वर्तमान में देश में फिर से डेंगू के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं !देश में बढ़ रहे डेंगू के केस को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने शुक्रवार को डेंगू की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में राज्यों को सलाह दी गई कि मॉनसून के इस सीजन में डेंगू से बचाव के साथ-साथ अस्पताल में तैयारियों में कोई कमी न हो। बारिश का मौसम आते ही डेंगू का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे मे जरूरी है कि सभी जागरूक रहे। राज्यों के नगर निगमों को भी कहा गया है कि लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाएं और पानी का जमाव न हो, इस पर ध्यान दिया जाए। स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को कहा है कि हॉट स्पॉट की खास निगरानी की जाए, जहां पर डेंगू के फैलने का ज्यादा खतरा होता है। अस्पतालों में डेंगू से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए विशेष बेड्स का इंतजाम हो। मॉनसून के मौसम से पहले एहतियाती कदम उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है, जब डेंगू के मामले आमतौर पर अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के आसपास चरम पर होते हैं। बैठक में बताया गया कि पिछले चार वर्षों में साल दर साल मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि डेंगू के मामले आमतौर पर अक्टूबर में चरम पर होते हैं लेकिन इस साल के रुझान से पता चलता है कि 31 जुलाई 2024 तक मामलों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में सतर्कता बरतने की बहुत जरूरत है।
दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, यूपी, पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के साथ- साथ विभिन्न राज्यों के नगर निगमों के अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। अगस्त- सितंबर में डेंगू के काफी केस देखने को मिलते हैं और कई राज्यों में डेंगू के केस बढ़ भी रहे हैं। इस वर्ष पिछले साल की तुलना में डेंगू के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होती हैं। स्कूल के लिए भी राज्यों को एडवाइजरी भेजी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार ने जांच किट के लिए राज्यों को हर प्रकार की आवश्यक सहायता प्रदान की है और फॉगिंग तथा सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) कार्यों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की है। स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देशों को गंभीरता से लें और लोगों को जागरूक करना होगा।
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होती हैं। स्कूल के लिए भी राज्यों को एडवाइजरी भेज रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों की यूनिफॉर्म ऐसी हो, जिसमें उनका ज्यादातर तन ढका हो ताकि मच्छर न काट सकें। केंद्रीय अस्पतालों में विशेष वॉर्ड में 24 घंटे डॉक्टर रहे। एक सेंट्रल हेल्पलाइन शुरू करने को कहा गया है। राज्य भी अगले चार- पांच दिनों में हेल्पलाइन शुरू करें ताकि डेंगू के बारे में जानने या मदद की जरूरत हो, तो उस व्यक्ति को मदद मिल सके। बैठक में यह बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय समेत सभी के सहयोग से डेंगू से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है। स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि 1996 में डेंगू से मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत थी, जो 2023 में घटकर 0.17 प्रतिशत रह गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार ने जांच किट के लिए राज्यों को हर प्रकार की आवश्यक सहायता प्रदान की है और फॉगिंग तथा सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) कार्यों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की है। बता दें कि जब डेंगू के मामले आमतौर पर अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के आसपास चरम पर होते हैं। बैठक में बताया गया कि पिछले चार वर्षों में साल दर साल मामले बढ़ रहे हैं।
हालांकि डेंगू के मामले आमतौर पर अक्टूबर में चरम पर होते हैं लेकिन इस साल के रुझान से पता चलता है कि 31 जुलाई 2024 तक मामलों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में सतर्कता बरतने की बहुत जरूरत है।स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देशों को गंभीरता से लें और लोगों को जागरूक करना होगा। स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। केंद्र सरकार के निर्देशों को गंभीरता से लें और लोगों को जागरूक करना होगा।