यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कश्मीर के चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री हो सकती है या नहीं!जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहले फेज की वोटिंग संपन्न हो चुकी है। अभी दो चरणों का चुनाव बाकी है, जिसके लिए सभी सियासी पार्टियां जोरआजमाइश में जुटी हैं। वहीं इस चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री से राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर करारा अटैक किया। कटरा में चुनावी रैली के दौरान गुरुवार को पीएम मोदी ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे को लागू नहीं होने देंगे। दुनिया की कोई ताकत जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती। कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को ये बात डंके की चोट पर कह रहा हूं। पीएम मोदी ने जिस तरह से कश्मीर चुनाव में पाकिस्तान का जिक्र किया, वो यूं नहीं है। जानिए पूरा मामला। जम्मू-कश्मीर चुनाव में बीजेपी लगातार वापसी की कोशिशें कर रही। उनकी योजना यही है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में पार्टी मजबूती से सत्ता में आए। हालांकि, कांग्रेस-एनसी गठबंधन समेत घाटी की दूसरी पार्टियां भी दावेदारी कर रही हैं। ऐसे में बीजेपी की ओर से मोर्चा खुद पीएम मोदी ने संभाल रखा है। वो लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। इस दौरान उनकी कोशिश यही है कि वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को बता सकें कि आर्टिकल 370 हटने के बाद सूबे में कितना विकास हुआ। यहां हालात पहले कैसे थे और अब स्थिति कितनी बदल चुकी है।
पीएम मोदी ने गुरुवार को कटरा रैली में कहा कि एक दौर था, जब लाल चौक पर आना, यहां तिरंगा फहराना, जान जोखिम में डालने वाला काम था। बरसों तक लोग लाल चौक में आने से डरते थे। हालांकि, अब हालात बदल चुके हैं। श्रीनगर के बाजारों में अब ईद और दीवाली दोनों की रौनक देखने को मिलती है। अब लाल चौक बाजार में देर शाम तक चहल-पहल रहती है, यहां देश-दुनिया से रिकॉर्ड टूरिस्ट आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर बदले हालात से वहां के लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश पीएम मोदी ने की।
पीएम मोदी ने कश्मीर चुनाव के बीच पाकिस्तान का जिक्र यूं नहीं किया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की ओर से आए एक बयान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस का खुलकर समर्थन किया है। उनका कहना है कि आर्टिकल 370 और 35A को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा वही है, जो पाकिस्तान का एजेंडा है। यानी कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस की पोल खुद पाकिस्तान ने खोल दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से ये मुद्दा उठाया उसके पीछे कई वजहें हैं। उनका सीधा निशाना कांग्रेस और उसकी सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस थी।
जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे। अगस्त 2019 में वहां का स्पेशल स्टेट्स और राज्य का दर्जा छिन गया था। उस फैसले के बाद अब ये पहला विधानसभा चुनाव हो रहा। यही वजह है कि इस चुनाव में ‘अनुच्छेद 370’ एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। एनसी की ओर से जहां आर्टिकल 370 को बहाल करने की बात बार-बार कही गई। वहीं बीजेपी नेतृत्व का एजेंडा क्लीयर है कि जम्मू-कश्मीर में अब आर्टिकल 370 की वापसी नहीं हो सकती। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनावी रैली में ये मुद्दा उठा रहे हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के मंत्री की ओर से आए कमेंट का जिक्र करके यहां के लोगों को खास मैसेज देने की कोशिश की। सियासी जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान के जिक्र से जम्मू क्षेत्र में ध्रुवीकरण की स्थिति बनेगी। वोटों के ध्रुवीकरण का फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
बीजेपी को उम्मीद है कि कश्मीर चुनाव में पाकिस्तान का नाम आने से उनके पक्ष में माहौल बन सकता है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कटरा रैली में सीधे तौर पर कांग्रेस-एनसी के गठबंधन को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलायंस की बल्ले-बल्ले हो रही। इनके घोषणा पत्र से पाकिस्तान बहुत प्रभावित है। जब से आर्टिकल 370 की दीवार गिरी है, तब से आतंकवाद और अलगाववाद यहां कमजोर पड़ रहे हैं। जम्मू कश्मीर स्थायी शांति की ओर बढ़ चला है। पीएम मोदी ने इस दौरान नौजवानों को जोड़ने कोशिश करते हुए जम्मू-कश्मीर की पहले की सरकारों को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि जिन नौजवानों को आगे नहीं बढ़ने दिया गया, वे इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैली में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सीधा टारगेट कर रहे। उनका प्लान यही है कि किसी तरह से कांग्रेस उनके गठबंधन को बैकफुट पर धकेला जा सके।