Friday, November 22, 2024
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क्या मां भी करने लगी अब अपराध? जानिए कुछ घटनाओं के बारे!

मां को हमेशा से ही सुरक्षित माना जाता है, लेकिन क्या हो जब माँ ही अपराध करने पर उतारू हो जाए! कोई अपराधी क्यों बनता है? इस सवाल के कई जवाब हैं। लेकिन एक जवाब यह भी है कि हालात जो ना कराए। परिस्थितियों का मारा इंसान भी अपराध करता है। तब हम पछताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? नहीं होना चाहिए था। फिर हमें अपने इर्द-गिर्द के समाज पर गुस्सा आता है। कैसा समाज बनाया है हमने जो अपराधी पैदा कर रहा है! किस तरह की व्यवस्था है जो किसी को अपराध के रास्ते पर धकेल रहा है! सोचिए, दिल्ली में एक बच्चा अपनी मां का कत्ल कर देता है। चार दिन तक शव के साथ रहता और पांचवें दिन खुद भी दुनिया से अलविदा कह देता है। 77 पन्ने का उसका नोट पढ़कर लगता है- हम क्या हो रहे हैं। इंसानों की बस्ती कब खूंखार जानवरों का जंगल बन गया, पता भी नहीं चला! हर कोई अपना मतलब साधने में लगा है, अपने छोटे से फायदे के लिए दूसरे का बड़ा-से-बड़ा नुकसान करने में कोई हिचक नहीं! लेस मात्र मानवता नहीं, इंसानियत का नामोनिशान खत्म! आखिर मानवता होती तो कोई मां अपनी सिर्फ 11 साल की बच्ची को मार देती? वो भी सिर्फ इसलिए कि वह बच्ची साथी लड़कों से बात करती है। हद है ना?

दूसरी तरफ वो मां जो अपनी बेटी से इतना प्यार करती है कि रास्ते का हर कांटा निकाल देना चाहती है, चाहे इंसानियत का गला ही क्यों ना घोंटनी पड़े। बेटी के क्लास का लड़का हमेशा टॉपर आता है, मां को बेचैनी होती है और वो निर्दोष बच्चे को जहर दे देती है। बेटी ने तो अभी ठीक से जीना भी नहीं सीखा है। वह ठीक से दुनिया में कदम भी नहीं रख पाई है। उसे तो जिंदगी में कई लोग ललकारेंगे। आखिर मां कितनों को जहर देकर बेटी का रास्ता साफ करेगी? लेकिन सनक में समझ की गुंजाइश कहां बचती है। मां को सनक है बेटी को बेरोकटोक आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाने की। खैर, सोचिए हम किस समाज में जी रहे हैं। कोई बेटी से नफरत में हैवान हो गई है तो कोई बेहद प्यार में शैतान बन गई है। उधर, एक बेटा है जो पिता को खोने के बाद खोया-खोया सा रहता है। मां पर जान लुटाता है, लेकिन उसे खुद जीना नहीं है। इसलिए पहले मां को मारता है ताकि उसे अपने बेटे की मौत का संताप नहीं हो। आइए दिल चीर देने वाली इन वाकयों को विस्तार से जानते हैं!

पहले मां का कत्ल और फिर सुसाइड… 70 पन्ने के सुसाइड नोट की सच्चाई को जिसने सुना उसके होश उड़ गए। 25 साल का सोनू अपनी मां के साथ रोहिणी में एक फ्लैट में रहता था। दो दिन पहले इस फ्लैट से पड़ोसियों को बदबू आने लगी। पुलिस को सूचना दी गई। जब पुलिस फ्लैट में पहुंची पूरा माजरा बेहद भयानक था। सोनू के कमरे में उसका शव पड़ा हुआ था। धारदार हथियार से उसने आत्महत्या की थी। वहीं बाथरूम से काफी ज्यादा बदबू आ रही थी। पुलिस ने बाथरूम में जाकर चेक किया तो वहां सोनू की मां की लाश पड़ी थी। पुलिस ने सोनू के पास से 70 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद किया। जिससे ये बात साफ हुई कि सोनू ने पहले अपनी मां को मारा और फिर खुद भी मौत को गले लगा लिया। इस घटना को ज़रा ध्यान से सोचिए यहां कोई नफरत नहीं थी, कोई दुश्मनी नहीं थी लेकिन फिर भी कत्ल किया गया वो भी खुद अपनी सगी मां का। पुलिस ने बताया कि सोनू डिप्रेशन में था। यानी जुर्म की कोई ठोस वजह नहीं थी लेकिन फिर भी इतनी खौफनाक तस्वीरें समाज के सामने आईं।

