जब किसी भी व्यक्ति की सांस की नलियों में खराबी या उसके फेफड़ों की नलियां पतली हो जाती हैं और उसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस बीमारी को दमे या अस्थमा की बीमारी कहा जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति को दौरे भी पड़ते हैं। इसका सबसे अच्छा इलाज इनहेलर है। इनहेलर को अस्थमा के रोगियों को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए।
क्या अस्थमा ठीक हो सकता है?
अस्थमा को पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता है, परन्तु इसके लक्षणों को निश्चित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
अस्थमा और दमा में अंतर?
इसमें सांस की नली में सूजन आजाती हिया जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है. इसका कोई इलाज नहीं हैं परन्तु इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.
अस्थमा के मरीज क्या खाएं
अस्थमा के मरीजों को गेंहूं, पुराना चावल, जौ, मूंग, कुल्थी, दाल, आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा पालक और गाजर के रस को अस्थमा में काफी फायदेमंद माना जाता है
सांस फूलने पर क्या खाना चाहिए?
अदरक का सेवन करें- अदरक का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस के टुकड़े को आप चबा चबाकर भी खा सकते हैं या अदरक को कूटकर उसकी चाय बनाकर भी पी सकते हैं। इससे आपके शरीर से बलगम निकलेगा और सांस फूलने की समस्या से निजात मिलेगी।
अस्थमा में कौन सा फल खाएं?
साथ ही जिन लोगों को अस्थमा की बीमारी है वो भी अगर फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें तो उनमें बीमारी के लक्षण जैसे- घरघराहट में भी कमी देखने को मिलती है. सेब, केला, ऐवोकाडो ये कुछ ऐसे फल हैं जिनका सेवन अस्थमा के मरीजों को जरूर करना चाहिए.
सांस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?
अदरक का सेवन जरूर करें- ऐसा माना जाता है कि अदरक में कुछ तत्त्व शामिल होते हैं जिससे सांस मार्ग में रुकावट पैदा करने वाले आरएसवी वायरस से लड़ने की क्षमता पैदा होती है. इससे सांस फूलने के तकलीफ को दूर किया जा सकता है
सांस की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए?
अस्थमा के मरीजों को अधिक मीठा, ठंडा पानी और दही के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ये उनकी परेशानियां और बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को तले हुए खाद्य पदार्थ भी नहीं खाने चाहिए और कार्बोहाइड्रेट, वसा वाली चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए।
अस्थमा में कौन सा जूस पीना चाहिए?
मौसंबी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं. अस्थमा के रोगियों को मौसंबी के रस में थोड़ा सा जीरा और अदरक मिलाकर पीना चाहिए. इससे उन्हें राहत मिलेगी.
लोग अनुभव कर सकते हैं:
खांसी: रात में हो सकती है, व्यायाम के दौरान, पुरानी, सूखी, कफ के साथ, हल्की या गंभीर हो सकती हैश्वसन: सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, मुंह से सांस लेना, तेज सांस लेना, बार-बार सांस लेने में संक्रमण, तेजी से सांस लेना या रात में सांस लेने में तकलीफयह भी आम है: छाती का दबाव, भड़कना, चिंता, जल्दी जागना, तेज़ हृदय गति, या गले में जलन
एक चिकित्सा निदान की आवश्यकता है
अस्थमा से सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट हो सकती है। लक्षण कभी-कभी भड़क सकते हैं। दमा के रोगी को शरीर में एसिड पैदा करने वाली चीजें जैसे कार्बोहाइड्रेट, फैट्स और प्रोटीन का इस्तेमाल कम मात्रा में करना चाहिए। * दमा के रोगी को नाश्ते में मुनक्का का शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। * दोपहर और रात के खाने में कच्ची सब्जियाँ जैसे ककड़ी,टमाटर, गाजर और सलाद का इस्तेमाल करें।
अस्थमा में क्या दूध पी सकते हैं
शाम के नाश्ते में आप सूप/ जूस या फलों को काट कर खा सकते हैं। सोने से पहले आप एक गिलास गर्म दूध भी पी सकते हैं। शहद और दालचीनी का सेवन करने से सर्दी-जुकाम की समस्याएं दूर रहती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों के लिए भी शहद और दालचीनी फायदेमंद साबित हो सकता है। रात में सोने से शहद और दालचीना का सेवन करें। इससे अस्थमा में होने वाली परेशानियां दूर रहेंगी।
अस्थमा को जड़ से खत्म कैसे करें?
अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए आप पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और इस पानी से उठती भाप लें। यह अस्थमा का जड़े से इलाज करती है। मेथी अस्थमा का सफल इलाज कर सकती हैं। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। पहले यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में अस्थमा का प्रसार लगभग 3% (30 मिलियन रोगी) है, जिसमें 15 वर्ष, 7 आयु वर्ग के वयस्कों में 2.4% और बच्चों में 4% से 20% के बीच है।