वर्तमान में वायनाड सीट के लिए विशेष तैयारी की जा रही है! केरल की वायनाड सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तैयारियों में जुटी हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाले उपचुनाव से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर अपनी चुनावी पारी का आगाज करेंगी। हालांकि, प्रियंका गांधी राजनीति में पिछले दो दशक से सक्रिय रही हैं लेकिन चुनावी राजनीति में यह उनका डेब्यू है। राहुल गांधी के यह संसदीय सीट छोड़ने के बाद पार्टी ने यहां से प्रियंका गांधी को मौका दिया गया है। वानयाड उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। इस सीट का चुनाव नतीजा 23 नवंबर को आएंगा। कांग्रेस ने जून में प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था कि वह राहुल गांधी के इस्तीफे से खाली हुई वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगी। इसके बाद से ही केरल कांग्रेस प्रियंका गांधी की रिकॉर्ड तोड़ जीत की रणनीति बनाने में जुट गई थी। राहुल के बाद प्रियंका के केरल में आने के बाद से राज्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रियंका गांधी पहले उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी थीं। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस की जीत में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी का कहना है कि प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगी। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एंटनी ने कहा कि वायनाड में (प्रियंका के पक्ष में) लहर है। हम पूरी ताकत से लड़ेंगे। वह सभी की उम्मीदों से कहीं ज्यादा अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगी। अन्य उम्मीदवार बहुत बुरी तरह हारेंगे। इस तरह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कासरगोड के सांसद राजमोहन उन्नीथन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रियंका 5 लाख के अंतर से जीत हासिल करें। अगर ऐसा होता है तो यह वायनाड के इतिहास में सबसे बड़ा अंतर होगा, यहां तक कि राहुल गांधी की 2019 की जीत के अंतर 4.60 लाख से भी बड़ा होगा।
राजमोहन उन्नीथन ने आगे कहा कि प्रियंका गांधी के लिए कैंपने रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक व्यापक चुनाव रणनीति बैठक आयोजित की जाएगी। कांग्रेस ने निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण समर्थन जुटाने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार बड़ी भीड़ ने उपचुनाव की घोषणा का जश्न मनाना शुरू कर दिया है। केरल में प्रियंका के होर्डिंग लगा दिए हैं। 2019 के आम चुनावों में, राहुल गांधी ने 4.6 लाख वोटों की शानदार बढ़त के साथ वायनाड सीट जीती। हालांकि, 2024 के चुनावों में उनका अंतर घटकर 3.64 लाख वोट रह गया। कांग्रेस अब प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी के जरिए अपनी गति फिर से हासिल करने की इच्छुक है।
वायनाड से निर्वाचित होने पर वह पहली बार किसी सदन की सदस्य बनेंगी। इसके साथ ही यह भी पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका एक साथ संसद में होंगे। प्रियंका गांधी को अतीत में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संभावित चुनौती के रूप में और परिवार के गढ़ रायबरेली में कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें वायनाड से मैदान में उतारने का फैसला किया है।
एलडीएफ ने सीपीआई के वरिष्ठ नेता सत्यन मोकेरी को वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। कोझीकोड जिले के नादापुरम निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व विधायक मोकेरी कृषि क्षेत्र से जुड़े मुद्दों के समाधान से संबंधित अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। वायनाड सीट पर उपचुनाव राहुल गांधी के सीट छोड़ने की वजह से हो रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली दोनों संसदीय सीटों पर जीत का परचम लहराया था। नियमों के मुताबिक, उनके लिए दोनों सीटों पर सांसद बने रहना संभव नहीं था। ऐसे में उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने इस्तीफा देने के लिए वायनाड सीट को चुना। इस तरह राहुल गांधी ने रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया।साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी ने वायनाड सीट से जीत का परचम लहराया था। वहीं, अमेठी में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।