वर्तमान में देश में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ते ही जा रहे है! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ भीषण गर्मी की स्थिति से जुड़ी तैयारियों को लेकर वर्चुअल समीक्षा बैठक की। देश भर के अस्पतालों में अपनाए गए आग और विद्युत सुरक्षा उपायों का आकलन भी इस बैठक में किया गया। पिछले महीने 27 मई मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, जून में उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों और मध्य भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। मंत्रालय ने राज्यों को हीट स्ट्रोक रूम, ओआरएस कॉर्नर बनाने के साथ- साथ सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। देश में हीट स्ट्रोक से लोगों की मौत भी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी से संबंधित बीमारियों (एचआरआई) के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को मजबूत करने पर दिशा-निर्देश दिए हैं। कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने भी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा था कि बढ़ते तापमान के साथ अस्पतालों में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है और आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत प्रभाव से सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
मंत्रालय ने गर्मी से जुड़ी बीमारियों को लेकर इमरजेंसी कूलिंग के लिए भी गाइडलाइंस जारी की है। मरीजों को अस्पतालों में कोई परेशानी न हो और उनको बेड मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो, यह निर्देश भी जारी किया गया है। देश भर के सभी एम्स और मेडिकल कॉलेजों में गर्मी से हुई मौतों में शव परीक्षण निष्कर्षों पर भी गाइडलाइंस दी गई है। राज्यों में एंबुलेंस की कमी नहीं हो। हीट हेल्थ एक्शन प्लान के मुताबिक राज्यों को काम करना होगा ताकि लू लगने से बीमार व्यक्ति का प्राथमिकता के आधार पर इलाज हो और हर अस्पताल में इसके लिए पर्याप्त तैयारी हो। हर मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में हीट स्ट्रोक रूम होना चाहिए।
समीक्षा बैठक में राज्यों की ओर से बताया गया है कि उच्च अधिकारी स्थिति की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आग से बचाव को लेकर मॉक- ड्रिल की है। ओडिशा में पूरे राज्य में हीट वेव कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए दस्तक घर-घर जाकर अभियान चलाया जा रहा है। हरियाणा ने सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों में आवश्यक दवाओं और लॉजिस्टिक्स सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय आवंटन किया है। राजस्थान में 104 और 108 से जुड़ी एंबुलेंस सेवाओं में कूलिंग उपकरण लगाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र सुनिश्चित किए जा रहे हैं और मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है।
बता दे कि राष्ट्रीय राजधानी में इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है। पारा लगातार 50 डिग्री के करीब पहुंचता दिख रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अधिकतम तापमान ने पिछले 80 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तपती गर्मी के बीच हीट स्ट्रोक का कहर भी दिखने लगा है। दिल्ली में लू लगने से एक फैक्ट्री वर्कर की मौत हो गई। 40 वर्षीय ये शख्स बिहार के दरभंगा का रहने वाला था। सोमवार रात उसे तबीयत बिगड़ने पर राम मनोहर लोहिया आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक शख्स पाइपलाइन फिटिंग की एक फैक्ट्री में काम करता था।
डॉक्टरों ने बताया कि 40 वर्षीय फैक्ट्री वर्कर को उसके साथी और फैक्ट्री के दूसरे कर्मचारी सोमवार आधी रात को अस्पताल लेकर आए थे। उनका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि मृतक शख्स बिना कूलर या पंखे वाले एक कमरे में अपने साथियों के साथ रहता था। उसे जब अस्पताल लाया गया तो बहुत तेज बुखार था। उसके शरीर का तापमान 107 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर चला गया। 40 वर्षीय यह शख्स पिछले पांच सालों से दिल्ली में काम कर रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद उसे तुरंत हीट स्ट्रोक यूनिट में भर्ती कराया गया। यह एक विशेष यूनिट है जिसे 8 मई को दिल्ली में बढ़ते तापमान के मद्देनजर पहली बार स्थापित किया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि दरभंगा के इस मरीज को मंगलवार शाम तक यूनिट में रखा गया। बुधवार सुबह उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इसी दौरान उसकी हालत अचानक बिगड़ गई। दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई।
पिछले हफ्ते हीट स्ट्रोक यूनिट में 6-7 मरीज भर्ती हुए थे। डॉक्टर अजय चौहान इस यूनिट के प्रमुख भी हैं। उन्होंने बताया कि जो मरीज अस्पताल में आए थे उनमें दो मरीज अभी भी अस्पताल में ही हैं। उनमें से एक हीट एग्जॉशन का मामला है। डॉक्टर चौहान ने बताया कि ये मरीज मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग से आते हैं। उनमें से एक प्लास्टिक पेलेट बनाने वाली कंपनी में काम करता है, और दूसरा बिना एसी या कूलर वाले घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता है। उन्होंने बताया कि दूसरे मरीज को तेज बुखार था, उसका शरीर बहुत तप रहा था। जब वह अस्पताल पहुंचा, तो उसकी हालत बिगड़ चुकी थी।