क्या बांग्लादेश में फिर से आ सकता है हसीना परिवार?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बांग्लादेश में फिर से हसीना परिवार आ सकता है या नहीं !बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कहा है कि देश में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हो रहा है। ऐसे में उनका परिवार चुप नहीं बैठ सकता। वाजेद ने इस बयान को ये संकेत माना जा रहा है कि शेख हसीना या उनका परिवार बांग्लादेश की राजनीति में वापसी की योजना बना रहा है। इसके पहले वाजेद ने कहा था कि उनकी मां शेख हसीना या उनके परिवार का कोई भी सदस्य अब बांग्लादेश की राजनीति में नहीं लौटेगा।

एक वीडियो संदेश में वाजेद ने कहा, ‘मैंने कहा था कि मेरा परिवार फिर कभी राजनीति नहीं करेगा, लेकिन जब हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को सताया जा रहा है तो हम चुप नहीं बैठ सकते।’ सजीब वाजेद ने इसके साथ ही बयान में बातचीत की भी पेशकश की। उन्होंने कहा, ‘इस समय देश की कमान जिस किसी के हाथ में है, मैं उससे कहना चाहता हूं कि हम भी आतंकवाद मुक्त बांग्लादेश चाहते हैं। इसके लिए हम किसी से भी बातचीत शुरू करने को तैयार हैं। बशर्ते वे आतंकवाद को छोड़ें।’ उन्होंने बांग्लादेश के हालात को अराजकता भरा बताया और अवामी लीग के नेताओं की हत्या की बात कही।

वॉशिंगटन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के बेटे ने कहा, ‘अवामी लीग सबसे बड़ी लोकतांत्रिक राजनीतिक पार्टी है। यह खत्म नहीं हुई है। अवामी लीग ने बांग्लादेश को आजाद कराया है। इसे मिटाना आसान नहीं होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘अवामी लीग के बिना एक नया लोकतांत्रिक देश बनाना संभव नहीं है।’ उसके साथ ही उन्होंने अवामी लीग के नेताओं से अपील की।

‘मैं अवामी लीग के सभी नेताओं से आह्वान करता हूं कि वे मजबूती से खड़ें हों। यह बात जान लीजिए कि हम आपके साथ हैं। राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मसम्मान मिला, अपनी पहचान मिली और एक स्वतंत्र देश मिला, उनका अपमान किया गया है।’ उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं।शेख हसीना मरी नहीं हैं। हम बंगबंधु (शेख मुजीबुर रहमान) का परिवार हैं। हम कहीं नहीं गए हैं। हम देश और अवामी लीग को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।’

सोमवार को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर जाने के कुछ घंटो बाद ही सजीब ने बीबीसी से कहा था कि वह अब राजनीति में वापसी नहीं करेंगी। इसके बाद कई अन्य इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उनकी मां, न ही वह और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में प्रवेश करेगा। इस बीच गोपालगंग में अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शेख हसीना को वापस लाने की कसम खाई। तुंगीपारा से मार्च करके अवामी लीग कार्यकर्ता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर पहुंचे, जहां गोपालगंज अवामी लीग के अध्यक्ष महबूब अली खान ने शपथ दिलाई।पिछले जुलाई से अब तक आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है। छात्र, शिक्षक, पुलिस यहां तक कि महिला पुलिस, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, कामकाजी लोग, अवामी लीग के नेता और संबंद्ध संगठनों के कार्यकर्ता, पैदल यात्री और विभिन्न संस्थानों के कार्यकर्ता जो आतंकवादी हमले का शिकार होकर मारे गए हैं।

कार्यक्रम में अवामी लीग नेताओं ने कहा कि वे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे और आंदोलन तब तक जारी रखेंगे, जब तक वे हसीना और उनकी बहन शेख रिहाना को देश वापस नहीं ले आते। बता दें कि बांग्लादेश की इस अपदस्थ प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, हम दो बहनों ने 15 अगस्त, 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नृशंस हत्याओं की स्मृति रखने वाले उस घर को बंगाल के लोगों को समर्पित किया। एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आजादी का स्मारक है। यह बहुत दुखद है कि जो स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। हम आपकी सेवा कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश के पीड़ित लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना है, अपने प्रियजनों के नुकसान की याद को अपने दिलों में बनाए रखना है। इसका शुभ फल भी आपको मिलना शुरू हो गया है। बांग्लादेश विश्व में विकासशील देश का दर्जा प्राप्त कर चुका है।”