उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की पश्चिम विधान सभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को टिकट देने का फ़ैसला लिया है. अतीक अहमद की पत्नी कुछ महीने पहले एआईएमआईएम में शामिल हुई थीं और उस समय पार्टी के नेताओं ने कहा था कि अतीक अहमद और उनके परिजन पांच विधान सभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं बाहुबली नेता और पांच बार विधायक रहे अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन AIMIM में पिछले दिनों लखनऊ में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुई थीं।
अतीक ने 1989, 1991 और 1993 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और 1996 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम से कई बार विधानसभा चुनाव जीते थे, जबकि 2002 में उन्होंने अपना दल के टिकट पर सीट हासिल की थी. शाइस्ता परवीन के इस सीट पर उम्मीदवार होने से कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही हैबाहुबली अतीक अहमद खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे यह अभी साफ नहीं हो पाया है. चर्चा है कि अतीक ने प्रयागराज की तीन सीटों, शहर पश्चिमी, दक्षिणी और फाफामऊ पर चुनाव लड़ने की सहमति मांगी थी. शहर पश्चिमी सीट पर उनकी पत्नी का टिकट तय हो जाने के बाद अब अतीक और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के चुनाव लड़ने को लेकर कयासबाजी तेज है
प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा सीट की बात की जाए तो यह भाजपा का गढ़ रही है. इस सीट पर 1989 से लेकर 2002 के विधानसभा चुनाव में लगातार बीजेपी के केसरी नाथ त्रिपाठी 5 बार से विधायक निर्वाचित हुए थे. 2007 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर नंदी चुनाव हराकर पहली बार कैबिनेट मंत्री बने. वहीं मौजूदा समय में बीजेपी के टिकट पर नंदी विधायक और कैबिनेट मंत्री है. अब 2022 के विधानसभा चुनाव में AIMIM से शाह आलम मैदान में होंगे. जबकि बीएसपी ने इस सीट पर अधिवक्ता देवेंद्र मिश्र (नगरहा) को उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं बीजेपी और सपा ने दोनों सीटों पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है
ओवैसी ने कहा कि यूपी में ठाकुरों, ब्राह्मणों, यादवों, अनुसूचित जातियों का एक बड़ा नेता जरूर है, लेकिन मुसलमानों का कोई भी ऐसा नेता नहीं है, जो उनके हक की बात करता हो। उन्होंने सीसामऊ विधायक इरफान सोलंकी और कैंट विधायक सोहिल अंसारी का नाम लिए बगैर कहा कि यहां के मुस्लिम विधायकों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ कभी भी आवाज नहीं उठाई। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश से शुरुवात करते हुए उन्हें पूरे देश में 100 ओवैसी तैयार करने हैं। कहा कि जिस तरह भाजपा पूरे हिंदू समाज के वोट की बात करती है, उसी तरह से सभी मुसलमानों के वोट की बात करने वाला यूपी में कोई नहीं है