क्या दिल्ली में बढ़ते जा रहे हैं अपराध के मामले?

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वर्तमान में दिल्ली में अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं! देश की राजधानी दिल्ली में बुजुर्गों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दिल्ली में आए दिन सीनियर सिटीजन के साथ आपराधिक वारदातें सामने आती हैं। अब पुलिस के चौंकाने वाले डाटा भी सामने आए हैं। अब तक इस साल दिल्ली में 85 बुजुर्गों के साथ क्राइम हुआ है। इसमें हत्या, लूटपाट, हत्या की कोशिश, मारपीट शामिल है। इस साल ये घटनाएं पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी बढ़ी हैं। कुल 14 बुजुर्गों की दिल्ली में हत्या भी हुई है। चलिए जानते है बुजुर्गों के साथ हुई चार ऐसी घटनाएं जिसने दिल्ली को दहला कर रख दिया था। इस साल अगस्त में तीन बाइक सवार लोगों ने सागरपुर में फिजियोथेरेपी के लिए जा रहे 74 वर्षीय मोहन लाल छाबड़ा पर हमला कर दिया था। हमलावरों ने उन पर चाकू से बार-बार वार किया। घायल होने पर लुटेरे उनसे गहने और कैश लेकर फरार हो गए। मोहन लाल बुरी तरह से घायल हो चुके थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। लूटपाट की वजह से उनकी हत्या कर दी गई।

इसी साल जून में दिल्ली के जाफराबाद में बुजुर्ग दंपत्ति पर हमला किया गया। वो दिन में अपने घर के अंदर सो रहे थे। चार बदमाश जबरन घर में घुस आए और दोनो पति-पत्नी को बंधक बना दिया। ये लुटेर घर का सामान लूटने लगे। बुजुर्ग दंपत्ति ने जब शोर मचाया तो इन लुटेरों ने बुजुर्ग महिला का गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। उनके पति जब उन्हें बचाने आए तो उनपर भी चाकू से हमला कर उन्हें घायल कर दिया। दिल्ली के दयालपुर में एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई। हैरान करने वाली बात ये थी कि ये हत्या खुद बुजुर्ग महिला की बेटी ने दिल्ली के एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर करवाई। नेहरू विहार इलाके में 65 साल की शिवकला अकेली अपनी दो मंजिला कोठी में रहती थीं। उनकी तीनों बेटियां शादीशुदा थीं। उनकी बेटी को पैसे की जरूरत और इसलिए उसने खुद प्रॉपर्टी के लालच में अपनी मां का कत्ल करवा दिया। इस काम में इस महिला ने प्रॉपर्टी डीलर के अलावा एक नाबालिग लड़के की भी मदद ली।

इसी तरह फरवरी में दिल्ली की फ्रीडम फाइटर कॉलोनी में सतीश भारद्वाज नाम के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। उनके घर पर सुबह-सुबह उनकी लाश पड़ी हुई थी। सतीश भारद्वाज की उम्र 75 साल थी। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और चंद घंटों में ही केस सुलझा लिया। सतीश भारद्वाज की हत्या लूटपाट के इरादे से की गई थी और इस काम में शामिल था उनका एक पुराना नौकर। अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर इसने बुजुर्ग को मौत के घाट उतार दिया और फिर घर का सामान लेकर फरार हो गया। पुलिस ने नौकर के पास सारा सामान बरामद कर लिया था!

बेंगलुरू में एक मर्डर केस ने सनसनी मचा दी है। एक महिला अधिकारी का मर्डर। चाकू घोंपकर घर में ही महिला को मौत के घाट उतारा गया है। प्रतिमा के एस बैंगलोर में रहती थी और कर्नाटक गवर्नमेंट में अधिकारी थी। वो एक एक फेमस जियोलॉजिस्ट थी और उन्होंने अपनी पहचान एक बेहद ईमानदार ऑफिसर के रूप में बनाई है। हर काम में एकदम परफेक्ट, ऑफिस का हर आदमी उनकी काफी रिस्पेक्ट करता है। कोई ये समझ ही नहीं पा रहा था कि प्रतिमा के एस का दुश्मन कौन हो सकता है, क्योंकि वो बेहद शालीन और समझदार रही हैं। किसी से दुश्मनी का सवाल ही नहीं था।

ये कत्ल हुआ शनिवार रात 8 बजे से लेकर सुबह आठ बजे के बीच, यानी रात में कोई था जो उनके घर आया और उनके घर में ही चाकू से गोदकर उनकी हत्या की गई। प्रतिमा बैंगलोर में अपने घर में अकेली रहती थीं। उनके पति और बेटा बेंगलुरु से करीब 300 किलोमीटर दूर रह रहे थे। शनिवार की शाम 6 बजे वो ऑफिस से घर के लिए निकली। ड्राइवर ने उन्हें ड्रॉप किया। घर पहुंचने के बाद वो हर रोज की तरह अकेली थीं, लेकिन अगले दिन सुबह उनकी लाश मिली।

दरअसल प्रतिमा के साथ लंबे समय से किरण नाम का एक ड्राइवर नौकरी कर रहा था। वो कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर था और 15 दिन पहले ही उसे नौकरी से हटाकर नया ड्राइवर रखा गया था जिसने उस रात प्रतिमा को उनके घर छोड़ा। पुलिस ने तुरंत प्रतिमा के पुराने ड्राइवर किरण की तलाशी शुरू की। उसे शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया तो सच सामने आया। किरण ने ही महिला अधिकारी की हत्या की थी। वो जॉब से निकाले जाने की वजह से गुस्से में था। 15 दिन तक वो यही सोच रहा था कि कैसे प्रतिमा से बदला लिया और फिर उस रात उसने चाकू से महिला अधिकारी का गला चीर दिया। वो जानता था कि प्रतिमा घर में अकेली रहती है। कत्ल के बाद वो बचने के लिए बेंगलुरू से करीब 200 किलोमीटर दूर फरार हो गया, लेकिन पुलिस के पास सिर्फ किरण पर ही शक की वजह थी और इसलिए वो गिरफ्तार हो पाया।