वो पानी में छटपटाती रही… बचाने की गुहार लगाई और फिर नहर में डूब गई। ये कहानी है मेरठ की रहने वाली ग्यारह साल की चंचल की जिसे इस दुनिया में लाने वाले माता पिता ने ही दुनिया से रुखसत कर दिया। चंचल को खुद उसके माता-पिता ने नहर में धक्का दे दिया। सुन के थोड़ा अजीब लग रहा है न, लेकिन ये चंद दिन पहले ही मेरठ में हुई हैरान करने वाली घटना है। जरा सोचिए सिर्फ ग्यारह साल की लड़की कैसे अपने खुद अपने माता-पिता की दुश्मन बन सकती है। कैसे कोई अपने कलेजे के टुकड़े को ज़िंदा नहर में फेंक सकता है। चंचल के माता-पिता को जब पुलिस ने हिरासत में लिया तो उन्होंने जो सच उगला वो तो और भी हैरान करने वाला था। चंचल की मां को शक था कि चंचल लड़कों से बात करती है। उसने ये बात अपने पति को बताई। और फिर दोनों पति-पत्नी ने सिर्फ इसलिए चंचल को मारने का प्लान बना डाला क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं आगे चलकर चंचल उनके परिवार की बदनामी का कारण न बन जाए। महज ग्यारह साल की बेटी से उन्हें इतना डर लगने लगा कि वो उन्हें अपने परिवार का कलंक लगने लगी और इसलिए अपने एक और रिश्तेदार के साथ मिलकर उस बच्ची को मौत के घाट उतार दिया।

देश के एक अन्य हिस्से पुड्डुचेरी से भी एक ऐसा ही दर्दनाक मामला देखने को मिला। यहां एक महिला ने अपनी बेटी के साथ पढ़ने वाले एक लड़के को सिर्फ इसलिए ज़हर देकर मार डाला क्योंकि वो इस महिला की बेटी से ज्यादा मार्क्स लेकर आता था। जरा सोचिए ये कैसी मानसिकता है। एक बच्चे से इतनी जलन की इस महिला ने उसका कत्ल कर दिया। इस महिला ने लड़के की हत्या के लिए बकायद पूरी प्लानिंग की। ये लड़का आरोपी महिला की बेटी के साथ हीआठवीं क्लास में पढ़ता था। बच्चे के लिए स्कूल में एक कार्यक्रम था। ये महिला उसके स्कूल पहुंची और गार्ड को बताया कि वो लड़के की मां है। इस महिला ने गार्ड को कोल्ड ड्रिंक की दो बोतले दी और कहां कि ये दोनों बोतले लड़के को पीने के लिए दे दे। फंक्शन के बाद लड़के ने कोल्ड ड्रिंक पी ली। शाम में जब वो घर पहुंचा तो उसकी तबियत खराब हो गई। लड़के उल्टी और दस्त होने लगे। परिवार वाले उसे अस्पताल ले गए। दवाई देने के बाद उसे वापिस घर लाया गया। अगले दिन लड़के की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई। उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

लड़के की तबियत कोल्ड ड्रिंक पीने से खराब हुई थी और ये बात उसने अपनी मां को बता दी थी। अपने बेटे की मौत के बाद मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जब जांच शुरू की और घटना की कड़ियों को जोड़ा गया तो मामला आरोपी महिला तक पहुंचा। महिला ने पुलिस के सामने जो हकीकत बताई उससे हर कोई हैरान था। महिला ने बताया कि इवो लड़का हमेशा उसकी बेटी से ज्यादा नंबर लाता था जिसकी वजह से वो परेशान थी। वो लंबे समय से उसे मारने का प्लान बना रही थी। इस महिला ने लड़के को कोल्ड ड्रिंक में ऐसा ज़हर दिया था जिससे किसी को पता ही नहीं चलता कि इस लड़के की मौत ज़हर देने से हुई। ये ज़हर ऐसा था कि जिसने लड़के को बीमार कर दिया। अगर अपनी मौत से पहले कोल्ड ड्रिंक की बात वो अपनी मां को ना बताता तो ये सच कभी सामने न आता। अब ज़रा सोचिए ये कैसा मामला है। इस कत्ल के पीछे आरोपी महिला की मानसिकता क्या रही होगी कि उसने सिर्फ जलन के चलते एक 13 साल के लड़के का कत्ल ही कर दिया।

अब ज़रा हाल ही के दिनों में हुई एक और घटना पर नज़र डालते हैं। ये घटना ऐसी है कि जिसने इसे सुना वो दंग रह गया। बागपत में डेढ़ साल के एक मासूम बच्चे को एक मां ने हाइवे पर चलती गाड़ी के सामने पटक दिया। आरोपी महिला उस बच्चे की सौतेली मां थी। सिर्फ डेढ़ साल के बच्चे को वो अपना दुश्मन मानती थी। वो उस बच्चे से छुटकारा पाना चाहती थी जिसने अब तक होश भी न संभाला था। सोचिए क्या डेढ़ साल का बच्चा ऐसा कुछ कर सकता है कि कोई महिला उसका इस बेरहमी से कत्ल कर दे। आरोपी महिला के दिमाग में क्या चल रहा होगा जो उसे नन्हां बच्चा अपना दुश्मन लगने लगा। डेढ़ साल के बच्चे को जिसे वो खुद पाल रही थी,जिसे घटना से ठीक पहले भी उसने गोद में रखा था, कैसे उस बच्चे को सड़क पर पटक कर मौत के मुंह में डाल सकती है।

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