क्या आपको पता है कि इराक में फिर से युद्ध ग्रह के बादल मंडराने लगे हैं! इराक में एक प्रभावशाली शिया मौलवी के हजारों समर्थक शनिवार को देश के संसद भवन में घुस गए। एक हफ्ते के अंदर इस तरह की यह दूसरी घटना है। वे ईरान समर्थित समूहों की ओर से सरकार गठन की कोशिशों का विरोध कर रहे हैं। वहीं, ईरान समर्थित शिया राजनीतिक दलों के गठबंधन ‘कोर्डिनेशन फ्रेमवर्क’ ने जवाबी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है जिससे इराक में गृह युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।
इराकी सुरक्षा बलों ने शुरूआत में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए। संसद भवन के अंदर घुसने पर प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अपनी मांगों पर जवाब मिलने तक वहां से नहीं जाएंगे। शनिवार को संसद का सत्र नहीं चल रहा था, इसलिए वहां कोई सांसद नहीं था। दोपहर तक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हिंसा में करीब 125 लोग घायल हो गए हैं जिनमें 100 आम आदमी और 25 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों ने किया बवाल
इससे पहले, दिन में मौलवी मुक्तदा अल-सद्र की अपील पर प्रदर्शनकारियों ने इराक के ग्रीन जोन के गेट के पास लगे सीमेंट के बैरिकेड्स को गिराने के लिए रस्सी का इस्तेमाल किया। ग्रीन जोन में सरकारी इमारतें और दूतावास हैं। प्रदर्शनकारी प्रभावशाली शिया मौलवी अल-सद्र के समर्थक हैं। अल-सद्र ने ईरान समर्थित राजनीतिक समूहों द्वारा अगली सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया है।
सद्र के समर्थकों ने 2016 में भी यही चीज तत्कालीन प्रधानमंत्री हैदर अल अबीदी के प्रशासन के तहत की थी। उल्लेखनीय है कि बुधवार को भी अल-सद्र के सैकड़ों समर्थक संसद भवन में घुस गए थे। शनिवार को शाम में, गठबंधन ने एक बयान में देश को बचाने के लिए अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण तरीके से जवाबी प्रदर्शन करने की अपील की, जिससे सड़कों पर बड़े पैमाने पर खूनखराबा होने की आशंका है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में इराक में अस्थिरता बढ़ने पर चिंता जताई और इराकी नेताओं से तनाव घटाने की अपील की। इस बीच, न सिर्फ बगदाद बल्कि इराक के अन्य हिस्सों से भी अल-सद्र के समर्थकों का संसद भवन में उमड़ना जारी है। उन्होंने विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ नारेबाजी की। उनका इशारा संभवत: ईरान की ओर है। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काधिमी ने सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों की रक्षा करने का निर्देश दिया है और प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा।
इराक में पीएम के चुनाव को लेकर घमासान
ईरान समर्थित राजनीतिक दलों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन किए जाने के विरोध में सैकड़ों इराकी प्रदर्शनकारी बुधवार को ईरान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इराकी संसद में घुस गए। इनमें कई प्रदर्शनकारी एक प्रभावशाली मौलवी के अनुयायी थे। कुछ को मेजों पर चढ़ते और इराकी झंडे लहराते देखा गया। उस समय वहां कोई सांसद मौजूद नहीं था। इमारत के अंदर केवल सुरक्षाबल थे और वे प्रदर्शनकारियों को आसानी से अंदर जाने की अनुमति देते दिखाई दिए।
इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर इराकी शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र के अनुयायी थे। ये प्रदर्शनकारी पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। मोहम्मद शिया अल-सुदानी को ईरान समर्थक नेता माना जाता है। संसद में बवाल बढ़ता देख प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने प्रदर्शनकारियों को ग्रीन जोन से तुरंत वापस जाने की चेतावनी दी। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षाबल देश की संपत्ति की रक्षा, विदेशी मिशनों की सुरक्षा, और सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए स्वतंत्र ऐक्शन ले सकते हैं।
मुक्तदा अल-सद्र के गुट ने इराक में अक्टूबर 2021 के चुनाव में 73 सीटें जीतीं थीं। इसी के 329 सीटों वाली इराकी संसद में यह गुट संख्याबल के मामले में सबसे बड़ा बन गया था। लेकिन वोट के बाद से, नई सरकार बनाने के लिए बातचीत रुक गई और अल-सद्र राजनीतिक प्रक्रिया से हट गए। अब वह अपनी पसंद के राजनेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।मुक्तदा अल-सद्र के गुट ने इराक में अक्टूबर 2021 के चुनाव में 73 सीटें जीतीं थीं। इसी के 329 सीटों वाली इराकी संसद में यह गुट संख्याबल के मामले में सबसे बड़ा बन गया था। लेकिन वोट के बाद से, नई सरकार बनाने के लिए बातचीत रुक गई और अल-सद्र राजनीतिक प्रक्रिया से हट गए। अब वह अपनी पसंद के राजनेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।