यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पाकिस्तान की आबादी अब उसके लिए मुसीबत बन सकती है या नहीं! बता दे कि पाकिस्तान भयानक आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान में लगातार गरीबी बढ़ती जा रही है। इस बीच पाकिस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन सकता है। सदी के मध्य तक ऐसा होने का अनुमान है। पाकिस्तान की आबादी वर्तमान में पांचवीं सबसे ज्यादा है। संयुक्त राष्ट्र का पूर्वानुमान है कि यह तेजी से अमेरिका और इंडोनेशिया जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए भारत और चीन के बाद दुनिया में आबादी के लिहाज से तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। पाकिस्तान अपने उच्च प्रजनन दर और उच्च जनसंख्या गति के कारण इसके बढ़ने की उम्मीद है। वहीं चीन और अमेरिका जैसे अन्य देशों में धीमी वृद्धि या यहां तक कि जनसंख्या में गिरावट देखी जा रही है। पाकिस्तान में औसतन एक महिला के तीन बच्चे हैं। इस कारण पाकिस्तान में जन्म दर मृत्यु दर से ज्यादा हो गई है। बड़ी आबादी किसी दोधारी तलवार की तरह है। चीन और भारत जैसे देशों के लिए इसने घरेलू खपत बढ़ाने में मदद की है।
बड़ी आबादी के कारण घरेलू वस्तुओं और सेवाओं की मांग काफी ज्यादा है। इससे बिजनेस को बढ़ने और परिपक्व होने के लिए जगह मिली। कुल मिलाकर इन देशों की तीव्र आर्थिक वृद्धि में इसका प्रमुख योगदान रहा है। हालांकि पाकिस्तान के लिए स्थिति काफी अलग है, क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था पहले से ही संघर्ष कर रही है। पाकिस्तान आज के समय अपना खर्च विदेशी कर्जों के जरिए चला रहा है। ऐसे में पाकिस्तान में जनसंख्या का बढ़ना बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता।
बढ़ती आबादी वाला देश लेबर फोर्स दे सकता है, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि उसे स्किल किया जाए। हालांकि पाकिस्तान पहले से ही उच्च बेरोजगारी और कम रोजगार दर का सामना कर रहा है। अगर अर्थव्यवस्था नए युवाओं के लिए नौकरियां पैदा नहीं करती तो बढ़ती जनसंख्या बेरोजगारी की समस्या को और बढ़ाएगी। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ेगी भोजन और ऊर्जा की मांग भी बढ़ेगी। पाकिस्तान में बार-बार ऊर्जा की कमी और खानेपीने की चीजों का महंगा होना कोई नई बात नहीं है। 2022 की विनाशकारी बाढ़ के बाद से देश में आर्थिक संकट शुरू होने के बाद यही स्थिति है। इसी बीच बता दे कि पाकिस्तान के आर्थिक हालात लगातार खराब हैं। इस बीच पाकिस्तान के हाथ बड़ा खजाना लगने की खबर आई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम डिवीजन के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि देश के क्षेत्रीय जल में तेल और गैस भंडार की खोज की पुष्टि तभी की जा सकती है जब उचित एक्सप्लोरेशन किया जाए। पेट्रोलियम डिवीजन के सूत्रों ने कहा, ‘समुद्र में तेल और गैस की खोज के लिे एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण किया गया था और इसके डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।’ रिपोर्ट में कहा गया कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि देश ने बड़े पैमाने पर तेल और गैस की खोज की है।
पेट्रोलियम डिवीजन ने आगे विस्तार से बताते हुए कहा कि महानिदेशक (डीजी) पेट्रोलियम रियायत ऑफिस अगले साल की पहली तिमाही में बोली आयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि सफल बोलीदाताओं को ऑफशोर ब्लॉक दिया जाएगा। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान में लगातार महंगाई के कारण जनता को बढ़े हुए दाम पर पेट्रोल और डीजल खरीदना पड़ रहा है। पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा पेट्रोलियम को विदेशों से खरीदने पर खर्च करता है।
पाकिस्तान में तेल या गैस के किसी भी भंडार की बड़ी खोज देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने की संभावना रखता है। पाकिस्तान पेट्रोलियम सूचना सेवाओं की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के तेल भंडार में साल-दर-सल 14 फीसदी गिरावट देखी गई है। हर साल लगातार गिरावट हो रही है। इसके अलावा रिपोर्ट कहती है कि साल-दर-साल गैस भंडार में 5 फीसदी की गिरावट देखी गई है। दिसंबर 2022 में 19042 बिलियन क्यूबिक फीट से यह 18,109 बिलियन क्यूबिक फीट हो गया।
नेशनल असेंबली की ऊर्जा पर स्थायी समिति के एक सत्र के दौरान बोलते हुए पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा था कि सरकार गैस की खोजने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। खोज के रिपोर्टों के संबंध में सूत्रों ने कहा कि देश ने पहले भी कई मौकों पर समुद्र में तेल और गैस का भंडार खोजा है। लेकिन यह सिर्फ अनुमान के आधार पर रहे हैं। जब तक गैस या तेल की खोज नहीं हो जाती, भंडार का आकार निर्धारित नहीं किया जा सकता। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष में कई बार ऐसी खबरें आती रही हैं कि पाकिस्तान में पेट्रोलियम की खोज हुई है।