि दिल्ली की जलमग्न वाली स्थिति पर बहस क्यों नहीं हो रही है! सीजन की पहली ही तेज बारिश में देश की राजधानी दिल्ली पानी-पानी हो गई। कराहने लगी। हर तरफ जलजमाव ही जलजमाव। सड़कों पर गाड़ियां डूबती हुई दिखने लगीं। कहीं अंडरपास लबालब पानी में डूब गया तो कहीं वीवीआईपी एरिया में सांसदों, मंत्रियों के आवास में घुटनेभर पानी जमा हो गया। एनडीएमसी में जहां केंद्र का नियंत्रण है या फिर वे इलाके जो दिल्ली सरकार के तहत आते हैं, हर जगह बुरी हालत। ये सारे मंजर जलनिकासी व्यवस्था और मॉनसून से पहले नालों की डिसिल्टिंग के दावे और तैयारियों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हालांकि, एक ही दिन में 228 मिलीमीटर बारिश से किसी भी शहर की हालत चरमरा सकती है। 1936 के बाद दिल्ली ने 24 घंटे के भीतर इतनी बारिश देखी है। देश की राजधानी के जलमग्न होने पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का खेल चलने लगा है। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में जलजमाव को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमलावर है क्योंकि दिल्ली के साथ-साथ नगर निगम में भी उसी की सरकार है। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी को दिल्ली से ज्यादा अयोध्या की चिंता सता रही है। साथ ही साथ वह इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर हुए हादसे में एक शख्स की मौत को लेकर बीजेपी को घेर रही है। बारिश से दिल्ली एक तरह से त्राहि-त्राहि कर रही है लेकिन AAP सांसद को अयोध्या की चिंता ज्यादा सताती दिख रही है। आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को भारी बारिश के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 सहित कई इमारतों के गिरने पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की आलोचना की। टर्मिनल 1 पर सुबह करीब साढ़े 5 बजे हुए हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 8 लोग घायल हो गए। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने देशभर में कथित रूप से क्षतिग्रस्त हुईं इमारतों का जिक्र करते हुए निशाना साधा। उन्होंने यह दावा किया कि अयोध्या शहर पहली बारिश नहीं झेल सका जहां विकास के बड़े-बड़े दावे किए गए थे।

संजय सिंह ने कहा, ‘हम सभी ने देखा कि पहली बारिश के ठीक बाद अयोध्या में राम मंदिर से पानी निकलना शुरू हो गया। पानी गर्भगृह में चला गया, जिससे मंदिर के मुख्य पुजारी नाराज हो गए। हमने अटल सेतु पुल की हालत देखी है। जबलपुर टर्मिनल ढह गया। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तबाह हो गया। पूरा अयोध्या, जिसे केंद्र विकास के लिए बताता है, पहली बारिश के बाद जलमग्न हो गया। दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 की छत गिरना बहुत शर्मनाक है, इसका उद्घाटन 10 मार्च को पीएम मोदी ने किया था। भाजपा के साथ भ्रष्टाचार जुड़ा है।’

वैसे राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि गर्भगृह में जहां भगवान राम विराजमान हैं, वहां की छत से पानी की एक बूंद भी नहीं टपकी है और न ही कहीं से पानी गया है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने भी मंगलवार को मंदिर के मुख्य पुजारी के आरोपों को खारिज कर दिया था, जिनका कहना था कि गर्भगृह से बारिश का पानी निकल रहा है।

संजय सिंह ने मुंबई के अटल सेतु का भी जिक्र किया, जिसे लेकर कांग्रेस ने इस महीने के शुरू में दरारें आने का दावा किया था। हालांकि, मुंबई महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) का कहना है कि अटल सेतु पर नहीं, बल्कि उल्वे में उसे जोड़ने वाले अप्रोच रोड पर मामूली दरारें पाई गईं, जो पुल का हिस्सा नहीं है। पुल को जोड़ने वाली सर्विस रोड है। जबलपुर टर्मिनल हादसे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नुकसान और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 की छत गिरने का उदाहरण देते हुए संजय सिंह ने कहा, ‘दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 की छत गिरना बहुत शर्मनाक है, जिसका उद्घाटन 10 मार्च को पीएम मोदी ने किया था। भाजपा के साथ भ्रष्टाचार जुड़ा है।’ हालांकि, टर्मिनल 1 पर हुए हादसे के बाद मौके पर पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इमारत का जो हिस्सा गिरा, उसका निर्माण 2009 में हुआ था। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन नहीं किया था।

दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी सियासत से कहां चूकने वाली है। उसके प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शुक्रवार तड़के भारी बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में जलभराव की खबर आने के बाद आम आदमी की दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि मिंटो ब्रिज से भी जलभराव की खबर मिली है, जिसे AAP ने ठीक करने का दावा किया है।

भाजपा पार्षद रविंदर सिंह नेगी ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सांकेतिक विरोध के तौर पर भीषण जलभराव के बीच एक हवा वाली नाव चलाई। उन्होंने एएनआई से कहा, ‘पीडब्ल्यूडी के सभी नाले ओवरफ्लो हो रहे हैं। उन्होंने मॉनसून से पहले इसकी सफाई नहीं करवाई। इससे जलभराव हो गया है, विनोद नगर जलमग्न हो गया है।’

कोचिंग सेंटर जा रही अंजलि नाम की एक यात्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘हमें काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, पहली बारिश के बाद यह स्थिति है, यदि मुख्य सड़क पर यह स्थिति है, तो गलियों में क्या स्थिति होगी?’